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धमतरी: खंडहर में तब्दील हो रहा सोंढूर गार्डन, असुविधाओं से सैलानियों में मायूसी !

सोंढूर गार्डन इन दिनों खंडहर में तब्दील होता हुआ नजर आने लगा है. सोंढूर जलाशय और मुचकुंद ऋषि के आश्रम को देखने के लिए यहां दूर-दूर से सैलानी आते हैं और मन को सुकून देने गार्डन की ओर रुख करते हैं, लेकिन गार्डन की स्थिति देखकर वे सैलानी निराश नजर आते हैं.जिला प्रशासन इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही सुविधाए मुक्कमल कराने की बात कह रहा है.

सैलानियों में मायूसी
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Published : May 12, 2019, 10:30 AM IST

धमतरी: जिले से तकरीबन 130 किलोमीटर दूर सोंढूर जलाशय के पास सैलानियों के लिए बनाया गया गार्डन इन दिनों खंडहर में तब्दील होता हुआ नजर आने लगा है. सोंढूर जलाशय और मुचकुंद ऋषि के आश्रम को देखने के लिए यहां दूर-दूर से सैलानी आते हैं और मन को सुकून देने गार्डन की ओर रुख करते हैं, लेकिन गार्डन की स्थिति देखकर वे सैलानी निराश नजर आते हैं.

असुविधाओं से सैलानियों में मायूसी !

सैलानी बांध पड़ा है सुनसान
दरअसल सोंढूर जलाशय के निर्माण के साथ ही लाखों रुपये की लागत से बांध के करीब ही सर्वसुविधायुक्त गार्डन भी बनाया गया था. जिससे सैलानी बांध के साथ-साथ गार्डन में तफरीह कर सकें. लेकिन अब अच्छी सुविधाओं की कमी के कारण मायूसी छा गई है. आलम ये है कि अब गिनती के ही सैलानी बांध को निहारने पहुंचते हैं और उन्हें भी सिर्फ मायूसी ही हाथ लगती है.

ग्रामीणों ने कई बार लगाई गुहार
ग्रामीणों का कहना है कि गार्डन मरम्मत को लेकर कई बार शासन प्रशासन को शिकायत किया लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ. यह गार्डन पिछले 10 सालों से जर्जर स्थिति में है. लाखों रुपए की लागत से बने इस गार्डन पर सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे गार्डन की स्थिति बदहाल है.

कहीं टूटा गेट तो कहीं फेंका है झूला
मौजूदा स्थिति में यहां पानी की सुविधा नहीं है और गार्डन का झूला टूटा-फूटा पड़ा हुआ है. गार्डन की रखरखाव को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. लिहाजा गार्डन जर्जर स्थिति में है और गेट भी टूटा हुआ है जिससे सैलानियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहां तक कि सोंढूर जलाशय में सुरक्षा को देखते हुए हाईमास्ट लाइट लगाया हुआ है, लेकिन वह भी महीनों से बंद पड़ा हुआ है.

प्रशासन की उदासीनता, आश्वासन ही सही रास्ता !
बहरहाल जिला प्रशासन इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही सुविधाए मुक्कमल कराने की बात कह रहा है. अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है, या इसी तरह सैलानियों को असुविधाओ का सामना करना पड़ते रहेगा.

धमतरी: जिले से तकरीबन 130 किलोमीटर दूर सोंढूर जलाशय के पास सैलानियों के लिए बनाया गया गार्डन इन दिनों खंडहर में तब्दील होता हुआ नजर आने लगा है. सोंढूर जलाशय और मुचकुंद ऋषि के आश्रम को देखने के लिए यहां दूर-दूर से सैलानी आते हैं और मन को सुकून देने गार्डन की ओर रुख करते हैं, लेकिन गार्डन की स्थिति देखकर वे सैलानी निराश नजर आते हैं.

असुविधाओं से सैलानियों में मायूसी !

सैलानी बांध पड़ा है सुनसान
दरअसल सोंढूर जलाशय के निर्माण के साथ ही लाखों रुपये की लागत से बांध के करीब ही सर्वसुविधायुक्त गार्डन भी बनाया गया था. जिससे सैलानी बांध के साथ-साथ गार्डन में तफरीह कर सकें. लेकिन अब अच्छी सुविधाओं की कमी के कारण मायूसी छा गई है. आलम ये है कि अब गिनती के ही सैलानी बांध को निहारने पहुंचते हैं और उन्हें भी सिर्फ मायूसी ही हाथ लगती है.

ग्रामीणों ने कई बार लगाई गुहार
ग्रामीणों का कहना है कि गार्डन मरम्मत को लेकर कई बार शासन प्रशासन को शिकायत किया लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ. यह गार्डन पिछले 10 सालों से जर्जर स्थिति में है. लाखों रुपए की लागत से बने इस गार्डन पर सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे गार्डन की स्थिति बदहाल है.

कहीं टूटा गेट तो कहीं फेंका है झूला
मौजूदा स्थिति में यहां पानी की सुविधा नहीं है और गार्डन का झूला टूटा-फूटा पड़ा हुआ है. गार्डन की रखरखाव को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. लिहाजा गार्डन जर्जर स्थिति में है और गेट भी टूटा हुआ है जिससे सैलानियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहां तक कि सोंढूर जलाशय में सुरक्षा को देखते हुए हाईमास्ट लाइट लगाया हुआ है, लेकिन वह भी महीनों से बंद पड़ा हुआ है.

प्रशासन की उदासीनता, आश्वासन ही सही रास्ता !
बहरहाल जिला प्रशासन इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही सुविधाए मुक्कमल कराने की बात कह रहा है. अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है, या इसी तरह सैलानियों को असुविधाओ का सामना करना पड़ते रहेगा.

Intro:एंकर....धमतरी जिले से तकरीबन 130 किलोमीटर दूर सोंढूर जलाशय के पास सैलानियों के बनाएं गए गार्डन इन दिनों खंडहर में तब्दील होता हुआ नजर आने लगा है.बता दे कि सोंढुर जलाशय एवं मुचकुंद ऋषि के आश्रम को देखने के लिए यहां दूर-दूर से सैलानी आते है और मन को सुकून देने गार्डन की ओर रुख करते है लेकिन गार्डन की स्थिति देखकर सैलानी निराश होकर वापस लौट जाते है.

दरअसल सोंढूर जलाशय के निर्माण के साथ ही लाखों रुपये की लागत से बांध के करीब ही सर्वसुविधायुक्त गार्डन भी बनाया गया था.ताकि सैलानी बांध के साथ साथ गार्डन में तफरीह कर सके.लेकिन अब सैलानियों में अच्छी सुविधाओं की कमी के कारण मायूसी छा गई है. आलम ये है कि अब गिनती के ही सैलानी बांध को निहारने पहुँचते है और उन्हें भी सिर्फ मायूसी ही हाथ लगती है.सैलानियों के लिए न ही यहां पानी की व्यवस्था है और ना ही कोई मूलभूत सुविधा मिलती है.

ग्रामीणों का कहना है कि गार्डन मरम्मत को लेकर कई बार शासन प्रशासन को शिकायत किया लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ.यह गार्डन पिछले 10 सालों से जर्जर स्थिति में है.लाखों रुपए की लागत से बना हुआ यह गार्डन को सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.इस क्षेत्र को प्रशासन कोई ध्यान नहीं देते.इस वजह से गार्डन की स्थिति बदहाल है.Body:मौजूदा स्थिति में यहा पानी की सुविधा नही है और गार्डन का झूला टूटा फूटा पड़ा हुआ है.गार्डन की रखरखाव को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.लिहाजा गार्डन जर्जर स्थिति में है और गेट भी टूटा हुआ है जिससे सैलानियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.यहां तक कि सोंढुर जलाशय में सुरक्षा को देखते हुए हाईमास्ट लाइट लगाया हुआ है लेकिन वह भी महीनों से बंद पड़ा हुआ है.

गौरतलब है कि इस क्षेत्र घोर नक्सली क्षेत्र के अंतर्गत आता है और सीता नदी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने से यहां दूर-दूर से सैलानी आते हैं जिससे आसपास के क्षेत्र के ग्रामीणों को व्यापार का एक साधन बन सकता है और शासन प्रशासन को भी बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण इस क्षेत्र को अनदेखा किया जा रहा है

बहरहाल जिला प्रशासन इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही सुविधाए मुक्कमल कराने की बात कह रहा है अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गम्भीरता से लेती है या इसी तरह सैलानियों को असुविधाओ का सामना करना पड़ते रहेगा.
बाईट.... दीनदयाल मरकाम
बाईट.... देवराज वट्टी
बाईट.... रजत बंसल कलेक्टर

जय लाल प्रजापति सिहावा ( धमतरी ) 8319178303Conclusion:
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