बिलासपुर : नागरिक सुरक्षा मंच ने ट्रेनों के कैंसलिंग को लेकर रेलवे जीएम कार्यालय का घेराव किया है. बिलासपुर जोनल कार्यालय के सामने गेट पर लोगों ने प्रदर्शन किया. जमीन में बैठकर केंद्र सरकार और रेल प्रशासन को नागरिक सुरक्षा मंच ने घेरा. लगातार हो रहे ट्रेन कैंसिल को बंद करने और कैंसिल हुए ट्रेनों को पुनः शुरू कराने की मांग नागरिक सुरक्षा मंच ने की है. जोन कार्यालय में प्रवेश को लेकर प्रदर्शनकारी और आरपीएफ और जिला पुलिस बल के बीच जमकर बहस हुई. इस मंच में सर्वदलीय राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी सदस्य हैं. जो ट्रेन कैंसिलिंग को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे हैं.
6 माह से ट्रेन हो रही कैंसिल : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के साथ ही पूरे देश में यात्री ट्रेनों के कौंसल होने पर आंदोलन किया जा रहा है. पिछले 6 माह से लगातार यात्री ट्रेनों को कैंसल किया जा रहा है. इस मामले में आंदोलनकारी मालगाड़ी और कोयला गाड़ी चलाने पर मेंटेनेंस का इशू नही आने और यात्री ट्रेनों को चलाने में मेंटेनेंस की बात कहने वाले रेल अधिकारियों को जमकर खरीखोटी सुनाई.
दो महीने में सैंकड़ों ट्रेनें रद्द : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से पूर्व में 343 यात्री ट्रेनों का परिचालन किया जाता रहा है. जिसमें 200 मेल, एक्सप्रेस और 143 पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं. इधर बीते दो वर्षों से करीब 87 ट्रेनों का परिचालन ठप्प है, जिसमें सबसे ज्यादा 66 पैसेंजर और 22 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें नहीं चल रही हैं. कोविड के कारण पहले सभी ट्रेनों को रद्द किया गया था, बाद में कोविड के कम होते प्रभाव के साथ यात्री डिमांड के बीच ट्रेनों को रिशेड्यूल किया गया, लेकिन साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे ने इस दौरान करीब 87 ट्रेनों को रिशेड्यूल नहीं किया. बंद ट्रेनें आज तक बंद ही हैं. पहले से बंद ट्रेनों के साथ अब रेलवे अलग- अलग कारण बताकर बार - बार अन्य परिचालित ट्रेनों को भी रद्द कर रहा है. दो माह के भीतर कई ट्रेनों को रद्द किया जा चुका है.
त्यौहारी सीजन में बढ़ी परेशानी : रेलवे के यात्री सुविधा को लेकर गंभीर नहीं होने से आम रेल यात्रियों की परेशानी बढ़ते जा रही है. त्योहारी सीजन में भी लोग रेल यात्रा के लिए परेशान हो रहे हैं. सबसे ज्यादा लोकल यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है. लोकल, पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर सीधे आम यात्रियों को परेशान किया जा रहा है. इधर, रेलवे के इस मनमानी से राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच अब तल्खियां भी बढ़ने लगी हैं. ट्रेनों को कैंसल करने पर सीएम ने ट्वीट कर इसे जनविरोधी निर्णय भी बताया था,हालंकि रेलवे प्रशासन अब भी यात्री सुविधाओं को लेकर गंभीर होने का दुहाई देने में लगा है. रेल अधिकारियों की माने तो, रेल व यात्री सुविधाओं में विस्तार के लिए ही अलग - अलग समय में ट्रेनों को रद्द कर विकास कार्य किए जाते हैं।. जिससे रेल यात्रियों के सुविधाओं में विस्तार हो सके, वहीं एक दिन पहले हुई 66 यात्री ट्रेनों के कैंसिल होने पर आम लोगों का गुस्सा रेलवे पर फूटने लगा है.