कोरिया : छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकायों में कार्यरत अनियमित और प्लेसमेंट कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. हड़ताल के चलते सभी प्लेसमेंट कर्मचारियों ने कामकाज बंद कर दिया है. इस वजह से नगर पालिकाओं और नगरीय निकायों की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही है.
हड़ताल से नगर की व्यवस्था चरमराई : अनियमित और प्लेसमेंट कर्मचारियों के हड़ताल का सबसे ज्यादा असर सफाई व्यवस्था, जल आपूर्ति और अन्य प्रशासनिक कार्यों पर पड़ रहा है. सफाई कर्मचारियों के काम पर नहीं आने से सड़कों और मोहल्लों में कचरा इकट्ठा हो गया है. पेयजल आपूर्ति भी बाधित हो रही है. इसके साथ ही प्रशासनिक कार्य बाधित होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अनियमित और प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग : छ्त्तीसगढ़ में अनियमित और प्लेसमेंट कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने सरकार के समक्ष अपनी 4 सूत्रीय मांग रखी है. इसमें ठेका प्रथा, 10 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण, श्रम सम्मान निधि, वेतन खाते में भेजने सहित बेहतर कार्य परिस्थितियों की मांग की गई है. कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से इन मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रही है.
हड़ताल को कांग्रेस का समर्थन : अनियमित और प्लेसमेंट कर्मचारी संयुक्त महासंघ के हड़ताल को कांग्रेस पार्टी का समर्थन मिल रहा है. युवा कांग्रेस नेता विक्रांत सिंह ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी इस संघर्ष में कर्मचारियों के साथ खड़ी है और उनकी मांगों का समर्थन करती है.
नगर पालिका कर्मचारियों की मांगे पूरी तरह वाजिब हैं. सफाई और पेयजल जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए दिन रात काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन बढ़ाना चाहिए. : विक्रांत सिंह, युवा कांग्रेस नेता, कोरिया
बीजेपी ने जल्द फैसला लेने की कही बात : भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्लेसमेंट कर्मचारी सभी नगरी निकायों में हड़ताल पर हैं. इसकी जानकारी संगठन के जरिए सरकार तक पहुंचाई गई है. उन्होंने कर्मचारियों से अपील किया कि वे अपनी बात सरकार के समक्ष रखें, ताकि उन्हें लाभ मिले.
मुख्यमंत्री और नगरी निकाय मंत्री अरुण साव से चर्चा जारी है. जल्दी ही इस पर निर्णय लिया जाएगा, जो कर्मचारियों के हित में होगा. : कृष्ण बिहारी जायसवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष, कोरिया
हड़ताल से सरकार पर बढ़ा दबाव : निकाय कर्मचारियों के हड़ताल से राज्य सरकार पर दबाव बढ़ गया है. हड़ताल के कारण कई शहरों में आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कचरे के ढेर और पानी की कमी ने हालात गंभीर बना दिए हैं. हालांकि, अब तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. वहीं, कर्मचारी महासंघ का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे हड़ताल जारी रखेंगे.