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मंडी में किसानों को नहीं मिल रहा उपज का दाम, किसानों में मायूसी

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Published : May 6, 2020, 10:38 AM IST

धमतरी में लॉकडाउन के बीच धान खरीदी शुरू हो गई है. कोरोना वायरस के संकमण को देखते हुए सुरक्षा के पूरे इंतजाम के साथ धान खरीदी की जा रही है, लेकिन किसानों को उनके उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है, इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.

PADDY PURCHASE
धान मंडी

धमतरी: लॉकडाउन के बीच जिले में धान खरीदी में तेजी आई है. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरी सावधानी और सुरक्षा उपाय के साथ धान खरीदी की जा रही है, हालांकि कृषि उपज मंडी में धान की आवक तो बढ़ गई है, लेकिन किसानों को उनके उपज का उचित दाम नहीं मिल रहा है, इससे किसानों में मायूसी है.

किसानों में मायूसी
जिले में रबी फसल की कटाई में तेजी आते ही मंडी में धान की आवक बढ़ने लगी है. कृषि उपज मंडी में रोजाना 5 हजार कट्टा धान की खरीदी जा रही है, लेकिन अन्नदाताओं को सही दाम नहीं मिल पा रहा है. आलम ये है कि किसानों को मजबूरी में धान बेचना पड़ रहा है, जबकि इससे फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है.

किसानों को हो रहा भारी नुकसान
किसानों का कहना है कि सोसायटियों की तरह 2500 रु/क्विंटल न मिले, लेकिन लागत को देखते हुए 2100-2200 क्विंटल उन्हें मिलना चाहिए. किसानों की मानें तो आज खेती की लागत बढ़ गई है. प्रति एकड़ खेती में 15 से 20 हजार का खर्च आ रहा है, ऐसे में उचित दाम नहीं मिलने से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

5 मई को मंडी में आईआर 64 को न्यूनतम 1470 रुपए से लेकर अधिकतम 1540 का भाव मिला. इसी तरह सांभा को 1650-1661, सरोना 1550-1566, ओम थ्री 1661-1731, श्रीराम 1700-1700 और इसी तरह धान 1001 को न्यूनतम 1421-1445, धान 1010 को 1475-1530 का भाव मिला. वहीं एचएमटी को 1700-1991 का भाव मिला.

ऑनलाइन टोकन सिस्टम का बुरा हाल
कृषि उपज मंडी में ऑनलाइन टोकन सिस्टम का बुरा हाल है. मंडी में भीड़ न बढ़े, इसलिए जिला प्रशासन के निर्देश पर 3 मई से ऑनलाइन टोकन सिस्टम की शुरुआत की गई है, लेकिन जानकारी के अभाव में किसान सीधे मंडी पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से यहां किसानों की भीड़ बढ़ रही है. वही मंडी प्रशासन को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में भी मशक्कत करनी पड़ रही है. रविवार को छोड़कर बीते तीन दिनों में ऑनलाइन टोकन सिस्टम से महज 82.37 क्विंटल धान की आवक हुई है.

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हो रहा काम
धमतरी कृषि मंडी में धमतरी, बालोद और कांकेर जिले से किसान धान लेकर पहुंचते हैं. वहीं धान खरीदी शुरू होने से यहां करीब 300 से अधिक रेजा और हमालों को काम मिलने लगा है. धान खरीदी के दौरान यहां कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी के नियमों का भी पालन कराया जा रहा है.

धमतरी: लॉकडाउन के बीच जिले में धान खरीदी में तेजी आई है. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरी सावधानी और सुरक्षा उपाय के साथ धान खरीदी की जा रही है, हालांकि कृषि उपज मंडी में धान की आवक तो बढ़ गई है, लेकिन किसानों को उनके उपज का उचित दाम नहीं मिल रहा है, इससे किसानों में मायूसी है.

किसानों में मायूसी
जिले में रबी फसल की कटाई में तेजी आते ही मंडी में धान की आवक बढ़ने लगी है. कृषि उपज मंडी में रोजाना 5 हजार कट्टा धान की खरीदी जा रही है, लेकिन अन्नदाताओं को सही दाम नहीं मिल पा रहा है. आलम ये है कि किसानों को मजबूरी में धान बेचना पड़ रहा है, जबकि इससे फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है.

किसानों को हो रहा भारी नुकसान
किसानों का कहना है कि सोसायटियों की तरह 2500 रु/क्विंटल न मिले, लेकिन लागत को देखते हुए 2100-2200 क्विंटल उन्हें मिलना चाहिए. किसानों की मानें तो आज खेती की लागत बढ़ गई है. प्रति एकड़ खेती में 15 से 20 हजार का खर्च आ रहा है, ऐसे में उचित दाम नहीं मिलने से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

5 मई को मंडी में आईआर 64 को न्यूनतम 1470 रुपए से लेकर अधिकतम 1540 का भाव मिला. इसी तरह सांभा को 1650-1661, सरोना 1550-1566, ओम थ्री 1661-1731, श्रीराम 1700-1700 और इसी तरह धान 1001 को न्यूनतम 1421-1445, धान 1010 को 1475-1530 का भाव मिला. वहीं एचएमटी को 1700-1991 का भाव मिला.

ऑनलाइन टोकन सिस्टम का बुरा हाल
कृषि उपज मंडी में ऑनलाइन टोकन सिस्टम का बुरा हाल है. मंडी में भीड़ न बढ़े, इसलिए जिला प्रशासन के निर्देश पर 3 मई से ऑनलाइन टोकन सिस्टम की शुरुआत की गई है, लेकिन जानकारी के अभाव में किसान सीधे मंडी पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से यहां किसानों की भीड़ बढ़ रही है. वही मंडी प्रशासन को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में भी मशक्कत करनी पड़ रही है. रविवार को छोड़कर बीते तीन दिनों में ऑनलाइन टोकन सिस्टम से महज 82.37 क्विंटल धान की आवक हुई है.

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हो रहा काम
धमतरी कृषि मंडी में धमतरी, बालोद और कांकेर जिले से किसान धान लेकर पहुंचते हैं. वहीं धान खरीदी शुरू होने से यहां करीब 300 से अधिक रेजा और हमालों को काम मिलने लगा है. धान खरीदी के दौरान यहां कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी के नियमों का भी पालन कराया जा रहा है.

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