दुर्ग: जिले में बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. किसान रोजाना बारिश की आस में आसमान की ओर निहार रहे हैं, लेकिन अबतक उनकी अपेक्षा के अनुसार बारिश नहीं हुई है. कम बारिश होने और पानी की कमी के कारण कई खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं, जिसको लेकर जल संसाधन विभाग ने तांदुला डिविजन से पानी की मांग की है.
जिले में इस साल 1 लाख 42 हजार 570 हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई है. बीते साल की तुलना में 225 एकड़ क्षेत्रफल ज्यादा में बुआई की गई है. मानसून के शुरुआती दिनों में अच्छी बारिश हुई थी, लेकिन किसानों ने बुआई के लिए बारिश की कमी को देखते हुए जिले में तांदुला डिविजन जलाशय से 1 हजार क्यूसेक पानी की डिमांड रखी गई है. हालांकि तांदुला डिविजन ने अबतक इस पर कोई सहमति नहीं दी है, जिसके कारण धमधा ब्लॉक के ज्यादातर किसानों की फसल पानी की कमी से प्रभावित हो सकती है.
खेतों में पानी की कमी
जल संसाधन के कार्यपालन अभियंता बी जी तिवारी ने बताया कि अबतक हुई खेती के हिसाब से अच्छी बारिश हुई है, लेकिन बीते एक सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण खेतों में पानी की कमी देखी जा सकती है. विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हांकित कर विभिन्न योजनाओं के तहत पानी देने का आदेश दिया है.
इस बार तांदुला में ज्यादा जलभराव
कार्यपालन अभियंता बी जी तिवारी ने आगे बताया कि बीते साल बारिश तो अच्छी हुई थी, लेकिन देरी से बारिश होने कारण तांदुला का जलभराव 20 प्रतिशत रहा है. इस साल तांदुला जलाशय में 29 प्रतिशत जलभराव है. बीते साल कि तुलना में इस साल जलाशय में जलभराव की स्थिति अच्छी है.
मौसम की मेहरबानी होगी
मौसम विभाग ने प्रदेश में इस साल अच्छी बारिश की उम्मीद जताई है. छत्तीसगढ़ में मानसून के प्रवेश करने के बाद सभी जिलों में झमाझम बारिश हुई थी. हालांकि बीते कई दिनों से राज्य में मध्यम बारिश हुई है, जिससे कई जिलों में फसल प्राभवित हुई है. अब देखना ये होगा कि किसानों की उम्मीदों पर मौसम की मेहरबानी होगी या फिर किसानों को तांदुला बांध के भरोसे रहना पड़ेगा.