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धमतरी में लोग 10 महीने में पी गए सवा सौ करोड़ की शराब - Alcohol consumption increases

धमतरी जिले में बीते 10 महीने में सवा सौ करोड़ रुपये की शराब की खपत हुई है. वहीं नए सत्र शुरू होने में के बाद आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.

Alcohol consumption increases in Dhamtari
धमतरी में शराब की खपत बढ़ी
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Published : Feb 12, 2020, 3:27 PM IST

धमतरी: वैसे तो सरकार नशे पर नियंत्रण के लिए खुद को प्रतिबद्ध बताती है. नियंत्रण के नाम पर शराब दुकानों की संख्या में कमी की जाती है, लेकिन जमीन पर सरकार के इन कदमों का कोई असर नहीं पड़ रहा है. दुकानें भले ही कम की जाएं लेकिन शराब की खपत में लगातार इजाफा हो रहा है. धमतरी जिले की बात करें तो यहां के शराबी बीते 10 माह में सवा सौ करोड़ का 'सोमरस' गटक गए.

धमतरी में बढ़ी शराब की खपत
बता दें कि अप्रैल 2019 से अब तक 25 लाख लीटर देशी शराब और 9 लाख लीटर अंग्रेजी शराब की बिक्री हुई है. इसके साथ ही लोग 5 लाख लीटर बीयर भी पी गए. इस पूरी बिक्री से सरकार ने 125 करोड़ रूपये का राजस्व हुआ है. वैसे अभी भी धमतरी में शराब बिक्री अपने लक्ष्य से काफी पीछे है, क्योंकि इस साल में धमतरी में कुल 207 करोड़ 96 लाख की शराब बेचने का लक्ष्य रखा गया था. जिले में बीते साल के मुकाबले इस साल में अभी तक 5 फीसदी राजस्व अधिक हासिल किया गया है.


बढ़ी शराब की खपत
अंग्रेजी शराब की खपत में बीते साल के मुकाबले दोगुनी बढ़ोतरी हुई है. जबकि शराब दुकानों की संख्या पहले के मुताबले कम ही रही. 2018-19 में कुल 29 लाख लीटर देशी शराब बिकी. जिले में कुल 27 दुकानें थीं और इस साल कुल 5 लाख लीटर अंग्रेजी शराब बिकी. इसी तरह बियर की बिक्री 4 लाख लीटर रही. इस बिक्री से कुल 181 करोड़ 13 लाख का राजस्व मिला. जबकि लक्ष्य 181 करोड़ का था. इधर 2019-20 के बीते 10 माह के आंकड़े देखें तो.अब तक कुल 25 लाख लीटर देशी शराब बिकी,कुल 9 लाख लीटर अंग्रेजी शराब की बिक्री,कुल 5 लाख लीटर बियर बिकी.जबकि इस बार दुकाने सिर्फ 26 ही है, यानि 10 माह में कुल राजस्व 125 करोड़ रूपए सरकारी खजाने में पहुंचे.


बढ़ सकता है आंकड़ा
बता दें कि इस तरह से धमतरी में शराब के शौकीनों ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा शराबखोरी के जरिए सरकारी खजाने तक पहुंचाया. जबकि अभी नया सत्र शुरू होने में दो महीने बाकी हैं और उम्मीद है कि ये आंकड़ा बढ़ सकता है.

धमतरी: वैसे तो सरकार नशे पर नियंत्रण के लिए खुद को प्रतिबद्ध बताती है. नियंत्रण के नाम पर शराब दुकानों की संख्या में कमी की जाती है, लेकिन जमीन पर सरकार के इन कदमों का कोई असर नहीं पड़ रहा है. दुकानें भले ही कम की जाएं लेकिन शराब की खपत में लगातार इजाफा हो रहा है. धमतरी जिले की बात करें तो यहां के शराबी बीते 10 माह में सवा सौ करोड़ का 'सोमरस' गटक गए.

धमतरी में बढ़ी शराब की खपत
बता दें कि अप्रैल 2019 से अब तक 25 लाख लीटर देशी शराब और 9 लाख लीटर अंग्रेजी शराब की बिक्री हुई है. इसके साथ ही लोग 5 लाख लीटर बीयर भी पी गए. इस पूरी बिक्री से सरकार ने 125 करोड़ रूपये का राजस्व हुआ है. वैसे अभी भी धमतरी में शराब बिक्री अपने लक्ष्य से काफी पीछे है, क्योंकि इस साल में धमतरी में कुल 207 करोड़ 96 लाख की शराब बेचने का लक्ष्य रखा गया था. जिले में बीते साल के मुकाबले इस साल में अभी तक 5 फीसदी राजस्व अधिक हासिल किया गया है.


बढ़ी शराब की खपत
अंग्रेजी शराब की खपत में बीते साल के मुकाबले दोगुनी बढ़ोतरी हुई है. जबकि शराब दुकानों की संख्या पहले के मुताबले कम ही रही. 2018-19 में कुल 29 लाख लीटर देशी शराब बिकी. जिले में कुल 27 दुकानें थीं और इस साल कुल 5 लाख लीटर अंग्रेजी शराब बिकी. इसी तरह बियर की बिक्री 4 लाख लीटर रही. इस बिक्री से कुल 181 करोड़ 13 लाख का राजस्व मिला. जबकि लक्ष्य 181 करोड़ का था. इधर 2019-20 के बीते 10 माह के आंकड़े देखें तो.अब तक कुल 25 लाख लीटर देशी शराब बिकी,कुल 9 लाख लीटर अंग्रेजी शराब की बिक्री,कुल 5 लाख लीटर बियर बिकी.जबकि इस बार दुकाने सिर्फ 26 ही है, यानि 10 माह में कुल राजस्व 125 करोड़ रूपए सरकारी खजाने में पहुंचे.


बढ़ सकता है आंकड़ा
बता दें कि इस तरह से धमतरी में शराब के शौकीनों ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा शराबखोरी के जरिए सरकारी खजाने तक पहुंचाया. जबकि अभी नया सत्र शुरू होने में दो महीने बाकी हैं और उम्मीद है कि ये आंकड़ा बढ़ सकता है.

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