बिलासपुर: पूरे देश में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं. सरकार के इस फैसले का लगातार विरोध होने के बावजूद दुकान खुलने से विपक्ष के साथ-साथ सत्तापक्ष के विधायक भी इसका विरोध कर रहे हैं.
दरअसल बिलासपुर के विधायक शैलेष पांडेय गलत चीजों का विरोध करने के लिए जाने जाते हैं. जनता के स्वास्थ्य और इस समय के स्थिति को देखते हुए शैलेष पांडेय ने कहा कि शराब दुकान के खुलते ही दुकानों के बाहर लोगों की भीड़ लग रही है. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो रहा है. इसके कारण संक्रमण फैलने की संभावना भी बढ़ सकती है.
मुख्य सचिव को लिखा पत्र
विधायक का कहना है कि अभी तक स्थिति नियंत्रण में है. लेकिन अगर ऐसे ही हालात रहे तो ये स्थिति निश्चित ही कभी भी बिगड़ सकती है. शैलेश पांडे ने मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव आरपी मंडल से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है.
विधायक ने केंद्र पर साधा निशाना
विधायक ने इस फैसले के लिए केंद्र सरकार को भी कोसा और कहा कि इस गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार को शराब दुकान खोलने की इजाजत बिल्कुल नहीं देनी चाहिए थी.
नेता प्रतिपक्ष ने दी अपनी प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी नगर विधायक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'शराब दुकान खोलने का विपक्ष तो विरोध कर ही रही थी. लेकिन खुद सत्तापक्ष के विधायक और जनप्रतिनिधि भी इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं'. साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ हिन्दुस्तान का पहला राज्य होगा जहां शराब की डिलीवरी के लिए डिलेवरी बॉय की नियुक्ति होने वाली है. इससे साफ तौर पर लगता है कि सरकार ने अपने फायदे के लिए जनता की परवाह किए बगैर इस तरह का फैसला जल्दबाजी में लिया है.