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Sims Medical College में भर्ती मरीज के परिजन खाना बनाने के लिए परेशान - relatives of patient admitted to Sims Medical College

सात सौ बिस्तर वाला सिम्स अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां संभाग के साथ ही पड़ोसी राज्यों के मरीज भी इलाज कराने पहुंचते हैं. मरीजों के साथ उनके परिजन भी यहां रहते हैं. मरीजों को खाना, स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था के तहत मिल जाता है. लेकिन परिजनों को होटल से खाना खरीदकर खाना पड़ता है.

Sims Medical College
सिम्स मेडिकल कॉलेज
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Published : Sep 30, 2021, 5:47 PM IST

Updated : Sep 30, 2021, 7:26 PM IST

बिलासपुर: सिम्स मेडिकल कॉलेज (Sims Medical College) में मरीजों के परिजनों को खाना बनाने की व्यवस्था नहीं मिल पा रही है. जिसकी वजह से परिजन खुले में ही खाना बना रहे हैं. इसके साथ ही गंदगी के बीच खाना बनाना उनकी मजबूरी बन गई है. सात सौ बिस्तर वाला सिम्स अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां संभाग के साथ ही पड़ोसी राज्यों के मरीज भी इलाज कराने पहुंचते हैं. मरीजों के साथ उनके परिजन भी यहां रहते हैं. मरीजों को खाना, स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था के तहत मिल जाता है. लेकिन परिजनों को होटल से खाना खरीदकर खाना पड़ता है. जिससे उन्हें ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते है.

वेतन वृद्धि मामला : सिम्स कर्मचारियों ने किया जल सत्याग्रह, अरपा नदी में भजन-कीर्तन

लेकिन कुछ मरीजों के परिजन इतने असहाय होते हैं कि वो होटल का खाना खरीदकर नहीं खा सकते हैं. इसलिए मरीज के लिए भी भोजन बनाना पड़ता है. मरीज के परिजन अस्पताल परिसर में ही खाना बनाते हैं. परिजन जिस जगह भोजन बनाते हैं, वह गंदगी और नाले के किनारे भोजन बनाते हैं.

भर्ती मरीज के परिजन खाना बनाने के लिए परेशान

मरीज के परिजनों ने बताया कि जिस जगह वो खाना बनाते हैं, वहां कभी बारिश हो जाती है तो कभी धूप की वजह से परेशानी होती है. कभी-कभी तो ध्यान हटते ही कुत्ता खाना में मुह मार देते हैं. जिससे पूरा खाना ही बेकार हो जाता है. परिजनों ने बताया कि पिछले दिनों बारिश की वजह से खाना बनाते समय अचानक बारिश आ गई. जिसकी वजह से उनका बनाया हुआ खाना खराब हो गया और उनके पास इतने पैसे भी नहीं कि वह होटल से खाना खरीदकर खा सकें. जिस जगह पर परिजन भोजन तैयार करते हैं, वह जगह बद से बदतर है.

कोरोना काल का रोना रो रहा है प्रबंधन

सिम्स के मरीजों के परिजनों को खुले में खाना बनाना पड़ता है. इसको लेकर सिम्स प्रबंधन अपना अलग ही रोना रो रही है. सिम्स एमएस के डॉ. पुनीत भारद्वाज ने बताया कि जिस जगह पहले व्यवस्था थी. वहां कोविड टीकाकरण कराया जा रहा है. इसलिए वह जगह वर्जित कर दी गई है. इसके अलावा कोरोनाकाल का समय है तो पहले ही मरीजों के परिजनों को बता दिया जाता है कि ज्यादा लोगों के रुकने की जरूरत नहीं है. फिर भी वह मरीजों के साथ रुकते हैं और ऐसी कोई व्यवस्था फिलहाल यहां की नहीं गई है.

पहले थी व्यवस्था

कुछ साल पहले सिम्स में परिजनों के खाना बनाने की व्यवस्था नहीं थी. तब मीडिया में लगातार कमरों में प्रसारित कर परिजनों की परेशानी बताई थी. जिसके बाद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल (Former Health Minister Amar Agarwal) ने मरीज के परिजनों के लिए भोजन तैयार करने के लिए शेड का निर्माण कराया था और उस सेड के नीचे ही भोजन तैयार करते थे. लेकिन कोरोना काल के दौरान सिम्स प्रबंधन, टीकाकरण के लिए यहां व्यवस्था कर दी और शेड में जो जगह बचा, उसमें अब एंबुलेंस खड़ी की जाती है. ऐसे में मरीजों के परिजनों की मजबूरी है कि वह खुले में ही खाना बनाए.

बिलासपुर: सिम्स मेडिकल कॉलेज (Sims Medical College) में मरीजों के परिजनों को खाना बनाने की व्यवस्था नहीं मिल पा रही है. जिसकी वजह से परिजन खुले में ही खाना बना रहे हैं. इसके साथ ही गंदगी के बीच खाना बनाना उनकी मजबूरी बन गई है. सात सौ बिस्तर वाला सिम्स अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां संभाग के साथ ही पड़ोसी राज्यों के मरीज भी इलाज कराने पहुंचते हैं. मरीजों के साथ उनके परिजन भी यहां रहते हैं. मरीजों को खाना, स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था के तहत मिल जाता है. लेकिन परिजनों को होटल से खाना खरीदकर खाना पड़ता है. जिससे उन्हें ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते है.

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लेकिन कुछ मरीजों के परिजन इतने असहाय होते हैं कि वो होटल का खाना खरीदकर नहीं खा सकते हैं. इसलिए मरीज के लिए भी भोजन बनाना पड़ता है. मरीज के परिजन अस्पताल परिसर में ही खाना बनाते हैं. परिजन जिस जगह भोजन बनाते हैं, वह गंदगी और नाले के किनारे भोजन बनाते हैं.

भर्ती मरीज के परिजन खाना बनाने के लिए परेशान

मरीज के परिजनों ने बताया कि जिस जगह वो खाना बनाते हैं, वहां कभी बारिश हो जाती है तो कभी धूप की वजह से परेशानी होती है. कभी-कभी तो ध्यान हटते ही कुत्ता खाना में मुह मार देते हैं. जिससे पूरा खाना ही बेकार हो जाता है. परिजनों ने बताया कि पिछले दिनों बारिश की वजह से खाना बनाते समय अचानक बारिश आ गई. जिसकी वजह से उनका बनाया हुआ खाना खराब हो गया और उनके पास इतने पैसे भी नहीं कि वह होटल से खाना खरीदकर खा सकें. जिस जगह पर परिजन भोजन तैयार करते हैं, वह जगह बद से बदतर है.

कोरोना काल का रोना रो रहा है प्रबंधन

सिम्स के मरीजों के परिजनों को खुले में खाना बनाना पड़ता है. इसको लेकर सिम्स प्रबंधन अपना अलग ही रोना रो रही है. सिम्स एमएस के डॉ. पुनीत भारद्वाज ने बताया कि जिस जगह पहले व्यवस्था थी. वहां कोविड टीकाकरण कराया जा रहा है. इसलिए वह जगह वर्जित कर दी गई है. इसके अलावा कोरोनाकाल का समय है तो पहले ही मरीजों के परिजनों को बता दिया जाता है कि ज्यादा लोगों के रुकने की जरूरत नहीं है. फिर भी वह मरीजों के साथ रुकते हैं और ऐसी कोई व्यवस्था फिलहाल यहां की नहीं गई है.

पहले थी व्यवस्था

कुछ साल पहले सिम्स में परिजनों के खाना बनाने की व्यवस्था नहीं थी. तब मीडिया में लगातार कमरों में प्रसारित कर परिजनों की परेशानी बताई थी. जिसके बाद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल (Former Health Minister Amar Agarwal) ने मरीज के परिजनों के लिए भोजन तैयार करने के लिए शेड का निर्माण कराया था और उस सेड के नीचे ही भोजन तैयार करते थे. लेकिन कोरोना काल के दौरान सिम्स प्रबंधन, टीकाकरण के लिए यहां व्यवस्था कर दी और शेड में जो जगह बचा, उसमें अब एंबुलेंस खड़ी की जाती है. ऐसे में मरीजों के परिजनों की मजबूरी है कि वह खुले में ही खाना बनाए.

Last Updated : Sep 30, 2021, 7:26 PM IST
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