धमतरी: छत्तीसगढ़ के सभी जिले कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं. अस्पतालों में बिस्तर खाली नहीं है. ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी बनी हुई है. धमतरी के भी ज्यादातर निजी अस्पताल भर चुके हैं. लोग अपनों को बचाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन के पीछे भाग रहे हैं. धमतरी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी है. डिमांड का फायदा उठाकर कुछ शहरों में दलाल भी सक्रिय हो गए हैं. कलेक्टर ने एक बार फिर से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले दलालों को चेताया है. कलेक्टर ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.
तीन ड्रग इंस्पेक्टर को इंजेक्शन व्यवस्था की जिम्मेदारी
जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड ज्यादा है. ज्यादा डिमांड का फायदा उठाकर कुछ शहरों में दलाल भी सक्रिय हो गए हैं. कलेक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था को लेकर तीन ड्रग इंस्पेक्टर को जिम्मेदारी सौंपी है.कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ड्रग इंस्पेक्टर के कंट्रोल में मांग के अनुरूप अस्पतालों में यह इंजेक्शन की सप्लाई हो रही है.
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इंजेक्शन का कंट्रोल ऑर्डर धमतरी जिले में ही लागू
कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने कहा कि निजी अस्पताल क्यों रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखते हैं बड़ा चिंता का विषय है. कहीं इसके पीछे कालाबाजारी तो नहीं हो रही है. जिले में जितना भी रेमडेसिविर इंजेक्शन आता है उसकी ऑनलाइन कॉपी लेकर सीधा अस्पतालों को भेज दिया जाता है. लेकिन कंट्रोल ऑर्डर धमतरी जिले में ही लागू है. जिसके कारण कुछ लोग बाहर से खरीद कर धमतरी में कालाबाजारी करते होंगे. हालांकि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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धमतरी के निजी अस्पतालों में नहीं होगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई
रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir injection) की कमी को देखते हुए धमतरी कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने 15 अप्रैल को सख्त कदम उठाया था. किसी भी निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की पर्ची नहीं लिखने के निर्देश दिए थे. साथ ही डीलरों को प्राइवेट अस्पतालों में भी इंजेक्शन की सप्लाई करने पर रोक लगा दी थी. कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए जिले में पंजीकृत डीलरों को निर्माता कंपनी से जितनी मात्रा में आपूर्ति होती है. उसका पूरा ब्यौरा देना होगा. इंजेक्शन की आपूर्ति किसी भी परिस्थिति में निजी अस्पतालों में नहीं की जाएगी. डीलर सिर्फ शासकीय अस्पतालों और जिला प्रशासन की ओर से स्थापित निजी डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर में ही सप्लाई कर सकेंगे. उनका ब्यौरा भी आनलाइन स्वास्थ्य विभाग को देना होगा. यदि कोई डीलर इस निर्देश का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.