गौरेला पेंड्रा मरवाही: मरवाही विधायक केके ध्रुव के खिलाफ सर्वआदिवासी समाज लामबंद हो गया है. इनका आरोप है कि विधायक आदिवासी जनता के लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं. अगर फिर से उन्हें चुनाव में टिकट मिल गया तो स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. सर्व आदिवासी समाज ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की बात कही है.
केके ध्रुव के खिलाफ आदिवासी समाज: सर्व आदिवासी समाज ने पूर्व विधायक पहलवान सिंह मरावी के साथ बैठक की. बैठक में जिले के सभी समाज प्रमुख शामिल हुए. इनमें गोंड समाज, भैना समाज, उराव समाज, भार्या समाज, कंवर समाज सहित अन्य आदिवासी समाज शामिल रहे. आदिवासी नेताओं का आरोप है कि विधायक आदिवासी समाज की अनदेखी कर रहे हैं. स्थानीय आदिवासियों के हितों में इनके कार्यकाल में कोई काम नहीं हुआ है. आदिवासी नेताओं ने स्थानीय प्रत्याशी की मांग की है. उनका कहना है कि " हमें कांग्रेस स्थानीय प्रत्याशी दें. ताकि वो हमारी समस्याओं को समझ सके. ऐसा प्रत्याशी दें तो आदिवासी वर्ग का हो. हमें केके ध्रुव स्वीकार नहीं हैं. क्योंकि केके ध्रुव बाहर के हैं, इसलिए वह स्थानीय आदिवासियों के हितों को ध्यान नहीं दे रहे."
- Chhattisgarh News: 10 साल के बच्चे के साथ विधवा महिला ने की अश्लील हरकत
- Renu Jogi health: इलाज के लिए बेटे और बहू के साथ दिल्ली जा रही रेणु जोगी
- Surguja News : स्वास्थ्य मंत्री जी बिटिया की सुन लीजिए पुकार, आरती को मदद की है दरकार
30 साल से क्षेत्र में सेवा की तो बाहर का कैसे ?: एक तरफ आदिवासी समाज लामबंद हो रहा है तो दूसरी तरफ विधायक केके ध्रुव मरवाही में जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं. गांव-गांव घूमकर मीटिंग कर लोगों की समस्याएं जान रहे हैं. विधायक ने अपने उपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
चुनाव के पहले भी ऐसी बातें सामने आई थी. फैसला संगठन को करना है. रही बात बाहरी प्रत्याशी की तो मैंने इस जिले में चिकित्सक के पद पर रहते हुए 30 वर्षों तक सेवा की है. 20 साल से अधिक समय तक विकासखंड चिकित्सा अधिकारी भी रहा. मैं कैसे बाहरी हो सकता हूं. 6 महीना 2 साल रहने पर भी लोगों का निवास प्रमाण पत्र बन जाता है. मैंने तो लंबी सेवा क्षेत्र में दी है.- केके ध्रुव मरवाही विधायक
चुनावी घोषणा से पहले पार्टी में खींचतान: बता दें कि अभी विधानसभा चुनाव में 6 माह शेष है. इस बीच आदिवासी समाज का मरवाही के विधायक डॉ केके ध्रुव के खिलाफ मुखर होना आगामी दिनों में विधायक के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.