दुर्ग: धमधा पुलिस ने ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट के सामानों की फेक डिलीवरी का खुलासा किया है. पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी सहित 3 लोग अभी भी फरार हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से 42 लाख का सामान बरामद किया है. आरोपी फर्जी तरीके से मोबाइल, डिजिटल वॉच, डिजिटल कैमरा, महंगे लैपटॉप के नाम पर ठगी किया करते थे.
"ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट के असिस्टेंड मैनेजर ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई. शिकायतकर्ता ने बताया कि फ्लिपकार्ट से ऑनलाइन शॉपिंग के सामानों को फर्जी तरीके से डिलीवरी कर ली गई. लाखों रुपए लेकर कंपनी के मैनेजर और डिलीवरी बॉय फरार हो गए हैं. शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुटी गई थी. पुलिस ने मैनेजर और डिलीवरी बॉय समेत मामले में शामिल लोगों की पतासाजी की है. इसमें 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं 3 लोगों की पुलिस तलाश में जुटी है. पुलिस ने 42 लाख का सामान बरामद किया है." -सोमेश सिंह बघेल, धमधा थाना प्रभारी
ऐसे होती थी ठगी: धमधा थाना क्षेत्र में अमर मंडल ने अपने दोस्त अरविंद वर्मा के साथ मिलकर एक महीने पहले ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट का डिलीवरी हब बनाया. अरोपी हब का मैनेजर था, जिसने साथी अरविंद के साथ मिलकर धोखाधड़ी की योजना बनाई. इसके लिए अमर ने अपने परिचितों के नंबर से महंगे महंगे सामान ऑनलाइन ऑर्डर किए. जब ऑर्डर धमधा हब में आया तो आरोपी ने पूरे सामान को राजानंदगांव में मोनिका मौर्य के घर पर छिपा दिया. आरोपी अमर मंडल ने सभी सामानों की फर्जी ऑनलाइन डिलीवरी करके वेबसाइट पर अपडेट कर दी. असिस्टेंट मैनेजर ने जब सामानों की डिलीवरी के बारे में अरोपी मैनेजर से पूछा, तब वह टालमटोल करने लगा. आरोपी ने डिलीवरी हब का ताला भी बदल दिया था. असिस्टेंट मैनेजर ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने जब हब का ताला तोड़ा तो वहां सामान और पैसे कुछ भी नहीं थे.
महंगे सामान खपाने के फिराक में थे: आरोपी के साथी लोकेश ने धोखाधड़ी के सामानों को खपाने का जिम्मा लिया. लोकेश ने सभी सामान को लेकर अपने फूफा के गांव तिल्दा में छिपा दिया. इसके बाद आरोपी अरविंद वर्मा ने सबूत मिटाने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट की सफेद बोरियां से कंपनी का रैपर निकलकर उसे जलाकर नष्ट कर दिया. जिसके बाद आरोपी सामान को लेकर आरंग बाग गए थे, जिसे पुलिस ने जब्त किया है. पुलिस ने इस मामले में दीपक साहू, मनीष दास, मोनिका मौर्य, विकास साहू और अंकित को गिरफ्तार किया है. वहीं मुख्य आरोपी अमर मंडल, डिलीवरी बॉय अरविंद वर्मा और लोकेश साहू अभी भी फरार हैं.
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महंगे सामान जब्त: पुलिस ने आरोपियों के पास से 95 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 2 डिजिटल कैमरा, डिजिटल वॉच सहित कई और सामान बरामद किया है. बरामद सामानों को अनुमानित कीमत 42 लाख बताई जा रही है. जबकि आरोपियों ने 115 मोबाइल, 5 लैपटॉप, 3 डिजिटल कैमरा, 7 डिजिटल वॉच समेत कई दूसरे सामान की धोखाधड़ी की है, जिसकी कीमत 46 लाख आंकी गई है.