दंतेवाड़ा : विश्व महिला दिवस के मौके पर जहां दुनिया भर में महिलाओं का सम्मान किया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर दंतेवाड़ा जिले के समेली गांव में आदिवासी महिलाओं को फेंक कर उपहार दिया जा रहा था. दरअसल, समेली में महिला दिवस के मौके पर जिला प्रशासन ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे.
कार्यक्रम के समापन के बाद आदिवासी महिलाओं और ग्रामीणों को फेंक-फेंक कर सामान वितरण किया गया.
कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा, एसपी डॉ अभिषेक पल्लव और DIG सीआरपीएफ डीएन लाल इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से मौजूद रहे. महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के समापन के बाद ग्रामीणों को सामान वितरण किया गया. सामान वितरण करने का अंदाज ऐसा था कि मानों कोई राजा अपनी प्रजा में खैरात बांट रहा हो.
उंची जगह पर खड़े होकर अफसरों ने पास में मौजूद महिलाओं और ग्रामीणों पर सामानों को फेंकना शुरू किया, हद तो तब हो गई जब पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों की मौजूदगी में कुछ अफसर पास में खड़ी महिलाओं पर चप्पलें फेंकनी शुरू कर दी.
आदिवासी नेताओं जाहिर की नाराजगी
लगभग आधे घंटे तक अफसर इसी अंदाज में सामान वितरण करते रहे. अफसरों के इस अंदाज में सामान बांटने को लेकर आदिवासी नेताओं ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है.
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'महिलाओं का हुआ अपमान'
अफसरों के इस अंदाज में सामान वितरण को लेकर आदिवासी कांग्रेस नेता दीपक कर्मा ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है, कर्मा का कहना है कि 'आदिवासी सम्मान के भूखे हैं, सामान के नहीं' महिला दिवस के मौके पर अफसरों ने कार्यक्रम के दौरान महिलाओं का अपमान किया है. मामले की शिकायत वे सीएम से करेंगे'
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'पीछे खड़े लोगों को नहीं मिल रहा था सामान'
मामले में दंतेवाड़ा कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा का कहना है कि 'सामान वितरण होता देख भारी भीड़ सामने आ गई थी और पीछे खड़े लोगों को सामान नहीं मिल पा रहा था. पीछे खड़े लोगों को सामान मिल सके इसलिये कुछ सामान फेंककर दिए गए'.