धमतरी: वैसे तो सरकार नशे पर नियंत्रण के लिए खुद को प्रतिबद्ध बताती है. नियंत्रण के नाम पर शराब दुकानों की संख्या में कमी की जाती है, लेकिन जमीन पर सरकार के इन कदमों का कोई असर नहीं पड़ रहा है. दुकानें भले ही कम की जाएं लेकिन शराब की खपत में लगातार इजाफा हो रहा है. धमतरी जिले की बात करें तो यहां के शराबी बीते 10 माह में सवा सौ करोड़ का 'सोमरस' गटक गए.
बढ़ी शराब की खपत
अंग्रेजी शराब की खपत में बीते साल के मुकाबले दोगुनी बढ़ोतरी हुई है. जबकि शराब दुकानों की संख्या पहले के मुताबले कम ही रही. 2018-19 में कुल 29 लाख लीटर देशी शराब बिकी. जिले में कुल 27 दुकानें थीं और इस साल कुल 5 लाख लीटर अंग्रेजी शराब बिकी. इसी तरह बियर की बिक्री 4 लाख लीटर रही. इस बिक्री से कुल 181 करोड़ 13 लाख का राजस्व मिला. जबकि लक्ष्य 181 करोड़ का था. इधर 2019-20 के बीते 10 माह के आंकड़े देखें तो.अब तक कुल 25 लाख लीटर देशी शराब बिकी,कुल 9 लाख लीटर अंग्रेजी शराब की बिक्री,कुल 5 लाख लीटर बियर बिकी.जबकि इस बार दुकाने सिर्फ 26 ही है, यानि 10 माह में कुल राजस्व 125 करोड़ रूपए सरकारी खजाने में पहुंचे.
बढ़ सकता है आंकड़ा
बता दें कि इस तरह से धमतरी में शराब के शौकीनों ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा शराबखोरी के जरिए सरकारी खजाने तक पहुंचाया. जबकि अभी नया सत्र शुरू होने में दो महीने बाकी हैं और उम्मीद है कि ये आंकड़ा बढ़ सकता है.