दुर्ग: कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले कम होने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने 2 अगस्त से स्कूल खोल दिए हैं. स्कूल अभिभावक संघ की स्वीकृति के बाद ही खोले गए हैं. सरकार की ओर से स्कूलों को खोले जाने के संबंध में जो नियम बनाए गए हैं, उसका जिले में पूरी तरह पालन किया जा रहा है, लेकिन जिले में संक्रमण के मामले अब भी पूरी तरह कम नहीं हुए हैं.
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में दुर्ग जिला हॉटस्पॉट रहा था और वर्तमान में भी यहां रोजाना कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं. बावजूद इसके स्कूलों का संचालन करने के लिए राज्य शासन ने आदेश दिए हैं. जिले में पहली से 5वीं, 8वीं, 10वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू हो गई हैं. दुर्ग में 1011 सरकारी स्कूल हैं, जहां 1 लाख 63 हजार बच्चे और 6300 टीचर हैं. इसके साथ ही 589 निजी स्कूल हैं, जहां 1 लाख 56 हजार बच्चे और 9300 टीचर हैं.
जिले के 16 सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम में स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है. स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक होने पर दो पाली में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. जिन बच्चों को कोरोना के लक्षण के पाए जा रहे हैं, उन्हें स्कूल में प्रवेश नहीं दिया रहा है. वहीं जिन टीचरों का वैक्सीनेशन हो चुका है, उनको ही स्कूल में पढ़ाने की अनुमति दी जा रही है.
ढाई-ढाई साल के सीएम: 'टीएस सिंहदेव दिल्ली शीर्ष नेतृत्व को बताने गए हैं कि मेरा टर्म आ गया'
इसके अलावा स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल में आने वालों बच्चों का गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग की जा रही है. जिले में 6300 टीचर हैं, इनमें 2520 टीचरों का पहला और दूसरा वैक्सीन का डोज लग चुका है. 3 फीसदी 222 टीचरों को वैक्सीन अभी नहीं लगी है. जिले में कंटेनमेंट जोन के अंदर आने वाले स्कूलों का संचालन बंद किया जा है और कंटेनमेंट जोन खत्म होने के बाद ही उन्हें खोलने के निर्देश दिए गए हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास बघेल ने बताया कि शासन के निर्देश पर स्कूल का संचालन किया जा रहा है. स्कूल संचालन से पहले अभिभावक समिति और शिक्षकों के साथ बैठक लेकर निर्णय लिया गया है. बैठक में अनुमति के बाद ही स्कूलों को खोला गया है और स्कूलों में ऑफ लाइन कक्षाएं संचालित की जा रही है. जो बच्चे स्कूल आने में असमर्थ हैं उन्हें ऑनलाइन के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है.