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बिलासपुर: SDO को देने होंगे 60 दिनों में जमीन अधिग्रहण के पैसे

जमीन अधिग्रहण के मामले में कोर्ट ने एसडीओ को आदेश दिया है कि वह 60 दिनों के अंदर पूरे पैसों का भुगतान याचिकाकर्ता को करें. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि ऐसा न किए जाने पर 10 फीसदी ब्याज की दर से उन्हें भुगतान करना होगा.

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Published : Jan 11, 2020, 9:55 PM IST

बिलासपुर: नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का भुगतान ना करने के मामले में उच्च न्यायालय की जस्टिस कोशी की सिंगल बेंच ने सुनवाई की. मामले पर जवाब देते हुए NHAI(नेशनल हाईवे ऑथारिटी ऑफ इंडिया) ने पूरा पैसा एसडीओ के पास जमा कर दिए जाने की जानकारी दी है.

प्रशासन को मुआवजे के पैसे देने के आदेश

जिसके बाद कोर्ट ने एसडीओ को आदेश दिया है कि वह 60 दिनों के अंदर पूरे पैसों का भुगतान याचिकाकर्ता को करें साथ ही कोर्ट ने कहा है कि ऐसा न किए जाने पर 10% की ब्याज दर से उन्हें भुगतान करना होगा.

क्या है पूरा मामला
धमतरी के नीलमणि चंद्राकर की 2016 में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण हेतु जमीन अधिग्रहित की गई थी. जिसकी कीमत 62 लाख के आसपास तय हुई थी. लेकिन एसडीओ और अन्य अधिकारियों ने केवल 52 लाख रुपए ही नीलमणि चंद्राकर को भुगतान के रूप में दिए थे. कई बार फरियाद लगाने पर भी बाकी पैसों का भुगतान उन्हें नहीं किया गया था. जिसके बाद नीलमणि ने उच्च न्यायालय में मामले को लेकर याचिका दायर की थी.

बिलासपुर: नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का भुगतान ना करने के मामले में उच्च न्यायालय की जस्टिस कोशी की सिंगल बेंच ने सुनवाई की. मामले पर जवाब देते हुए NHAI(नेशनल हाईवे ऑथारिटी ऑफ इंडिया) ने पूरा पैसा एसडीओ के पास जमा कर दिए जाने की जानकारी दी है.

प्रशासन को मुआवजे के पैसे देने के आदेश

जिसके बाद कोर्ट ने एसडीओ को आदेश दिया है कि वह 60 दिनों के अंदर पूरे पैसों का भुगतान याचिकाकर्ता को करें साथ ही कोर्ट ने कहा है कि ऐसा न किए जाने पर 10% की ब्याज दर से उन्हें भुगतान करना होगा.

क्या है पूरा मामला
धमतरी के नीलमणि चंद्राकर की 2016 में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण हेतु जमीन अधिग्रहित की गई थी. जिसकी कीमत 62 लाख के आसपास तय हुई थी. लेकिन एसडीओ और अन्य अधिकारियों ने केवल 52 लाख रुपए ही नीलमणि चंद्राकर को भुगतान के रूप में दिए थे. कई बार फरियाद लगाने पर भी बाकी पैसों का भुगतान उन्हें नहीं किया गया था. जिसके बाद नीलमणि ने उच्च न्यायालय में मामले को लेकर याचिका दायर की थी.

Intro:नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए अधिग्रहित की हुई जमीन का भुगतान ना करने के मामले में उच्च न्यायालय ने अपना फैसला दिया है। मामले पर जवाब देते हुए जस्टिस कौशि की सिंगल बेंच के समक्ष NHAI ने पूरा पैसा एसडीओ के पास जमा कर दिए जाने की जानकारी दी। जिसके बाद कोर्ट ने एसडीओ को आदेशित किया है कि वे 60 दिनों के अंदर पूरे पैसों का भुगतान याचिकाकर्ता को करें अन्यथा 10% की ब्याज दर से उन्हें भुगतान करना होगा। । Body:बता दें कि धमतरी के नीलमणि चंद्राकर की 2016 में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण हेतु जमीन अधिग्रहित की गई थी। जिसकी कीमत 62 लाख के आसपास तय हुई थी। लेकिन एसडीओ व जमीन अधिकारियों ने केवल 52 लाख रुपए ही नीलमणि चंद्राकर को भुगतान के रूप में दिए। कई बार फरियाद लगाने पर भी बाकी पैसों का भुगतान उन्हें नहीं किया गयाConclusion:जिसके बाद नीलमणि ने उच्च न्यायालय में मामले को लेकर याचिका दायर की। जिस पर जस्टिस कोशी की सिंगल बेंच ने अपना फैसला दिया है।
Byte-advocate Rakesh dubey
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