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गांव-गांव ईटीवी भारत: नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में नर्सों की टीम कर रही जागरूक, हो रहा वैक्सीनेशन

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सबसे मुश्किल है गांवों को सुरक्षित रखना. छत्तीसगढ़ के गांवों में भी कोरोना इंफेक्शन पहुंचने लगा है. नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थिति न बिगड़े इसके के लिए नर्स, एएनएम और मितानिन जैसी स्वास्थ्यकर्मी लगातार सेवा दे रही हैं. वैक्सीन को लेकर डर और अफवाह के बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को जागरूक कर रही है.

Health Department team making villagers aware about corona and vaccination
कोरोना के प्रति जागरूकता
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Published : May 14, 2021, 9:51 PM IST

Updated : May 15, 2021, 5:33 PM IST

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थिति न बिगड़े इसके के लिए नर्स, एएनएम और मितानिन जैसी स्वास्थ्यकर्मी लगातार सेवा दे रही हैं. वैक्सीन को लेकर डर और अफलाह के बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को जागरूक कर रही है. नक्सल प्रभावित दूरस्थ जंगलों में कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है. इसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम अहम भूमिका निभा रही है. जिले में पदस्थ ANM दीपिका नाग और उनकी टीम नक्सल प्रभावित क्षेत्र मेटापाल-पोन्दुम में जाकर कोरोना संक्रमण के प्रति ग्रामीणों में जागरूकता अभियान चला रही है. गांव के बुजुर्गों का वैक्सीनेशन चल रहा है. कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करने के लिए उनकी मातृभाषा गोंडी और हल्बी में जागरूकता भी फैलाया जा रहा है. ग्रामीणों को कोरोना से बचने के उपाय और टीकाकरण के फायदे के बारे में बताया जा रहा है.

नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में नर्सों की टीम कर रही जागरूक

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अहम भूमिका में है स्वास्थ्य विभाग की टीम

ETV भारत की टीम ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र मेटापाल-पोन्दुम में फ्रंटलाइन वॉरियर ANM दीदियों से चर्चा की है. दीप्ति नाग और उनकी टीम ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले के अधिकांश नक्सल प्रभावित अंदरूनी के इलाकों में जाकर टीम कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूकता अभियान चला रही है. टीम गांव वालों को घर-घर जाकर कोरोना टीकाकरण के फायदे बता रही है. अधिकांश गांव में कोरोना के प्रति अंधविश्वास बना हुआ है. जिसे उनकी गोंडी हल्बी भाषा में समझा कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिनों का भी सहयोग

स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ ही गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन भी इसमें सहयोग कर रहे हैं. जिनके माध्यम से गांव में डोर-टू-डोर कोरोना किट का वितरण किया जा रहा है. गांव के लोग भी स्वास्थ्य विभाग को अपनी समस्याओं से अवगत करवा रहे हैं.

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पैदल यात्रा कर दे रहे सेवा

दंतेवाड़ा के अंदरूनी क्षेत्रों में जाने के लिए कई बार स्वास्थ्य विभाग की टीम को पैदल यात्रा भी करनी पड़ रही है. गांव में जाने के लिए कभी-कभी स्वास्थ्य टीम को कई किलोमीटर पगडंडियों के रास्ते से पैदल चलना पड़ता है. नक्सली इलाका होने के बाद भी अपनी जान हथेली में रखकर टीम गांव पहुंच रही है. ड्यूटी कर अपना कर्तव्य निभा रही है. टीकाकरण के प्रति जागरूकता के अभाव में अंदरूनी इलाकों में टीकाकरण कराना एक चुनौती है फिर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम नदी-नाले पार कर इन इलाकों तक पहुंच टीकाकरण का लक्ष्य पूर्ण करने के लिए तैयार है.

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थिति न बिगड़े इसके के लिए नर्स, एएनएम और मितानिन जैसी स्वास्थ्यकर्मी लगातार सेवा दे रही हैं. वैक्सीन को लेकर डर और अफलाह के बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को जागरूक कर रही है. नक्सल प्रभावित दूरस्थ जंगलों में कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है. इसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम अहम भूमिका निभा रही है. जिले में पदस्थ ANM दीपिका नाग और उनकी टीम नक्सल प्रभावित क्षेत्र मेटापाल-पोन्दुम में जाकर कोरोना संक्रमण के प्रति ग्रामीणों में जागरूकता अभियान चला रही है. गांव के बुजुर्गों का वैक्सीनेशन चल रहा है. कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करने के लिए उनकी मातृभाषा गोंडी और हल्बी में जागरूकता भी फैलाया जा रहा है. ग्रामीणों को कोरोना से बचने के उपाय और टीकाकरण के फायदे के बारे में बताया जा रहा है.

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अहम भूमिका में है स्वास्थ्य विभाग की टीम

ETV भारत की टीम ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र मेटापाल-पोन्दुम में फ्रंटलाइन वॉरियर ANM दीदियों से चर्चा की है. दीप्ति नाग और उनकी टीम ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले के अधिकांश नक्सल प्रभावित अंदरूनी के इलाकों में जाकर टीम कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूकता अभियान चला रही है. टीम गांव वालों को घर-घर जाकर कोरोना टीकाकरण के फायदे बता रही है. अधिकांश गांव में कोरोना के प्रति अंधविश्वास बना हुआ है. जिसे उनकी गोंडी हल्बी भाषा में समझा कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिनों का भी सहयोग

स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ ही गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन भी इसमें सहयोग कर रहे हैं. जिनके माध्यम से गांव में डोर-टू-डोर कोरोना किट का वितरण किया जा रहा है. गांव के लोग भी स्वास्थ्य विभाग को अपनी समस्याओं से अवगत करवा रहे हैं.

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पैदल यात्रा कर दे रहे सेवा

दंतेवाड़ा के अंदरूनी क्षेत्रों में जाने के लिए कई बार स्वास्थ्य विभाग की टीम को पैदल यात्रा भी करनी पड़ रही है. गांव में जाने के लिए कभी-कभी स्वास्थ्य टीम को कई किलोमीटर पगडंडियों के रास्ते से पैदल चलना पड़ता है. नक्सली इलाका होने के बाद भी अपनी जान हथेली में रखकर टीम गांव पहुंच रही है. ड्यूटी कर अपना कर्तव्य निभा रही है. टीकाकरण के प्रति जागरूकता के अभाव में अंदरूनी इलाकों में टीकाकरण कराना एक चुनौती है फिर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम नदी-नाले पार कर इन इलाकों तक पहुंच टीकाकरण का लक्ष्य पूर्ण करने के लिए तैयार है.

Last Updated : May 15, 2021, 5:33 PM IST

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