जगदलपुर: बस्तर में एक बार फिर जापानी बुखार के लक्षण देखने को मिले हैं. दुख की बात ये है कि इस बार जापानी बुखार से एक मासूम की मौत हो गई है. मासूम भवने नाग को 2 दिन पहले तेज बुखार आने की वजह से मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में भर्ती कराया गया था.
भुवन नागे की जब जांच की गई, तो पता चला कि वो जापानी बुखार से पीड़ित है. गुरुवार देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इधर जापानी बुखार से हुए बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिले में हाई अलर्ट जारी करते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम को अलर्ट रहने के निर्देश दिए है. वहीं जिले के मुख्य स्वास्थ अधिकारी ने चमकी बुखार और जापानी बुखार के लक्षण को एक बताया है जिसके बाद से जिले में दहशत का माहौल है.
- 3 दिन पूर्व बस्तर जिले के अलग-अलग गांव में रहने वाले कुल 3 बच्चों को तेज बुखार आने की वजह से जगदलपुर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.
- जहां बच्चों के जांच परीक्षण में पाया गया कि एक 5 साल का बच्चा चोलनार ग्राम निवासी भुवन नागे जापानी बुखार से पॉजीटिव है वहीं अन्य दो बच्चों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
- जिनमें से एक बच्चे को डिस्चार्ज भी कर दिया गया. वहीं एक बच्चे का इलाज मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है. जिसकी स्थिति सामान्य बनी हुई है.
- मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जापानी बुखार से मौत का यह पहला मामला है. इससे पहले भी बस्तर में जापानी बुखार के कई मरीज पॉजिटिव मिले हैं लेकिन यह पहली बार है जब जापानी बुखार से बस्तर में एक मौत हुई है.
- स्वास्थ्य अमला यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि जिस बच्चे की जापानी बुखार से मौत हुई है, उसमें यह लक्षण आए कहां से और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की एक टीम को चुनार ग्राम भी भेजा गया है जहां टीम सभी का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी.
'चमकी और जापानी बुखार के लक्षण एक'
इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि चमकी बुखार और जापानी बुखार के लक्षण एक हैं. हालांकि इसे वायरस की भाषा में जापानी बुखार कहा जाता है लेकिन दोनों ही बीमारी एक हैं. फिलहाल अभी बस्तर में बिहार के हालात जैसे नहीं हैं और यहां स्थिति सामान्य बनी हुई है.
स्वास्थ्य विभाग ने की तैयारी
सीएमओ ने कहा कि जापानी बुखार से एक बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया गया है और जांच के दौरान जापानी बुखार के लक्षण मिलने पर उनके इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में पृथक से आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है. जहां चार सदस्यों की डॉक्टर की टीम उनका इलाज करेंगे फिलहाल अभी बस्तर में स्थिति सामान्य बनी हुई है और लगातार टीम अंदरूनी ग्रामों में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है.