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राज्यसभा सदस्य के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर अब 1 अक्टूबर को सुनवाई - bilaspur news

मार्च 2018 में राज्य कोटे से रिक्त हुई एक मात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव कराया गया था. चुनाव में पराजित होने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी लेखराम साहू ने हाई कोर्ट में निर्वाचित राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है. अब इस मामले की सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी.

Saroj Pandey-Lekhram Sahu
सरोज पांडेय-लेखराम साहू
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Published : Sep 11, 2021, 11:33 AM IST

बिलासपुर : राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय (Rajya Sabha member Saroj Pandey) के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर 1अक्टूबर को सुनवाई होगी. इससे पहले शुक्रवार को सरोज पांडेय ने अपने वकील के जरिये नौ गवाहों की सूची (list of witnesses) पेश की है. इस मामले में याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता लेखराम साहू पहले ही 11 गवाहों की लिस्ट पेश कर चुके हैं.

मार्च 2018 में राज्य कोटे से रिक्त हुई एक मात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव कराया गया था. इसमें कांग्रेस ने पूर्व विधायक लेखराम साहू को अपना उम्मीदवार बनाया था. चुनाव में पराजित होने के बाद लेखराम साहू ने हाई कोर्ट में निर्वाचित राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है. इसमें कहा गया कि सरोज पांडेय द्वारा भरे गए नामांकन पत्र में भाजपा के 11 विधायकों ने हस्ताक्षर किये थे. ये सभी लाभ के पद पर काबिज थे. याचिका में लाभ के पद पर होते हुए प्रस्तावक व समर्थक बनने की संवैधानिकता को चुनौती दी गई.

स्थायी पता और बैंक अकाउंट नंबर छिपाने का आरोप

साथ ही याचिकाकर्ता ने सरोज पांडेय द्वारा नामांकन पत्र में स्थायी पता और बैंक अकाउंट नंबर भी छिपाने का आरोप लगाया है. इसी तरह शपथपत्र में उन्होंने अपना पता मैत्री नगर भिलाई बताया है. मतदाता सूची में दुर्ग शहर के भाग क्रमांक 166 में मतदाता क्रमांक 428 में नाम दर्ज होने की जानकारी दी है. जबकि मैत्री नगर भिलाई-दुर्ग ग्रामीण में आता है. वहां उनके पिता रहते हैं. सरोज पांडेय दुर्ग शहर के जल विहार परिसर में पीएचईडी के बंगले में अवैध तरीके से रह रही हैं. सरोज द्वारा बताया गया भाग क्रमांक जल परिसर का है और परिसर का बंगला राजेश मूणत के नाम पर आबंटित है.

दोनों पक्षों से गवाहों की सूची पेश करने के बाद दर्ज होगा गवाहों का बयान

याचिका में निर्वाचन को निरस्त करने की मांग की गई है. इस मामले में कोर्ट में कई बार सुनवाई हो चुकी है. याचिकाकर्ता की तरफ से गवाहों की सूची प्रस्तुत करने के बाद कोर्ट ने सांसद सरोज पांडेय को गवाहों की सूची पेश करने के निर्देश दिये थे. अब दोनों पक्षों से गवाहों की सूची पेश करने के बाद गवाहों का बयान दर्ज किया जाएगा.

बिलासपुर : राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय (Rajya Sabha member Saroj Pandey) के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर 1अक्टूबर को सुनवाई होगी. इससे पहले शुक्रवार को सरोज पांडेय ने अपने वकील के जरिये नौ गवाहों की सूची (list of witnesses) पेश की है. इस मामले में याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता लेखराम साहू पहले ही 11 गवाहों की लिस्ट पेश कर चुके हैं.

मार्च 2018 में राज्य कोटे से रिक्त हुई एक मात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव कराया गया था. इसमें कांग्रेस ने पूर्व विधायक लेखराम साहू को अपना उम्मीदवार बनाया था. चुनाव में पराजित होने के बाद लेखराम साहू ने हाई कोर्ट में निर्वाचित राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है. इसमें कहा गया कि सरोज पांडेय द्वारा भरे गए नामांकन पत्र में भाजपा के 11 विधायकों ने हस्ताक्षर किये थे. ये सभी लाभ के पद पर काबिज थे. याचिका में लाभ के पद पर होते हुए प्रस्तावक व समर्थक बनने की संवैधानिकता को चुनौती दी गई.

स्थायी पता और बैंक अकाउंट नंबर छिपाने का आरोप

साथ ही याचिकाकर्ता ने सरोज पांडेय द्वारा नामांकन पत्र में स्थायी पता और बैंक अकाउंट नंबर भी छिपाने का आरोप लगाया है. इसी तरह शपथपत्र में उन्होंने अपना पता मैत्री नगर भिलाई बताया है. मतदाता सूची में दुर्ग शहर के भाग क्रमांक 166 में मतदाता क्रमांक 428 में नाम दर्ज होने की जानकारी दी है. जबकि मैत्री नगर भिलाई-दुर्ग ग्रामीण में आता है. वहां उनके पिता रहते हैं. सरोज पांडेय दुर्ग शहर के जल विहार परिसर में पीएचईडी के बंगले में अवैध तरीके से रह रही हैं. सरोज द्वारा बताया गया भाग क्रमांक जल परिसर का है और परिसर का बंगला राजेश मूणत के नाम पर आबंटित है.

दोनों पक्षों से गवाहों की सूची पेश करने के बाद दर्ज होगा गवाहों का बयान

याचिका में निर्वाचन को निरस्त करने की मांग की गई है. इस मामले में कोर्ट में कई बार सुनवाई हो चुकी है. याचिकाकर्ता की तरफ से गवाहों की सूची प्रस्तुत करने के बाद कोर्ट ने सांसद सरोज पांडेय को गवाहों की सूची पेश करने के निर्देश दिये थे. अब दोनों पक्षों से गवाहों की सूची पेश करने के बाद गवाहों का बयान दर्ज किया जाएगा.

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