बिलासपुर: सिम्स मेडिकल कॉलेज संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है. इस नाते सिम्स अस्पताल में संभाग के 5 जिलों के साथ दूसरे प्रदेशों के भी मरीज यहां इलाज कराने आते हैं. जिले में एक्सीडेंटल केस और अन्य कारणों से यहां पोस्टमॉर्टम के लिए लाशें भेजी जाती है. कई बार लावारिश लाशें कई दिनों तक यहां रखी जाती है. इतने बड़े अस्पताल के मरचुरी की स्थिति काफी खराब है. यहां तक कि लाशों को रखने वाले फ्रिज तक खराब पड़े हैं.
मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं: दरअसल सिम्म की मरचुरी में लाश लखने के लिए सिर्फ 2 फ्रिज उपयोग में हैं. बाकी 8 बन्द पड़े हैं. कई बार अज्ञात लाशों को दो तीन दिन रखना पड़ता है तो उन्हें कमरे में खुले में रखना पड़ता है. जिससे चूहे के कुतरने की समस्या तो बनी हुई है. लाश पुरानी होने पर दुर्गंध की समस्या भी आती है. दूसरे लाशों के पोस्टमार्टम कराने आने वालों को दुर्गंध से परेशान होना पड़ता है. सिम्स प्रबंधन का मरचुरी की खराब स्थिति पर कोई ध्यान नहीं है. सिम्स में कई जीवन रक्षक मशीन आए दिन खराब होती है और महीनों तक सुधार कार्य नहीं किया जाता.
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फ्रिज 1 साल से खराब, पुर्जों में जंग लगा: सिम्स मेडिकल कॉलेज के फ्रिज कोरोनाकाल के बाद से ही खराब हैं. यहां फ्रीजर में दुर्घटना के बाद पीएम रिपोर्ट और संदिग्ध शवों को रिजर्व में रखा जाता है. ऐसे में केवल 2 या 1 में ही शव रखे जा रहे हैं. इस वजह से लाशों की दुर्गति तो होती ही है, साथ ही 1 साल से बंद फ्रिज को शुरू करने की कवायद ही नहीं की जा रही है. कुछ फ्रीज में तो जंग भी लग गया है.
जल्द नई मशीन लग जाएगी: सिम्स मेडिकल कॉलेज के डीन केके सहारे का कहना है कि ''दो फ्रिज ही खराब हैं, जिनके सुधार के लिए आदेश पहले ही जारी कर दिए गए हैं. जल्द ही सभी फ्रिज काम करने लगेंगे. सिम्स के पुराने फ्रिज खराब हो गए हैं. चार फ्रिज सिम्स को दान में मिले हैं, उन्हे स्टॉल करने के लिए आदेश दे दिए गए हैं. जल्द ही एक बार फिर फ्रिज की संख्या बढ़ जाएगी और दिक्कत नहीं आएगी.''