ETV Bharat / state

सांसद आदर्श ग्राम: न सड़क, न पानी, न 'धरती के भगवान' फिर भी इस गांव को मिला चौथा स्थान

करीब 6 हजार की आबादी वाला सांसद आदर्श गांव हथनीकला, बिलासपुर-मुंगेली मुख्य मार्ग से डेढ़ किलोमीटर अंदर है. गांव तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़कें है, लेकिन गांव में लोग सड़क पानी और नाली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.

author img

By

Published : Mar 29, 2019, 7:39 PM IST

Updated : Mar 30, 2019, 1:05 PM IST

सांसद आदर्श ग्राम हथनीकला

बिलासपुर: लोकसभा चुनाव को देखते हुए देशभर में सियासत गर्मा गई है. पक्ष-विपक्ष दोनों एक दूसरे उनके काम का हिसाब मांग रहे हैं. तमाम सांसद अपने-अपने क्षेत्र में किए विकासकार्यों को लेकर चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. इस चुनावी माहौल में सांसदों का लेखाजोखा उनके गोद लिए गांव के लोग भी पेश कर रहे हैं. आज हम आपको बिलासपुर के सांसद लखन लाल साहू के सांसद आदर्श गांव हथनीकला के बारे में बता रहे हैं.

वीडियो

'गांव के लिए कुछ नहीं किया'
दरअसल, 11 अक्टूबर 2014 को सरकार ने देश के तमाम सांसदों से एक गांव को गोद लेकर उसे मॉडल विलेज का रूप देने को कहा था. सांसद आदर्श गांव का मुख्य उद्देश्य गांव के अंदर एक स्वस्थ सामाजिक परिवेश को विकसित करना था. जिसपर देश के तमाम सांसदों में गांव गोद लेने की होड़ मच गई. सभी सांसदों ने अपने सुविधा और पसंद के हिसाब से गांव को गोद भी लिया. अब ग्रामीणों का आरोप है कि, सांसद ने गांव को गोद तो लिया, लेकिन उस गांव के लिए कुछ नहीं किया.

'सांसद सिर्फ आश्वासन देते रहे'
करीब 6 हजार की आबादी वाला सांसद आदर्श गांव हथनीकला, बिलासपुर-मुंगेली मुख्य मार्ग से डेढ़ किलोमीटर अंदर है. गांव तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़कें है, लेकिन गांव में लोग सड़क पानी और नाली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. मुख्यमार्ग से गांव के लिए एक एप्रोच रोड तो है, लेकिन गांव के भीतर गलियों का हाल बेहाल है. ग्रामीण वर्षों से गांव में नाली और गली की मांग कर रहे हैं. जिसपर सरपंच से लेकर सांसद तक सिर्फ उन्हें आश्वासन दे रहे हैं.

झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे हैं लोग
हथनीकला गांव में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति ठीक है. ग्रामीण अपने गांव में हाइस्कूल खुल जाने से काफी खुश तो हैं, लेकिन उसमें शिक्षकों की कमी से वे अपने सांसद से नाराज भी हैं. हथनीकला गांव में एक भी अस्पताल नहीं है. इसके कारण लोगों को प्राथमिक उपचार के लिए या तो झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे रहना पड़ता है या 7 किलोमीटर की दूरी तय कर मुंगेली जाना पड़ता है.

बिलासपुर: लोकसभा चुनाव को देखते हुए देशभर में सियासत गर्मा गई है. पक्ष-विपक्ष दोनों एक दूसरे उनके काम का हिसाब मांग रहे हैं. तमाम सांसद अपने-अपने क्षेत्र में किए विकासकार्यों को लेकर चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. इस चुनावी माहौल में सांसदों का लेखाजोखा उनके गोद लिए गांव के लोग भी पेश कर रहे हैं. आज हम आपको बिलासपुर के सांसद लखन लाल साहू के सांसद आदर्श गांव हथनीकला के बारे में बता रहे हैं.

वीडियो

'गांव के लिए कुछ नहीं किया'
दरअसल, 11 अक्टूबर 2014 को सरकार ने देश के तमाम सांसदों से एक गांव को गोद लेकर उसे मॉडल विलेज का रूप देने को कहा था. सांसद आदर्श गांव का मुख्य उद्देश्य गांव के अंदर एक स्वस्थ सामाजिक परिवेश को विकसित करना था. जिसपर देश के तमाम सांसदों में गांव गोद लेने की होड़ मच गई. सभी सांसदों ने अपने सुविधा और पसंद के हिसाब से गांव को गोद भी लिया. अब ग्रामीणों का आरोप है कि, सांसद ने गांव को गोद तो लिया, लेकिन उस गांव के लिए कुछ नहीं किया.

'सांसद सिर्फ आश्वासन देते रहे'
करीब 6 हजार की आबादी वाला सांसद आदर्श गांव हथनीकला, बिलासपुर-मुंगेली मुख्य मार्ग से डेढ़ किलोमीटर अंदर है. गांव तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़कें है, लेकिन गांव में लोग सड़क पानी और नाली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. मुख्यमार्ग से गांव के लिए एक एप्रोच रोड तो है, लेकिन गांव के भीतर गलियों का हाल बेहाल है. ग्रामीण वर्षों से गांव में नाली और गली की मांग कर रहे हैं. जिसपर सरपंच से लेकर सांसद तक सिर्फ उन्हें आश्वासन दे रहे हैं.

झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे हैं लोग
हथनीकला गांव में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति ठीक है. ग्रामीण अपने गांव में हाइस्कूल खुल जाने से काफी खुश तो हैं, लेकिन उसमें शिक्षकों की कमी से वे अपने सांसद से नाराज भी हैं. हथनीकला गांव में एक भी अस्पताल नहीं है. इसके कारण लोगों को प्राथमिक उपचार के लिए या तो झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे रहना पड़ता है या 7 किलोमीटर की दूरी तय कर मुंगेली जाना पड़ता है.

Intro:सांसद.... लखनलाल साहू


Body:2


Conclusion:
Last Updated : Mar 30, 2019, 1:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.