धमतरी: कोरोना काल में खरीफ वर्ष 2020-21 के लिए सरकारी बैंकों से इस बार किसान ज्यादा ऋण ले रहे हैं, क्योंकि कोरोना के कारण गांव के लोग इस बार बाहर काम करने नहीं जा सके. पहले किसान खेती के अलावा घर की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बाहर भी काम करने जाते थे, जो इस साल नहीं हो पाया. शायद यही वजह है कि किसानों ने रकबे का पूरा ऋण इस बार ले लिया है.
जिले में किसानों ने खरीफ वर्ष 2020-21 में सहकारी बैंकों से सबसे ज्यादा ऋण लिया है. इस साल किसानों ने अब तक 164 करोड़ का ऋण लिया है, जबकि बीते साल यह आंकड़ा 145 करोड़ के आसपास था. किसानों को ऋण देने की अंतिम तिथि 30 सितंबर तक है, लिहाजा ये माना जा रहा है कि कर्ज का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.
बीते साल की तुलना में लिया गया ज्यादा कर्ज
दरअसल, खाद और नगद का वितरण सहकारी बैंक प्राथमिक कृषि साख सहकारी बैंक की ओर से किया जाता है. बताया जा रहा है कि पिछले साल यानी 2019-20 में करीब 48 हजार किसानों ने 124 करोड़, 84 लाख, 28 हजार का ऋण लिया था, तो वहीं इस बार ऋण लेने वाले किसानों की संख्या 52 हजार 744 हो गई है और इन किसानों को सहकारी बैंकों से खाद और नगद के रूप में करीब 161 करोड़ 89 लाख 93 हजार का कर्ज वितरण किया गया है और इसकी वसूली धान बेचने के दौरान किसानों से की जाएगी. इस तरह बीते साल की तुलना में किसानों को अभी तक ज्यादा ऋण का वितरण किया गया है.
ज्यादा ऋण का वितरण
खरीफ वर्ष 2020-21 में किसानों ने 113 करोड़ 64 लाख 61 हजार का नगद ऋण लिया है. बीते वर्ष 48 हजार किसानों को 96 करोड़ का कर्ज बांटा गया था. वहीं इस बार बीते वर्ष से 19 करोड़ ज्यादा ऋण बंटा है. इस बार खाद-बीज से 48 करोड़ 25 लाख 32 हजार का ऋण ही किसानों ने लिया है, जबकि बीते वर्ष भी 48 करोड़ का ऋण खाद-बीज से ही लिया गया था.
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3 हजार से ज्यादा नए किसानों ने लिया ऋण
बता दें कि साल 2016-17 में ऋण लेने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई थी. इस साल 3 हजार 865 में किसानों ने सहकारी बैंक से ऋण लिया था. हालांकि इसके बाद ऋण लेने वाले किसानों की संख्या कम हो गई थी. अब वर्तमान में 3 हजार 873 नए किसानों ने सहकारी बैंकों से ऋण लिया है.
कर्ज लेने को मजबूर किसान
कर्ज माफ होने के बाद जिले में 3 हजार किसानों ने ऋण की राशि जमा नहीं की और इन किसानों ने धान का पंजीयन कराने के बाद सोसायटी में धान ही नहीं बेचा. इन किसानों से 3 करोड़ की वसूली की जानी है, ऐसे में किसानों को ऋण जमा करने पर ही दूसरी बार ऋण मिलेगा. बहरहाल ये आंकड़े बताते हैं कि इस बार किसानों ने अधिक मात्रा में खाद-बीज के लिए सरकारी बैंक से कर्ज लिया है. हालांकि इसे सरकार के ऋण माफी की वजह से भी जोड़ा जा सकता है, लेकिन इसकी एक वजह कोरोना महामारी भी है, जिसने किसानों को कर्ज लेने पर मजबूर कर दिया.