धमतरी: नियमितीकरण की मांग पूरी न होने से नाराज धमतरी जिले के 350 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी शनिवार से हड़ताल पर बैठ गए हैं. कोरोना संकट के बीच स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से संक्रमण की रोकथाम करने के लिए किए जा रहे कार्यों पर इसका व्यापक असर पड़ेगा. मांगें पूरी न होने पर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर विरोध जताया था. राज्य में 13 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत हैं. जो कोरोना काल में भी अपनी सेवा दे रहे हैं. राज्य सरकार के चुनावी जन घोषणा पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया गया था, जो अब तक पूरा नहीं किया गया है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय ने बताया कि एनएचएम संघ कई बार शासन को मांग पूरा करने के लिए ज्ञापन दे चुका है. लेकिन अब तक शासन से किसी प्रकार का सकारात्मक जवाब नहीं मिला है. इससे सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में नाराजगी है. इसके चलते प्रदेश सविंदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर पूरे प्रदेश के 13 हजार कर्मचारियों के साथ, धमतरी जिले के 350 संविदा अधिकारी और कर्मचारियों ने भी 9 सितंबर से नियमितीकरण का शंखनाद किया था. जिसमें सांकेतिक विरोध प्रदर्शन जारी था.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर संविदा स्वास्थ्य कर्मी, नियमितीकरण की मांग
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. जिसे सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है. इसे लेकर NHM कर्मचारी संघ ने सरकार को 13 सितंबर तक अपने मांगों पर विचार करने का समय दिया था. इस बीच कर्मचारियों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर काम करते हुए पूरे प्रदेश में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन भी किया था. लेकिन सरकार की ओर से किसी भी तरह की पहल नहीं होने के कारण शनिवार से धमतरी के 350 कर्मचारियों समेत पूरे प्रदेश में NHM संघ के कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं.