बिलासपुर: लॉकडाउन से प्रभावित वकीलों को आर्थिक सहायता देने की मांग मामले में गुरुवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें हाईकोर्ट ने मामले में याचिकाकर्ता से डिटेल रिपोर्ट मांगी है.
आनंद मोहन तिवारी और राकेश कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए डिविजन बेंच ने स्टेट बार काउंसिल से पूछा है कि उनके पास वकीलों के लिए कितना वेलफेयर अमाउंट है. साथ ही वकीलों को आर्थिक सहायता देने के लिए उनके पास क्या योजना है. इसकी पूरी डिटेल रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश करें. इस मामले पर अब एक हफ्ते बाद फिर से सुनवाई होनी है.
ऐसे स्थिति में वकीलों को नहीं देख सकते: HC
मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्होंने कुछ दिनों पहले एक अंग्रेजी अखबार में खबर पढ़ी थी कि एक वकील इस बुरे दौर में वकालत छोड़कर श्रमिक का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि खबर छत्तीसगढ़ राज्य की तो नहीं थी, पर वे ऐसे स्थिति में वकीलों को नहीं देख सकते हैं.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने जारी की थी राशि
लॉकडाउन की वजह से कोर्ट की कार्यवाही बंद होने के कारण कई वकील आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, जिसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने स्टेट बार काउंसिल को 45 लाख रुपये की राशि जारी की थी. जिसके तहत आर्थिक मंदी झेल रहे 1100 वकीलों को 3 हजार रुपये दिए गए थे.
दिल्ली और मध्य प्रदेश सरकार ने दी सहायता राशि
स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष ने ये भी कहा था कि वे पत्र लिखकर सरकार से भी प्रदेश के प्रभावित वकीलों के लिए लगभग 1 करोड़ की राहत राशि दिल्ली और मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर जारी करने की मांग उठाएंगे. बता दें, मध्य प्रदेश और दिल्ली सरकार की ओर से लॉकडाउन की वजह से प्रभावित वकीलों को 5 हजार रुपये की राशि जारी की गई थी.