बिलासपुर: bilaspur crime news सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी (Civil Line Police Station Officer Parivesh Tiwari) ने बताया कि "एसपी कार्यालय के फंड शाखा में बीते दिनों वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया ( Scam in provident fund of police personnel) था. कर्मचारियों के भविष्य निधि के खाते से फर्जी तरीके से राशि को आहरण कर लिया गया था. वहीं भुगतान धनराशि से अधिक धनराशि का भी आहरण किया गया था. फर्जी सील मुहर, साइन और दस्तावेजों में कांट छांट कर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया था.
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एसएसपी ने जांच के निर्देश दिये तब गबन का पता चला: प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव (Head constable Sanjay Srivastava) के बिना आवेदन किए नोट शीट तैयार कर उसके जीपीएफ खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होने के बावजूद 15,75,000 रूपये की धनराशि स्वीकृत कर आहरण किया गया. अन्य कर्मचारियों के भविष्य निधि के खाते से भी पर्याप्त धनराशि नहीं होने के बावजूद अधिक राशि का आहरण कर वित्तीय अनियमितता कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया.
अनियमितता संज्ञान में आने पर मंधुशीला सुरजाल द्वारा आहरित राशि को भारतीय स्टेट बैंक कलेक्ट्रेट शाखा बिलासपुर में जमा कराये जाने के संबंध में जांच की गई. जांच पर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चालान और बैंक की सील, फर्जी पाई गई. साथ ही जांच प्रतिवेदन में फण्ड शाखा के रजिस्टर में आहरण संधारित न होना भी पाया गया. इसके साथ ही नोट शीट में स्वीकृत राशि के अंक का लेखन और हस्ताक्षर अलग अलग पाया गया.
इस पूरे मामले मे SSP पारुल माथुर (SSP Parul Mathur) ने जांच के निर्देश दिए थे. जांच में फंड शाखा प्रभारी महिला एएसआई मधुशिला सुरजाल और प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव अनियमितता में शामिल पाए गए. जिसके बाद सिविल लाइन थाने में विभिन्न धाराओं के तहत दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया.
एफआईआर के बाद पहले प्रधान आरक्षक गिरफ्तार: थाने में एफआईआर के बाद पुलिस ने आरोपी प्रधान आरक्षक को पहले गिरफ्तार कर लिया, लेकिन महिला एएसआई फरार हो गई थी. पुलिस को लंबे समय से आरोपी महिला एएसआई की तलाश थी. जिसके बाद सिविल लाइन पुलिस ने सूचना पर आरोपी महिला एएसआई मधुशिला सुरजाल (Female ASI Madhushila Surjal) को ओडिशा के पदमपुर से गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है.