बिलासपुर: बिलासपुर नगर निगम के सफाई कर्मचारी पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों के हड़ताल के कारण बिलासपुर स्मार्ट सिटी कचरा सिटी में तब्दील हो चुका है. सड़कों के किनारे और वार्ड की गलियों में कचरे के साथ बजबजाती नालियां लोगों को परेशान कर रही है. नगर निगम ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है. यही कारण है कि लोग को गंदगी में रहने को मजबूर हैं.
बिलासपुर सफाईकर्मियों की हड़ताल
नगर निगम ने शहर के लगभग 40 वार्डों की सफाई का ठेका दिल्ली की कंपनी को दिया है. शहर के वार्डों और मुख्य मार्गों की सफाई ठेका कंपनी के कर्मचारी ही करते हैं. लेकिन पिछले चार दिन से ये कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की वजह से वार्डों में साफ-सफाई का काम प्रभावित हो गया है. कर्मचारियों के काम पर नहीं आने से वार्ड की गलियों और मुख्य मार्गो में गंदगी का आलम है. हर तरफ कचरा और बजबजाती नालियों की वजह से लोगों का यहां से गुजरना दूभर हो गया है. आम जनता निगम की सफाई कंपनी के अधिकारी और सफाईकर्मियों की लड़ाई में पिसती और लाचार नजर आ रही है. गंदगी ने लोगों के जनजीवन को प्रभावित कर दिया है. नालियों से निकले कचरे और घरों के बाहर पसरी गंदगी ने अब लोगों को परेशान कर दिया है. लोग उम्मीदभरी निगाहों से नगर निगम की ओर देख रहे है. आम जनता का कहना है कि उन्हें केवल अपने वार्ड और घरों के सामने से कचरा उठने से मतलब है. निगम में क्या हो रहा है? किसकी गलती है, जिससे हड़ताल हुई है. इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है. कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर सफाई करवा कर गंदगी से निजात दिलाए निगम इससे ही मतलब है.
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4 दिनों से हड़ताल पर कर्मचारी
लायंस कंपनी के सफाई कर्मचारियों ने पिछले 4 दिन से काम बंद कर हड़ताल कर दिया है. कंपनी के कर्मचारी मैनेजर शैलेन्द्र सिंह पर जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराने पर हड़ताली अड़े हुए हैं. इससे पहले भी कर्मचारी दो बार अजाक थाना का घेराव कर एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग पुलिस से करते रहे हैं. बावजूद इसके पुलिस के द्वारा पहल नहीं किए जाने के बाद सफाईकर्मी काम बंद हड़ताल पर चले गए हैं. उनकी मांग है कि मैनेजर शैलेंद्र सिंह पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए. कर्मचारी ने बताया कि मैनेजर आए दिन महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करता है. जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करता है. यही वजह है कि वह मैनेजर से तंग आ गए थे. अब आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात हड़ताली कह रहे हैं.
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गार्बेज सिटी में तब्दील हुआ बिलासपुर
बिलासपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त है. और स्मार्ट सिटी के तहत ही शहर की सफाई का जिम्मा निगम ने दिल्ली के लायंस कंपनी को दे रखा है. जिस तरह कंपनी के मैनेजर और सफाई कर्मियों के बीच खींचतान चल रही है, इससे लगता है कि आने वाले कुछ और दिन यही आलम रहेगा. यदि मामला नहीं सुलझा तो आने वाले समय मे स्मार्ट सिटी के गंदगी से भर जाएगी. हालांकि मामले में निगम कमिश्नर ने जांच के आदेश के साथ ही कर्मचारियों को काम पर लौटने के आदेश दिए हैं. लेकिन सफाईकर्मी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं और मैनेजर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.