बिलासपुर: नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का भुगतान ना करने के मामले में उच्च न्यायालय की जस्टिस कोशी की सिंगल बेंच ने सुनवाई की. मामले पर जवाब देते हुए NHAI(नेशनल हाईवे ऑथारिटी ऑफ इंडिया) ने पूरा पैसा एसडीओ के पास जमा कर दिए जाने की जानकारी दी है.
जिसके बाद कोर्ट ने एसडीओ को आदेश दिया है कि वह 60 दिनों के अंदर पूरे पैसों का भुगतान याचिकाकर्ता को करें साथ ही कोर्ट ने कहा है कि ऐसा न किए जाने पर 10% की ब्याज दर से उन्हें भुगतान करना होगा.
क्या है पूरा मामला
धमतरी के नीलमणि चंद्राकर की 2016 में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण हेतु जमीन अधिग्रहित की गई थी. जिसकी कीमत 62 लाख के आसपास तय हुई थी. लेकिन एसडीओ और अन्य अधिकारियों ने केवल 52 लाख रुपए ही नीलमणि चंद्राकर को भुगतान के रूप में दिए थे. कई बार फरियाद लगाने पर भी बाकी पैसों का भुगतान उन्हें नहीं किया गया था. जिसके बाद नीलमणि ने उच्च न्यायालय में मामले को लेकर याचिका दायर की थी.