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धान की फसल में लाई ने किसानों की माथे पर बढ़ाई चिंता की लकीरें

धमतरी में किसानों के माथे पर चिंता की लकीर दिखाई दे रही है. वहीं फसल को बीमारियों से बचाने के लिए किसान खेतों में दवा का छिड़काव भी कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी किसानों को राहत नहीं मिल रही है.

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Published : Nov 3, 2019, 3:31 PM IST

किसानों को हो रहा भारी नुकसान

धमतरी: बे-मौसम बारिश के बाद अब किसानों की तैयार फसल में लाई तनाछेदक जैसे बीमारियों ने किसानों को परेशान कर रखा है. तेजी से ग्रोथ कर रहे फसल को बीमारियों से बचाने के लिए किसान खेतों में दवा का छिड़काव भी कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी किसानों को राहत नहीं मिल रही है.

किसानों को हो रहा भारी नुकसान

धान के पौधे में बीमारियों के अटैक से किसान भारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं. एक ओर खरीफ फसल की कटाई चल रही है, तो दूसरी ओर ऐसे अनेक किसान हैं, जिनकी फसल तैयार हो रही है.

किसानों का कहना है कि धान की फसल में बीमारी से इस साल नुकसान होना तय है .लाई फूटने की बीमारी से धान की फसल को बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव भी कर रहे हैं. इसके बावजूद उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है.

किसानों का कहना है कि हर साल धान की लागत बढ़ती जा रही है. ऐसे में किसानी कार्य भी मुश्किल होता जा रहा है. खरपतवार की निंदाई और दवा छिड़काव के लिए किसान पहले बहुत खर्च कर चुके हैं. ऐसे में किसान एक बार फिर से धान की फसल को बचाने के लिए दौड़-भाग कर रहे हैं. बता दें कि पिछले कई सालों से इसी तरह की बीमारी आम हो चली है, जिसकी वजह से किसानों को हर साल काफी नुकसान उठाना पड़ता है.

धमतरी: बे-मौसम बारिश के बाद अब किसानों की तैयार फसल में लाई तनाछेदक जैसे बीमारियों ने किसानों को परेशान कर रखा है. तेजी से ग्रोथ कर रहे फसल को बीमारियों से बचाने के लिए किसान खेतों में दवा का छिड़काव भी कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी किसानों को राहत नहीं मिल रही है.

किसानों को हो रहा भारी नुकसान

धान के पौधे में बीमारियों के अटैक से किसान भारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं. एक ओर खरीफ फसल की कटाई चल रही है, तो दूसरी ओर ऐसे अनेक किसान हैं, जिनकी फसल तैयार हो रही है.

किसानों का कहना है कि धान की फसल में बीमारी से इस साल नुकसान होना तय है .लाई फूटने की बीमारी से धान की फसल को बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव भी कर रहे हैं. इसके बावजूद उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है.

किसानों का कहना है कि हर साल धान की लागत बढ़ती जा रही है. ऐसे में किसानी कार्य भी मुश्किल होता जा रहा है. खरपतवार की निंदाई और दवा छिड़काव के लिए किसान पहले बहुत खर्च कर चुके हैं. ऐसे में किसान एक बार फिर से धान की फसल को बचाने के लिए दौड़-भाग कर रहे हैं. बता दें कि पिछले कई सालों से इसी तरह की बीमारी आम हो चली है, जिसकी वजह से किसानों को हर साल काफी नुकसान उठाना पड़ता है.

Intro:बेमौसम बारिश के बाद अब किसानों तैयार हो रही फसल में लाई तनाछेदक जैसे बीमारियों ने परेशान कर रखा है.हालांकि तेजी से ग्रोथ कर रहे फसल को बीमारियों से बचाने किसान खेतों में दवा का छिड़काव भी कर रहे है लेकिन इसके बाद भी किसानों को राहत नहीं मिल रही है.धान के पौधों में बीमारियों के अटैक से किसान भारी नुकसान का आंकलन कर रहे है.


Body:एक ऒर खरीफ फसल की कटाई चल रही है तो दूसरी ओर ऐसे अनेक किसान है जिनके फसल तैयार हो रही है.तैयार फसल में बीमारी ने किसानों को हताश कर दिया है.इलाके के कई गांव में इस बीमारी ने धान की फसल को चौपट करना शुरू कर दिया है.किसानों का कहना है कि खेत में तैयार हो रही धान की फसल में बीमारी से इस साल नुकसान होना तय है लाई फूटने की बीमारी से धान की फसल को बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव भी कर रहे हैं इसके बावजूद उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है.किसानों का कहना है कि हर साल धान की लागत बढ़ती जा रही है ऐसे में किसानी कार्य भी मुश्किल होता जा रहा है. खरपतवार की निंदाई और दवा छिड़काव के लिए किसान पहले बहुत खर्च कर चुके है.ऐसे में किसान एक बार फिर से धान की फसल को बचाने के लिए दौड़ भाग कर रहे है.


Conclusion:बता दें कि पिछले कई सालों से इसी तरह की बीमारी आम हो चली है जिसकी वजह से किसानों को हर साल काफी नुकसान उठाना पड़ता है.


बाईट_01 मुकेश साहू,किसान
बाईट_02 वेदमती,महिला किसान
बाईट_03 सुदामा साहू,किसान

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
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