बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से तीन सीटों पर भाजपा, एक सीट पर जेसीसीजे और दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. बिलासपुर जिला के मस्तूरी विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है. ये सीट शुरू से ही भाजपा का गढ़ रहा है. यहां से भाजपा शासनकाल में स्वास्थ्य मंत्री रहे कृष्णमूर्ती बांधी ने जीत दर्ज की थी. पिछले विधानसभा चुनाव में जब कई दिग्गजों को हार का मुंह देखना पड़ा था, तब भी कृष्णमूर्ती बांधी ने जीत हासिल की थी. इस बार भी बीजेपी ने इस सीट से कृष्णमूर्ति बांधी को ही टिकट दिया है. वहीं, कांग्रेस ने इस सीट से दिलीप लहरिया पर भरोसा जताया है.
मस्तूरी विधानसभा सीट को जानिए: मस्तूरी की आबादी 4,28,962 हैं. इस सीट पर एससी की आबादी 70 फीसद है. एसटी यहां न के बराबर हैं. ओबीसी 20 फीसद, जनरल 10 फीसद हैं. इस सीट पर हार और जीत का फैसला ओबीसी करते हैं.बात अगर रोजगार के साधन की करें तो यहां एनटीपीसी है. लेकिन यहां मजदूर की आवश्यकता इतनी नहीं पड़ती, जितने यहां बेरोजगार हैं. क्षेत्र में कोई बड़ी फैक्ट्री या कंपनी नहीं है. लेकिन कृषि के लिए अच्छे साधन और रोजगार नहीं है.
मस्तूरी में मतदाताओं की संख्या: मस्तूरी विधानसभा सीट पर कुल 305366 मतदाता है. जिसमें पुरुष मतदाता 154519 हैं. वहीं, महिला मतदाता की संख्या इस सीट पर 150834 है. यहां महिला और पुरुष मतदाताओं की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं है. वहीं, इस सीट पर 13 थर्ड जेंडर मतदाता हैं.
क्या हैं मुद्दे और समस्याएं: आजादी के बाद से लेकर अब तक यहां के चुनावी मुद्दे हावी रहे हैं. मुख्य मार्गो से ग्रामों तक जाने वाली कच्ची सड़कों को पक्की बनाने की मांग लंबे समय से चलती आ रही है. इसके अलावा यहां एक ही कॉलेज है. यहां से 2003 में विधायक कृष्णमूर्ती बांधी विधायक चुनकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बने. यहां स्वास्थ्य सुविधाओं में इतनी कमी है कि विधानसभा के लोगों को दूसरे जगह जाकर इलाज कराना पड़ता है.
इसके अलावा विधानसभा मस्तूरी होने के बावजूद भी यह अभी भी ग्राम पंचायत ही है. जबकि इस विधानसभा के अंतर्गत आने वाले मल्हार को नगर पंचायत बना दिया गया है. बस स्टैंड की अगर बात करें तो मस्तूरी से लेकर मल्हार और पचपेड़ी तक एक भी बस स्टैंड नहीं है. बस स्टैंड नहीं होने की वजह से भी लोगों को काफी समस्याएं होती है. बाहरी लोगों का यहां के सरकारी जमीनों पर कब्जा करने का मुद्दा भी हावी है. यहां अवैध शराब बिक्री और धर्मातरण प्रमुख मुद्दा है.
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2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर: साल 2018 विधानसभा चुनाव में मस्तूरी विधानसभा में कुल वोटरों की संख्या 239819 थी. यहां से कुल 12 प्रत्याशी चुनाव लड़े. इनमें भाजपा के कृष्णमूर्ति बांधी ने 36 फीसद वोट पाकर जीत दर्ज की. इन्हें 67950 वोट मिले थे. जबकि बसपा के जयेन्द्र पटेल को 29 फीसद वोट मिले. इनको 53843 वोट मिले. इसके साथ ही कांग्रेस के दिलीप लहरिया को भी 29 फीसद वोट मिले. कांग्रेस को 53620 मत मिले थे.
कौन तय करता है प्रत्याशी के जीत हार का फैसला: मस्तूरी विधानसभा एससी बाहुल्य विधानसभा सीट है. इस क्षेत्र में सतनामी समाज और निषाद दोनों समाज हैं. लेकिन चुनाव के दौरान एससी समाज का वोट एससी प्रत्याशियों में बंट जाता है. लेकिन यहां पर निर्णायक के रूप में ओबीसी का वोट माना जाता है. एससी के बाद यहां ओबीसी के वोटर्स अधिक हैं. सामान्य और एसटी की बात करें तो एसटी समाज के लोग मस्तूरी विधानसभा में नहीं के बराबर हैं.