बिलासपुर: एशिया के सबसे बड़े विकासखंड कहे जाने वाले बिल्हा के सभी गांवों में जलभराव की स्थिति बन गई है. पिछले 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश से क्षेत्र के जलाशय लबालब हो गए हैं. आसपास के नदी नाले उफान पर हैं. बाढ़ के हालात से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. गांव, गली, घरों समेत स्कूल और राशन दुकानों में भी पानी भर गया है. घरों में पानी के भर जाने से पिछले 2 दिनों से कई घरों में चूल्हा भी नहीं जला है.
गांव की स्थिति को देखते हुए बिल्हा के अनुविभागीय दंडाधिकारी अखिलेश साहू क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताया कि गांव में मवेशी भी भूखों मरने की स्थिति में है. ग्रामीणों ने अधिकारी को फसल बर्बादी की भी जानकारी दी. जायजा लेने पहुंचे अधिकारी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में भोजन, दवा, पानी की व्यवस्था करने में जुट गए हैं. कई ग्रामीणों को पानी से बचाने के लिए राहत शिविरों में रखा गया है. यहां भी प्रशासन ने उचित व्यवस्था कर रखी है.
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सरकार से मुआवजे की मांग
आसपास लगे गांव बिटकुली, पोड़ी, उमरिया, गुमा, नवागांव, कया और अमलडीहा जैसे गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि अधिकारी व्यवस्था की बात कर रहे हैं. लेकिन बाढ़ के बढ़ जाने से हालात को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है. ग्रामीण समेत पंचायत के प्रतिनिधियों ने पानी से उपजे इस समस्या के लिए राहत की मांग की है. किसानों ने भी फसल के बर्बाद होने पर शासन से राहत की उम्मीद लगाई है. किसान अब सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. फिलहाल अधिकारी मौके का जायजा लेकर नुकसान का आकलन करने जुट गए हैं.