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धमतरी : विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में शामिल हुईं राज्यपाल अनुसुइया उइके - dhamatri

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने मगरलोड में आयोजित एक कार्य़क्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान राज्यपाल ने प्रदेश के शहीद आदिवासी विभूतियों को भी याद किया.

राज्यपाल अनुसुईया उइके.
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Published : Aug 10, 2019, 7:39 AM IST

Updated : Aug 10, 2019, 3:47 PM IST

धमतरी : छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने मगरलोड पहुंचीं. इस दौरान अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय भी मौजूद रहे. इस दौरान समाज के लोगों ने आदिवासी परंपराओं के मुताबिक राज्यपाल का भव्य स्वागत किया.

इस दौरान राज्यपाल ने आदिवासी समाज के आराध्य बूढ़ादेव और आंगादेव की पूजा-अर्चना की. राज्यपाल ने आदिवासी समाज के लोगों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 'जनजातीय समाज अपनी गौरवशाली भाषा, संस्कृति और परम्पराओं के लिए जाने जाते है. वर्तमान समय में दूसरे समाजों की तुलना में आदिवासी समाज का विकास कम हुआ है. भारत के संविधान में दिए गए अधिकारों का उपयोग करने के लिए आदिवासियों को जागरूक और शिक्षित होने की जरुरत है'. इस दौरान राज्यपाल ने समाज के महान विभूतियों शहीद वीरनारायण सिंह, शहीद गुण्डाधूर, रानी दुर्गावती, बिरसा मुंडा को भी याद किया.

कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सांसद नंदकुमार साय ने कहा कि 'अभी आदिवासियों के सामने नशा मुक्ति और उच्च शिक्षा बड़ी चुनौती है. इस दिशा काम किया जाना जरूरी है. इस सम्मेलन में आदिवासी समाज के दिग्गज पदाधिकारी समेत हजारों की संख्या में आदिवासी शामिल हुए'.

धमतरी : छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने मगरलोड पहुंचीं. इस दौरान अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय भी मौजूद रहे. इस दौरान समाज के लोगों ने आदिवासी परंपराओं के मुताबिक राज्यपाल का भव्य स्वागत किया.

इस दौरान राज्यपाल ने आदिवासी समाज के आराध्य बूढ़ादेव और आंगादेव की पूजा-अर्चना की. राज्यपाल ने आदिवासी समाज के लोगों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 'जनजातीय समाज अपनी गौरवशाली भाषा, संस्कृति और परम्पराओं के लिए जाने जाते है. वर्तमान समय में दूसरे समाजों की तुलना में आदिवासी समाज का विकास कम हुआ है. भारत के संविधान में दिए गए अधिकारों का उपयोग करने के लिए आदिवासियों को जागरूक और शिक्षित होने की जरुरत है'. इस दौरान राज्यपाल ने समाज के महान विभूतियों शहीद वीरनारायण सिंह, शहीद गुण्डाधूर, रानी दुर्गावती, बिरसा मुंडा को भी याद किया.

कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सांसद नंदकुमार साय ने कहा कि 'अभी आदिवासियों के सामने नशा मुक्ति और उच्च शिक्षा बड़ी चुनौती है. इस दिशा काम किया जाना जरूरी है. इस सम्मेलन में आदिवासी समाज के दिग्गज पदाधिकारी समेत हजारों की संख्या में आदिवासी शामिल हुए'.

Intro:विश्व आदिवासी दिवस को आदिवासी समाज के लोग एक जगह इक्कठे होकर इस दिन को पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाते है और अपने संवैधानिक हक को व्यापक चर्चाएं भी करते है.धमतरी में आदिवासी दिवस के मौके पर जिले भर से हज़ारो की संख्या में आदिवासी शामिल हुए.साथ मे आदिवासियों के बड़े नेता भी यहां पहुँचे.जिले के मगरलोड में आयोजित इस समारोह में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके का आदिवासी परंपरा के मुताबिक शानदार स्वागत किया गया.

Body:बता दे कि राज्यपाल सुश्री उइके का यह छत्तीसगढ़ में प्रथम प्रवास था और राज्यपाल न सिर्फ आदिवासी समाज के बुलावे पर मगरलोड पहुँची बल्कि उनके बीच 1 घण्टे से ज्यादा का वक्त भी बिताई.वही इस बीच उन्होंने आदिवासी समाज के आराध्य देवता बूढ़ादेव और आंगादेव की पूजा-अर्चना भी किया.

इस मौके पर कार्यक्रम में पहुँचे पूर्व सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग नंदकुमार साय ने कहा कि अभी आदिवासियों के सामने नशा मुक्ति और उच्च शिक्षा बड़ी चुनौती है और इस दिशा काम किया जाना जरूरी है.इधर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उइके ने आदिवासी समाज के लोगों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जनजातीय समाज अपनी गौरवशाली भाषा, संस्कृति और परम्पराओं के संरक्षण के लिए जाने जाते है.वर्तमान परिदृश्य में अन्य समाजों की तुलना में आदिवासी समाज का विकास अपेक्षाकृत नहीं हो पाया है.भारत के संविधान में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करने के लिए आदिवासियों को जागरूक व शिक्षित होने की आवश्यकता है.राज्यपाल ने समाज के महान विभूतियों वीरनारायण सिंह,गुण्डाधूर, रानी दुर्गावती,बिरसा मुण्डा का स्मरण करते हुए आगे कहा कि जल, जंगल और जमीन की विरासत को संजोने वाले आदिवासी स्वभावतः सहज व भोले-भाले होते है.समय की मांग के अनुरूप अब उन्हें अपने अधिकार के प्रति सतर्क और सचेत होने की जरूरत है.राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में यह भी आश्वस्त किया कि समाज के लोगों को जब भी उनके सहयोग की जरूरत हो,वे बेझिझक आकर अपनी समस्याएं रख सकते है.

Conclusion:धमतरी के मगरलोड में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सर्व आदिवासी समाज ने सम्मेलन का आयोजन किया गया था.जहां इस सम्मेलन में आदिवासी समाज के दिग्गज पदाधिकारी सहित हजारो की संख्या में आदिवासी शामिल हुए.इस सम्मेलन में आदिवासियों ने अपने हितों और अधिकारो पर खुलकर चर्चा की.

बाईट_01 डॉ लक्ष्मी ध्रुव,विधायक सिहावा विधानसभा क्षेत्र
बाइट_02 नंद कुमार साय,राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग
बाईट_03 अनुसूइया उइके,राज्यपाल छत्तीसगढ़

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी

Last Updated : Aug 10, 2019, 3:47 PM IST
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