बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में 67वीं नेशनल बेसबॉल टूर्नामेंट का आयोजन हुआ है. बिलासपुर के बीआर यादव स्टेडियम बहायराय में 11 राज्यों के खिलाड़ी अपनी खेल प्रतिभा का जौहर दिखा रहे हैं. टूर्नामेंट में महाराष्ट्र की टीम ने भी शिरकत की है. महाराष्ट्र की टीम में आई बेसबॉल खिलाड़ी सरवरी दुर्गेश धर्माधिकारी ऐसी खिलाड़ी हैं जो कई अलग-अलग खेलों में पारंगत हासिल कर चुकी हैं. सरवरी की उम्र महज 17 साल है और वो बेसबॉल और हॉकी दो खेलों में नेशनल खेल चुकी हैं. इसके अलावा सरवरी बैडमिंटन में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर प्रदर्शन कर चुकी हैं.
कम उम्र में ही बड़ा कारनामा : महाराष्ट्र स्टेट टीम में खेलने वाली पुणे निवासी सरवरी धर्माधिकारी कम उम्र में ही चर्चाओं में आ गई.क्योंकि वो हॉकी और बेसबॉल दो खेलों में नेशनल लेवल तक जा चुकी हैं. सरवरी ने ईटीवी भारत को बताया कि वह क्लास सिक्स से ही खेलों में रुचि लेने लगी थी. उनकी रुचि को देखकर उनकी मां ने हर संभव मदद की.सरवरी की माने तो मां चाहती है कि भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में बेटी का भी नाम शामिल हो.इसके लिए सरवरी मां के आदर्शों पर चलकर कड़ी मेहनत कर रही है.
क्या करती है सरवरी की मां ? : नेशनल प्लेयर सरवरी की मां बैंक में मैनेजर हैं.घर पर सिर्फ दो ही सदस्य हैं.इसलिए एक दूसरे को दोनों काफी अच्छे से समझते हैं.सरवरी का पूरा ख्याल रखने में मां जरा सी भी कोताही नहीं बरतती.सरवरी धर्माधिकारी बैडमिंटन, हॉकी और बेसबॉल तीनों ही गेम खेलती है. वह कहती है कि सभी गेम की अपनी एक अलग पहचान होती है. अपनी एक अलग तकनीक होती है. खेल को खेल की तरह खेला जाए तो सभी खेल आसानी से खेला जा सकता है. कोई सा भी खेल छोटा या बड़ा नहीं होता. सभी आपको अपने क्षेत्र में अपना नाम बनाने का मौका देता है.
कैसे समय निकालती है सरवरी ? : अलग-अलग खेलों के लिए सरवरी धर्माधिकारी ने शेड्यूल तैयार करके रखा है. बैडमिंटन प्रेक्टिस कब करना है, हॉकी और बेसबॉल के लिए कब समय देना है और किस तरह से तैयारी करनी है, यह सारी बातें वह शेड्यूल हैं.इसी के मुताबिक वो खेलती हैं. उन्हें इन खेलों को अच्छे से खेलने के लिए उनकी मां और कोच से प्रेरणा मिलती है. सरवरी और उसकी मां उसके पिता से अलग रहते हैं, लेकिन उसे इस बात पर कभी भी अफसोस नहीं होता कि वह अकेली अपनी मां के साथ है, क्योंकि दोनों ने ही एक दूसरे को अपनी दुनिया बना रखी है.
इंटरनेशनल स्तर पर मुकाम पाने का सपना : कोच रेखा के मुताबिक सरवरी धर्माधिकारी का विल पावर काफी मजबूत है. वो हॉकी, बैडमिंटन और बेसबॉल तीनों में ही पारंगत हासिल कर चुकी है. वह तीनों खेल को ऐसा खेलती है जैसे परमानेंट एक ही खेल में उन्हें पारंगत हासिल हो. सरवरी में खेल के लिए काफी जुनून है. वह अपने जुनून को और बढ़ाती जा रही है. वह बहुत जल्द ही इंटरनेशनल बेसबॉल की टीम में पहुंच सकती है. सरवरी को मौका मिलेगा तो वह दुनिया में अच्छी बेसबॉल खिलाड़ी के रूप में उभरेगी. अभी उसकी उम्र मात्र 17 साल है और अभी लंबी जिंदगी है उसे आगे बढ़ाने के लिए, लेकिन जिस तेजी से वह आगे बढ़ रही है उससे लगता है कि बहुत जल्द ही वह अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगी.
मां से मिली है हर खेल के लिए प्रेरणा : सरवरी की इस बहुमुखी प्रतिभा और उसकी खेल भावना के साथ ही उसके खेल के प्रति जुनून ने उन्हें महाराष्ट्र में अलग पहचान दिलाई है. सरवरी पुणे के एक छोटे से शहर बारामती की रहने वाली हैं.सरवरी की माने तो वो अपनी मां के लिए खेलों में हिस्सा लेती हैं.खेल चाहे कोई भी वो उसमें लगन पैदा करने की ललक सरवरी को उनकी मां से मिली है.