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नगरपालिका की लापरवाही से दूषित हो रही 'दंतेवाड़ा की गंगा' - जल प्रदूषण

सार्वजनिक शौचालय का मल-मूत्र डंकिनी-शंखनी नदी में जा रहा है. नेताओं और अधिकारियों से मामले की शिकायत कई बार की जा चुकी है लेकिन समाधान अब तक नहीं हुआ.

डंकिनी-शंखनी नदी
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Published : Nov 3, 2019, 10:25 PM IST

Updated : Nov 3, 2019, 11:06 PM IST

दंतेवाडा : डंकिनी-शंखनी नदी दंतेवाड़ा की गंगा मानी जाती है. मां दंतेश्वरी के चरणों को धोती हुई यह नदी बह रही है. लेकिन इस 'गंगा' को नगरपालिका प्रदूषित करने में कोई कसर नही छोड़ रहा है. बस स्टैंड के पीछे स्थित सार्वजनिक शौचालय का मल-मूत्र नदी में जा रहा है जिसकी खबर होते हुए भी नगरपालिकाल चैन की नींद सो रहा है.

नगरपालिका की लापरवाही से दूषित हो रही 'दंतेवाड़ा की गंगा'

बस स्टैंड के पास निवासरत लोगों ने कई बार अधिकारियों और नेताओं से गुहार लगाई लेकिन इस समस्या का समाधान नहीं हो सका. अहम बात यह है कि यही पानी संगम तक पहुंचता है. इसी जल से श्रद्धालु स्नान करते हैं और अपने घरों में भी बोतलों में लेकर जाते हैं.

रहवासियों को होती है दिक्कतें

रहवासियों का कहना है कि नगरपालिका लोगों को दूषित पानी का उपयोग करने को मजबूर कर रहा है. इस संदर्भ में CMO मोइन अली से संपर्क करने की कोशिश की गई. नगरपालिका कर्मचारियों ने बताया कि वे अवकाश पर हैं.

पढ़ें :राज्य स्थापना दिवस पर दंतेवाड़ा में हुआ शहीदों के परिजनों का सम्मान

नेताओं और अधिकारियों ने नहीं ली सुध

बता दें कि नवरात्रि, फागुन, मड़ई और विशेष त्योहार पर रहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. महिलाओं ने बताया कि 'शौचालय का गेट भी घरों के ठीक सामने है. घर से निकलने के दौरान आंखे नीचे कर निकलना पड़ता है'. आराध्य देवी की धरती होने की वजह से यहां 12 माह भीड़ रहती है. ये दर्द सालों से झेल रहे हैं. न ही नेताओं ने दर्द को समझा और न ही अधिकारियों ने सुध ली'.

दंतेवाडा : डंकिनी-शंखनी नदी दंतेवाड़ा की गंगा मानी जाती है. मां दंतेश्वरी के चरणों को धोती हुई यह नदी बह रही है. लेकिन इस 'गंगा' को नगरपालिका प्रदूषित करने में कोई कसर नही छोड़ रहा है. बस स्टैंड के पीछे स्थित सार्वजनिक शौचालय का मल-मूत्र नदी में जा रहा है जिसकी खबर होते हुए भी नगरपालिकाल चैन की नींद सो रहा है.

नगरपालिका की लापरवाही से दूषित हो रही 'दंतेवाड़ा की गंगा'

बस स्टैंड के पास निवासरत लोगों ने कई बार अधिकारियों और नेताओं से गुहार लगाई लेकिन इस समस्या का समाधान नहीं हो सका. अहम बात यह है कि यही पानी संगम तक पहुंचता है. इसी जल से श्रद्धालु स्नान करते हैं और अपने घरों में भी बोतलों में लेकर जाते हैं.

रहवासियों को होती है दिक्कतें

रहवासियों का कहना है कि नगरपालिका लोगों को दूषित पानी का उपयोग करने को मजबूर कर रहा है. इस संदर्भ में CMO मोइन अली से संपर्क करने की कोशिश की गई. नगरपालिका कर्मचारियों ने बताया कि वे अवकाश पर हैं.

पढ़ें :राज्य स्थापना दिवस पर दंतेवाड़ा में हुआ शहीदों के परिजनों का सम्मान

नेताओं और अधिकारियों ने नहीं ली सुध

बता दें कि नवरात्रि, फागुन, मड़ई और विशेष त्योहार पर रहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. महिलाओं ने बताया कि 'शौचालय का गेट भी घरों के ठीक सामने है. घर से निकलने के दौरान आंखे नीचे कर निकलना पड़ता है'. आराध्य देवी की धरती होने की वजह से यहां 12 माह भीड़ रहती है. ये दर्द सालों से झेल रहे हैं. न ही नेताओं ने दर्द को समझा और न ही अधिकारियों ने सुध ली'.

Intro:नगर पालिका ही मैली करने में लगा है दंतेश्वरी की गंगा को
- डंकनी-शंखनी में जा रहा बस स्टैंड स्थित शौचालय का मल-मूत्र
- आसपास रहने वाले भी परेशान,अधिकारी नेताओं से शिकायत के बाद भी नही मिला निजात
- यही जल मिलता है माँ के चरणों के नीचे संगम में, श्रद्धालु भी करते है स्नान
- विशेष पर्व पर तो बस स्टैंड के पीछे निवासरत लोंगो का जीना हो जाता है मुहाल
दंतेवाडा। डंकिनी-शंखनी नदी मा दंतेश्वरी के चरणों के नीचे से बह रही है। दंतेवाड़ा की गंगा मानी जाने वाली इस नदी को नगरपालिका प्रदूषित करने में कोई कसर नही छोड़ रहा है। बस स्टैंड के पीछे स्थित सार्वजनिक शौचालय का मल-मूत्र नदी में।मिल रहा है। बस स्टैंड के पास निवासरत लोंगो ने कई बार अधिकारियों और नेताओं से गुहार लगाई,लेकिन इस विकट समस्या का समाधान नही हो सका। महिलाओं ने कहा जीना मुहाल हो रहा है। अहम बात यह है कि यही संगम तक पहुंचता है। इसी जल से श्रद्धालु स्नान करते है और अपने घरों में भी बोतलों में लेकर जाते है। उनको क्या पता ,नगर पालिका उनको दूषित पानी से स्नान करने और पीने पर मजबूर कर रहा है। इस संदर्भ में नगर पालिका मोइन अली से संपर्क करने की कोशिश की। नगरपालिका कर्मचारियों ने बताया कि वे अवकाश पर है।




Body:विशेष पर्व पर तो जीना मुहाल
नवरात्रि,फागुन मड़ई और विशेष दिन पर यहां के रहने बुरी तरह से परेशान हो जाते है। महिलाओं ने कहा शौचालय का गेट भी घरों के ठीक सामने है। घर से निकलने के दौरान आंखे नीचे कर निकलना पड़ता है। बरसात में बदबू से परेशान रहते है। आराध्य देवी की धरा होने से भिड़ तो 12 माह रहती है। ये दर्द सालो से झेल रहे है। न ही नेताओं ने दर्द को समझ और न ही बेदर्द अधिकारियों ने सुध ली।


Conclusion:vis
byt लक्ष्मी ठाकुर
byt रूपा बाई सोरी
byt राजेश्वरी रजक
byt श्रीराम ठाकुर
byt दीपक रवानी
byt- नगरपालिका उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप सिंह
Last Updated : Nov 3, 2019, 11:06 PM IST
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