ETV Bharat / state

बाल सुधार गृह में बच्चोंं से कराया जाएगा मेडिटेशन और योग - दुर्ग के बाल सुधार गृह में योगा व मेडिटेशन

दुर्ग के बाल सुधार गृह में पिछले 2 से 3 साल में लगभग 18 से अधिक बार बच्चों ने भागने की कोशिश की है, इसे देखते हुए बाल सुधार गृह में योगा और मेडिटेशन से जोड़कर उनकी मानसिक दशा सुधारने का प्रयास किया जा रहा है.

Meditation and Yoga will be provided to children in durg child improvement home
बाल सुधार गृह, दुर्ग
author img

By

Published : Jul 4, 2020, 3:12 PM IST

दुर्ग : अपचारी बालकों की ओर से लगातार बाल सुधार गृह से भागने और अपराधों में दोबारा संलिप्तता को देखते हुए उनकी मानसिकता बदलने और समाज में अच्छे नागरिक बनकर जीने के लिए जिला प्रशासन ने पहल की है. दुर्ग के बाल सुधार गृह में किशोर न्याय अधिनियम और बाल अधिकारों को संरक्षित रखने के उद्देश्य से बालकों को योग और मेडिटेशन से जोड़कर उनकी मानसिक दशा सुधारने का प्रयास शुरू किया गया है.

बाल सुधार गृह में मिलेगी योग की शिक्षा
18 साल से कम उम्र के बालकों की ओर से जब भी कोई अपराध किया जाता है, उस वक्त उन्हें न्याय व्यवस्था के अनुरूप दंड देते हुए बाल सुधार गृह में भेजा जाता है, जहां उन्हें उनके अपराध का बोध कराकर उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ किया जाता है. लेकिन बाल सुधार गृह में मौजूद कुछ पुराने आपचारी बालकों की संगत में आकर कुछ बच्चे मुख्यधारा से भटक कर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं, जिसका नुकसान बच्चों के परिवार वालों को भुगतना पड़ता है. इसी कड़ी में दुर्ग कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे और एसपी प्रशांत ठाकुर के निर्देश पर साधना एवं योग शिक्षा शुरू की जा रही है. यह साधना शिविर विपश्यना साधना केन्द्र थनौद के आचार्य के माध्यम से कराया जा रहा है .
उज्जवल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास

सुधार गृह में रहने वाले आपचारी बालकों को उक्त साधना से गलत कार्यो में सुधार कर, मन परिवर्तन करते हुए समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही उनके उज्जवल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास भी किए जा रहे हैं. संस्थाओं में बार-बार अपराध कर आने वाले बच्चों की मन स्थिति को देखते हुए उनके अपराध करने की सोच को सकारात्मक रूप से बदलने के लिए साधना के साथ-साथ ज्ञानवर्धक फिल्में भी दिखाई जा रही हैं.

Meditation and Yoga will be provided to children in durg child improvement home
बाल सुधार गृह, दुर्ग

18 से अधिक बार बच्चों ने की भागने की कोशिश

बता दें कि यह योग 7 दिनों तक लगातार सुबह 9 बजे से होगा. कार्यक्रम में आचार्य की ओर से बच्चों को नशा से दूर रहकर स्वस्थ जीवन जीने और अपराध का समाज ,परिवार और खुद के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया जाएगा. कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने बताया कि बाल सुधार गृह की व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और जो बच्चे बालिग हो गए हैं, उनकी जानकारी महिला बाल विकास विभाग को दी गई है, ताकि उन्हें नियमानुसार अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जाए.

दुर्ग : अपचारी बालकों की ओर से लगातार बाल सुधार गृह से भागने और अपराधों में दोबारा संलिप्तता को देखते हुए उनकी मानसिकता बदलने और समाज में अच्छे नागरिक बनकर जीने के लिए जिला प्रशासन ने पहल की है. दुर्ग के बाल सुधार गृह में किशोर न्याय अधिनियम और बाल अधिकारों को संरक्षित रखने के उद्देश्य से बालकों को योग और मेडिटेशन से जोड़कर उनकी मानसिक दशा सुधारने का प्रयास शुरू किया गया है.

बाल सुधार गृह में मिलेगी योग की शिक्षा
18 साल से कम उम्र के बालकों की ओर से जब भी कोई अपराध किया जाता है, उस वक्त उन्हें न्याय व्यवस्था के अनुरूप दंड देते हुए बाल सुधार गृह में भेजा जाता है, जहां उन्हें उनके अपराध का बोध कराकर उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ किया जाता है. लेकिन बाल सुधार गृह में मौजूद कुछ पुराने आपचारी बालकों की संगत में आकर कुछ बच्चे मुख्यधारा से भटक कर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं, जिसका नुकसान बच्चों के परिवार वालों को भुगतना पड़ता है. इसी कड़ी में दुर्ग कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे और एसपी प्रशांत ठाकुर के निर्देश पर साधना एवं योग शिक्षा शुरू की जा रही है. यह साधना शिविर विपश्यना साधना केन्द्र थनौद के आचार्य के माध्यम से कराया जा रहा है .
उज्जवल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास

सुधार गृह में रहने वाले आपचारी बालकों को उक्त साधना से गलत कार्यो में सुधार कर, मन परिवर्तन करते हुए समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही उनके उज्जवल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास भी किए जा रहे हैं. संस्थाओं में बार-बार अपराध कर आने वाले बच्चों की मन स्थिति को देखते हुए उनके अपराध करने की सोच को सकारात्मक रूप से बदलने के लिए साधना के साथ-साथ ज्ञानवर्धक फिल्में भी दिखाई जा रही हैं.

Meditation and Yoga will be provided to children in durg child improvement home
बाल सुधार गृह, दुर्ग

18 से अधिक बार बच्चों ने की भागने की कोशिश

बता दें कि यह योग 7 दिनों तक लगातार सुबह 9 बजे से होगा. कार्यक्रम में आचार्य की ओर से बच्चों को नशा से दूर रहकर स्वस्थ जीवन जीने और अपराध का समाज ,परिवार और खुद के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया जाएगा. कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने बताया कि बाल सुधार गृह की व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और जो बच्चे बालिग हो गए हैं, उनकी जानकारी महिला बाल विकास विभाग को दी गई है, ताकि उन्हें नियमानुसार अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.