दुर्ग: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दुर्ग के पंडित रविशंकर स्टेडियम में एक विशाल जनसभा कर छत्तीसगढ़ में चुनावी शंखनाद किया. भूपेश सरकार पर हमला करते हुए केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों गिनाई. वहीं जनसभा से पहले अमित शाह पंडवानी गायिका और पद्मश्री से सम्मानित उषा बारले से मुलाकात करने भिलाई स्थित उनके निवास पहुंचे. यहां छत्तीसगढ़ी अंदाज में गृहमंत्री का भव्य स्वागत किया गया. कांसे की थाली में आरती करने के बाद लोटे में पानी दिया गया. उषा बारले के घर अमित शाह ने उनके बनाए छत्तीसगढ़ी पकवानों ठेठरी, खुरमी, अइरसा, करी लड्डू और तिल के लड्डू का स्वाद चखा.
अमित शाह और उषा बारले के मुलाकात के मायने: गृहमंत्री अमित शाह करीब 20 मिनट उषा बारले घर रुके. इस मुलाकात के दौरान उषा और अमित शाह के बीच क्या बातचीत हुई? इस पर सभी की नजरें टिकी हुई है. सियासी गलियारों में तो उषा बारले के भाजपा में शामिल होने की भी चर्चाएं हो रही है. लेकिन उषा बारले ने पहले ही राजनीति में नहीं जाने की बात कही है. किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ने से वे साफ मना कर चुकी हैं.
अमित शाह ने ट्वीट कर साझा की तस्वीर: गृहमंत्री अमित शाह ने उषा बारले से मुलाकात के बाद ट्वीट कर तस्वीर साझा की. अमित शाह ने पोस्ट में लिखा कि "पद्मश्री से सम्मानित प्रख्यात पंडवानी गायिका उषा बारले जी ने पंडवानी गायन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को देश के कोने कोने तक पहुंचाने का काम किया है. उन्होंने न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है. आज “संपर्क से समर्थन” कार्यक्रम के तहत उषा जी से भेंट कर पीएम मोदी जी के नौ साल के कार्यकाल में भारत द्वारा हर क्षेत्र में अर्जित अभूतपूर्व उपलब्धियों को उनसे साझा किया."
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पद्मश्री से सम्मानित प्रख्यात पंडवानी गायिका श्रीमती उषा बारले जी ने पंडवानी गायन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को देश के कोने-कोने तक पहुँचाने का काम किया है। उन्होंने न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
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आज “संपर्क से समर्थन” कार्यक्रम के तहत उषा जी से… pic.twitter.com/5aYK7vTfTcपद्मश्री से सम्मानित प्रख्यात पंडवानी गायिका श्रीमती उषा बारले जी ने पंडवानी गायन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को देश के कोने-कोने तक पहुँचाने का काम किया है। उन्होंने न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
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जानिए कौन हैं उषा बारले: उषा बारले कापालिक शैली की पंडवानी गायिका हैं. उषा बारले का जन्म 2 मई 1968 को भिलाई में हुआ. सात साल की उम्र से ही उषा बारले ने पंडवानी सीखना शुरू किया. उन्होंने तीजन बाई से पंडवानी गायन की बारीकियां भी सीखीं. इसके बाद उषा बारले छत्तीसगढ़ और देश समेत न्यूयॉर्क, लंदन, जापान में भी पंडवानी की प्रस्तुति दे चुकीं हैं.