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धमतरी में कोरोना संकट के बीच मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रखे रोजे

धमतरी में कोरोना संकट के बीच बुधवार से रहमतों और बरकतों का पवित्र माह रमजान शुरू हो गया है. एक माह तक चलने वाले इस पवित्र माह को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. इस्लाम धर्म के मानने वाले मुस्लिम भाईयों ने खुदा की रजा के लिए रोजा रखा.

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Published : Apr 15, 2021, 1:37 AM IST

Updated : Apr 15, 2021, 6:17 AM IST

कोरोना संकट के बीच मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रखे रोजे, Kept fasting by the Muslim community between Corona crisis
कोरोना संकट के बीच मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रखे रोजे

धमतरीः कोरोना संकट के बीच बुधवार से रहमतों और बरकतों का पाक और पवित्र माह रमजान शुरू हो गया है. एक माह तक चलने वाले इस पवित्र माह को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों में खासा उत्साह है. इस्लाम धर्म के मानने वाले मुस्लिम भाईयों ने खुदा की रजा के लिए रोजा रखा. जिले में माहे रमजान पर विशेष नमाजे तरावीह भी अदा की. उनका मानना है कि अल्लाह तआला अपने बंदों की आजमाईश करता है, जो सच्चा बंदा होगा. वहीं उसके इम्तेहान में कामयाब होगा.

सेहरी के साथ शुरू हुआ रोजा

इस्लाम में रमजान की अपनी एक अहमियत है. मुसलमान भाई इस पवित्र महीने में अल्लाह तआला की इबादत में मशरूफ रहते है. मंगलवार को चांद की तस्दीक होने के बाद, शहर की जामा मस्जिद सहित विभिन्न मस्जिदों में विशेष नमाजे तरावीह अदा की गई. अंजुमन इस्लामियां कमेटी के अनुसार जामा मस्जिद में मुफ्ती मोहम्मद जुबैर ने नमाजे तरावीह अदा कराई. रात 3 बजे के बाद सेहरी की गई.

बिलासपुर: शांति समिति की बैठक, रमजान को लेकर दिए गए खास निर्देश

भीषण गर्मी में रोजा रख रहे मुस्लिम परिवार

बता दे कि इस साल भीषण गर्मी में रमजान का महीना शुरू हुआ है. करीब 16 घंटे तक भूखे-प्यासे रहकर मुस्लिम भाई रोजा रख रहे हैं. इसमें नन्हें-नन्हें बच्चे भी शामिल हैं. दस साल के बच्चे मोहम्मद नूर ने बताया कि, अल्लाह की याद करते हुए उसने रोजा रखा. उसे भी भूख-प्यास जरूर लगी, लेकिन सब्र का दामन नहीं छोड़ा. रोजदार मोहम्मद अनीस, अख्तर रजा, गुलाम कादिर, अहमद कुरैशी, सिद्दीक सोलंकी का कहना है कि, सच्ची नीयत से रोजा रखा जाए तो भूख और प्यास की शिद्दत महसूस नहीं होती. खुदा हर रोजादारों के साथ रहता है. उन्होंने कहा कि इस फर्ज को अदा करने से उन्हें रूह को सुकून मिलता है.

रोजादारों ने बताया रोजा का महत्व

रोजदार सैय्यद हसन अली, बब्बू भाई, अजमल भाई, मो. दिलावर रोकडिया ने बताया कि, हर बालिग मोमिन पर इस्लाम में रोजा फर्ज किया गया है. खुदा का शुक्र है कि उसने रोजा रखने की उन्हें तौफिक दी. रोजदार मोहम्मद आजम रिजवी, जमाल रिजवी, नजीर अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद एजाज ने बताया कि रोजा ईमान को और मजबूत करता है. इस महीने में खुदा की राह में की गई इबादत कबूल होती है. गौरतलब है कि धमतरी जिले में मुस्लिम समाज की अच्छी खासी तादाद है. यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम परिवार रहते हैं. जो वर्षों से आपसी भाईचारे और सौहार्द की मिसाल देते रहते है.

धमतरीः कोरोना संकट के बीच बुधवार से रहमतों और बरकतों का पाक और पवित्र माह रमजान शुरू हो गया है. एक माह तक चलने वाले इस पवित्र माह को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों में खासा उत्साह है. इस्लाम धर्म के मानने वाले मुस्लिम भाईयों ने खुदा की रजा के लिए रोजा रखा. जिले में माहे रमजान पर विशेष नमाजे तरावीह भी अदा की. उनका मानना है कि अल्लाह तआला अपने बंदों की आजमाईश करता है, जो सच्चा बंदा होगा. वहीं उसके इम्तेहान में कामयाब होगा.

सेहरी के साथ शुरू हुआ रोजा

इस्लाम में रमजान की अपनी एक अहमियत है. मुसलमान भाई इस पवित्र महीने में अल्लाह तआला की इबादत में मशरूफ रहते है. मंगलवार को चांद की तस्दीक होने के बाद, शहर की जामा मस्जिद सहित विभिन्न मस्जिदों में विशेष नमाजे तरावीह अदा की गई. अंजुमन इस्लामियां कमेटी के अनुसार जामा मस्जिद में मुफ्ती मोहम्मद जुबैर ने नमाजे तरावीह अदा कराई. रात 3 बजे के बाद सेहरी की गई.

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भीषण गर्मी में रोजा रख रहे मुस्लिम परिवार

बता दे कि इस साल भीषण गर्मी में रमजान का महीना शुरू हुआ है. करीब 16 घंटे तक भूखे-प्यासे रहकर मुस्लिम भाई रोजा रख रहे हैं. इसमें नन्हें-नन्हें बच्चे भी शामिल हैं. दस साल के बच्चे मोहम्मद नूर ने बताया कि, अल्लाह की याद करते हुए उसने रोजा रखा. उसे भी भूख-प्यास जरूर लगी, लेकिन सब्र का दामन नहीं छोड़ा. रोजदार मोहम्मद अनीस, अख्तर रजा, गुलाम कादिर, अहमद कुरैशी, सिद्दीक सोलंकी का कहना है कि, सच्ची नीयत से रोजा रखा जाए तो भूख और प्यास की शिद्दत महसूस नहीं होती. खुदा हर रोजादारों के साथ रहता है. उन्होंने कहा कि इस फर्ज को अदा करने से उन्हें रूह को सुकून मिलता है.

रोजादारों ने बताया रोजा का महत्व

रोजदार सैय्यद हसन अली, बब्बू भाई, अजमल भाई, मो. दिलावर रोकडिया ने बताया कि, हर बालिग मोमिन पर इस्लाम में रोजा फर्ज किया गया है. खुदा का शुक्र है कि उसने रोजा रखने की उन्हें तौफिक दी. रोजदार मोहम्मद आजम रिजवी, जमाल रिजवी, नजीर अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद एजाज ने बताया कि रोजा ईमान को और मजबूत करता है. इस महीने में खुदा की राह में की गई इबादत कबूल होती है. गौरतलब है कि धमतरी जिले में मुस्लिम समाज की अच्छी खासी तादाद है. यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम परिवार रहते हैं. जो वर्षों से आपसी भाईचारे और सौहार्द की मिसाल देते रहते है.

Last Updated : Apr 15, 2021, 6:17 AM IST
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