धमतरी : परंपरा की बेड़ियों को तोड़ते हुए एक परिवार ने समाज में मिसाल पेश की है. दरअसल, धमतरी जिले के सिहावा के रहने वाले मोहन लाल साहू लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिनका रविवार को देहांत हो गया. उनके बेटे की मौत भी कुछ साल पहले हो गई थी. बेटा नहीं होने के कारण उनकी दो बेटियों और बहू ने अर्थी को कंधा दिया. पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटियों और बहू ने बेटे का फर्ज निभाया.
मृतक मोहन लाल साहू के बेटे दीपक साहू का कुछ साल पहले निधन हो गया था. जिसकी वजह से उन्हें कंधा देने वाला घर में कोई पुरुष नहीं था. ऐसे में समाज की परंपरा को तोड़ते हुए बहू रूमान साहू और दो बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटे का फर्ज निभाया. लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए उनकी अंतिम यात्रा में परिजन और ग्रामीण शामिल हुए.
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बेटियों और बहू की हो रही तारीफ
मृतक मोहन लाल, साहू समाज परिक्षेत्र सिरसिदा के अध्यक्ष भी रह चुके थे. उनकी दो बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. बेटे की मौत हो जाने के बाद उनकी बहू और दो नाती सिहावा में ही रहते हैं. बहरहाल अर्थी को कंधा देकर बेटे का फर्ज निभाने वाली बेटियों और बहू की स्थानीय लोग तारीफ कर रहे हैं.