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मनरेगा में भ्रष्टाचार!, निर्माणाधीन पुल की उपयोगिता पर उठे सवाल

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Published : Jul 15, 2020, 3:50 PM IST

ग्रामीणों इलाकों में लोगों की सुविधा के लिए मनरेगा के तहत सड़क और पुलिया का निर्माण कराया जा रहा है, जिसपर अब सवाल उठने लगे हैं. मनरेगा के तरह बन रहे पुल की उपयोगिता पर सवाल उठ रहे हैं. जिसमें स्थानीय लोगों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं.

corruption in manrega
मनरेगा में घपले का आरोप

बिलासपुर: पेंड्रा जनपद के जाटादेवरी ग्राम पंचायत में ठेकेदारों पर मनमानी का आरोप लगा है. आरोप है कि यहां ठेकेदार मनरेगा के कामों की आड़ में शासन की योजनाओं को जमकर पलीता लगा रहे हैं. पेंड्रा में बिना उपयोगिता के ही कई निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी जा रही है, जिससे राशि के दुरुपयोग का आरोप लग रहा है.

मनरेगा में भ्रष्टाचार!

बताया जा रहा है, ग्रामीणों की सुविधा के लिए मनरेगा के तहत सड़क और पुलिया का निर्माण कराया जा रहा है, लोकिन अब पुल की उपयोगिता पर सवाल उठने लगे हैं.

पढ़ें: मनरेगा के तहत काम देने में फिर अव्वल छत्तीसगढ़, लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में टॉप पर

आरोप है, ग्राम पंचायत ने ठेकेदार को फायदा पहुंचाने की नीयत से एक ऐसी पुलिया का प्रस्ताव पास कर दिया जहां किसी का आना-जाना ही नहीं है. न ही वहां कोई सड़क है. ग्रामीणों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने पुल की उपयोगिता पर सवाल उठाया जिसके बाद विभाग ने तत्काल प्रभाव से काम पर रोक लगा दिया है.

ठेकेदार पर राशि गबन का आरोप

ग्रामीणों ने बताया कि जिस जगह पर पुलिया का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, वहां न कोई सड़क है न कोई उधर जाता है. यहां तक की मवेशी भी उस रास्ते से आना-जाना नहीं करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिया को गांव से दूर बनाने के पीछे ठेकेदार का अपना फायदा है. उनका कहना है कि जब पुल की कोई उपयोगिता नहीं होगी तो कोई उस रास्ते जाना भी नहीं चाहेगा और ठेकेदार गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य करा राशि गबन कर लेगा.

पढ़ें: मनरेगा के माध्यम से नवीन कार्य स्वीकृत करने के निर्देश

दोषियों पर होगी कार्रवाई

इस मामले में जब मीडिया ने जिम्मेदार अधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने पूरी गलतियों का ठीकरा अपने अधीनस्थ तकनीकी विभाग के मत्थे फोड़ दिया और खुद को पूरे मामले से अलग बताने लगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल पुल निर्माण के काम को रोका गया है. हालांकि, जिम्मेदारों का कहना है कि, मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बिलासपुर: पेंड्रा जनपद के जाटादेवरी ग्राम पंचायत में ठेकेदारों पर मनमानी का आरोप लगा है. आरोप है कि यहां ठेकेदार मनरेगा के कामों की आड़ में शासन की योजनाओं को जमकर पलीता लगा रहे हैं. पेंड्रा में बिना उपयोगिता के ही कई निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी जा रही है, जिससे राशि के दुरुपयोग का आरोप लग रहा है.

मनरेगा में भ्रष्टाचार!

बताया जा रहा है, ग्रामीणों की सुविधा के लिए मनरेगा के तहत सड़क और पुलिया का निर्माण कराया जा रहा है, लोकिन अब पुल की उपयोगिता पर सवाल उठने लगे हैं.

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आरोप है, ग्राम पंचायत ने ठेकेदार को फायदा पहुंचाने की नीयत से एक ऐसी पुलिया का प्रस्ताव पास कर दिया जहां किसी का आना-जाना ही नहीं है. न ही वहां कोई सड़क है. ग्रामीणों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने पुल की उपयोगिता पर सवाल उठाया जिसके बाद विभाग ने तत्काल प्रभाव से काम पर रोक लगा दिया है.

ठेकेदार पर राशि गबन का आरोप

ग्रामीणों ने बताया कि जिस जगह पर पुलिया का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, वहां न कोई सड़क है न कोई उधर जाता है. यहां तक की मवेशी भी उस रास्ते से आना-जाना नहीं करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिया को गांव से दूर बनाने के पीछे ठेकेदार का अपना फायदा है. उनका कहना है कि जब पुल की कोई उपयोगिता नहीं होगी तो कोई उस रास्ते जाना भी नहीं चाहेगा और ठेकेदार गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य करा राशि गबन कर लेगा.

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दोषियों पर होगी कार्रवाई

इस मामले में जब मीडिया ने जिम्मेदार अधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने पूरी गलतियों का ठीकरा अपने अधीनस्थ तकनीकी विभाग के मत्थे फोड़ दिया और खुद को पूरे मामले से अलग बताने लगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल पुल निर्माण के काम को रोका गया है. हालांकि, जिम्मेदारों का कहना है कि, मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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