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बिलासपुर में पीएम आवास योजना का बुरा हाल, 6 हजार मकान आधे-अधूरे

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Published : Jan 5, 2020, 3:54 PM IST

Updated : Jan 5, 2020, 6:03 PM IST

बिलासपुर के मरवाही के गम्माटोला में पीएम आवास योजना के तहत बैगा आदिवासियों से साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है. 3 साल बाद भी बैगा आदिवासियों को आवास नहीं मिल पाया है. उनके आवास की पूरी राशि निकाल ली गई है. कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

Bad condition of PM Awas Yojana
पीएम आवास का बुरा हाल

बिलासपुर: जिले के मरवाही के गम्माटोला में पीएम आवास योजना के नाम पर राशि का बंदरबांट किया जा रहा है.

पीएम आवास योजना का बुरा हाल

मरवाही के ग्राम पंचायत गम्माटोला में पिछले 3 साल पहले पीएम आवास योजना के तहत मकानों की नींव तो रख दी गई, लेकिन छत नहीं बनाए गए और मकान के नाम पर पूरी राशि निकाल ली गई. इसके चलते आज भी राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासियों को छत नसीब नहीं हुआ है

गरीब बैगा आदिवासियों को कब मिलेगा आशियाना ?

हितग्राहियों की मानें तो कई बार मामले में उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि को मामले की जानकारी दी, पर किसी ने भी कोई मदद नहीं की. उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने टालते हुए 3 साल गुजार दिए और शिकायत की बात कहने पर धमकी भी देते हैं.

कागजों में 6 हजार पीएम आवास का निर्माण

बता दें कि पीएम आवास योजना के संयोजक अनीश मसीह को दो माह पहले 3 सालों में 6 हजार आवास का निर्माण करवाने के लिए प्रदेश के राज्यपाल से सम्मान मिल चुका है, लेकिन जनपद पंचायत मरवाही के अंतर्गत आने वाले 73 पंचायतों में 6 हजार आवास का निर्माण केवल कागजों में ही हुआ है, क्योंकि मकान आज भी अधूरे हैं. दरअसल सम्मान पाने और नाम कमाने की लालसा में अधिकारी योजना पर पलीता लगा रहे हैं.

आखिर कब बनेगा पूरा आवास?

इधर, मामले में अधिकारी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. वहीं अतिरिक्त कलेक्टर ने कहा कि आवास योजना की राशि प्रत्यक्ष तौर पर हितग्राही के खाते में जाती है, लेकिन अगर ग्रामीणों को बहलाकर अनैतिक किया जा रहा है, तो मामले में जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बिलासपुर: जिले के मरवाही के गम्माटोला में पीएम आवास योजना के नाम पर राशि का बंदरबांट किया जा रहा है.

पीएम आवास योजना का बुरा हाल

मरवाही के ग्राम पंचायत गम्माटोला में पिछले 3 साल पहले पीएम आवास योजना के तहत मकानों की नींव तो रख दी गई, लेकिन छत नहीं बनाए गए और मकान के नाम पर पूरी राशि निकाल ली गई. इसके चलते आज भी राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासियों को छत नसीब नहीं हुआ है

गरीब बैगा आदिवासियों को कब मिलेगा आशियाना ?

हितग्राहियों की मानें तो कई बार मामले में उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि को मामले की जानकारी दी, पर किसी ने भी कोई मदद नहीं की. उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने टालते हुए 3 साल गुजार दिए और शिकायत की बात कहने पर धमकी भी देते हैं.

कागजों में 6 हजार पीएम आवास का निर्माण

बता दें कि पीएम आवास योजना के संयोजक अनीश मसीह को दो माह पहले 3 सालों में 6 हजार आवास का निर्माण करवाने के लिए प्रदेश के राज्यपाल से सम्मान मिल चुका है, लेकिन जनपद पंचायत मरवाही के अंतर्गत आने वाले 73 पंचायतों में 6 हजार आवास का निर्माण केवल कागजों में ही हुआ है, क्योंकि मकान आज भी अधूरे हैं. दरअसल सम्मान पाने और नाम कमाने की लालसा में अधिकारी योजना पर पलीता लगा रहे हैं.

आखिर कब बनेगा पूरा आवास?

इधर, मामले में अधिकारी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. वहीं अतिरिक्त कलेक्टर ने कहा कि आवास योजना की राशि प्रत्यक्ष तौर पर हितग्राही के खाते में जाती है, लेकिन अगर ग्रामीणों को बहलाकर अनैतिक किया जा रहा है, तो मामले में जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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मरवाही बिलासपुर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को किस तरह अधिकारी और कर्मचारी चकनाचुर कर रहे है इसका नजारा देखने को मिला मरवाही जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत गम्माटोला जहां पिछले तीन सालों से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास तो बना दिये गए पर छत नहीं बनाए पर मकान को पूरा बतलाकर राशि जरूर आहरित कर ली गई है। जिसके चलते आज भी राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासियो को आज भी छत नसीब नही हुआ हालांकि हितग्राहियों की माने तो कई बार मामले में उनके द्वारा स्थानीय अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि को भी मामले की जानकारी दी गई पर इनका सुनने वाला कोई नही।मामले में जनपद के अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है तो अतिरिक्त कलेक्टर ने मामले में जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की बात कही है।Body:cg_bls_01_pmawash_avb_CGC10013



देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना था हर व्यक्ति के पास हो अपना आशियाना जिसके लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत बैगा आदिवासियों एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे व्यक्तियों के साथ साथ जिसके पास भूमि नहीं है उसे भी सरकार की ओर से वर्ष 2022 तक पक्के मकान देने की योजना संचालित है जिसके अंतर्गत ग्रामीणों को आवास की सुविधा दी जा रही है लेकिन अधिकारी और कर्मचारी ठेकेदारो से मिलीभगत कर पूरे योजना को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं, जहा पिछले तीन सालों से राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले गरीब बैगा आदिवासियों को अब तक आशियाने नसीब नहीं हुए है। कहने को तो कागजो में 3 वर्षों में जनपद पंचायत मरवाही के द्वारा 6000 प्रधानमंत्री आवास ओं का निर्माण हो चुका है परंतु ऐसा लगता है 6000 प्रधानमंत्री आवास ओ का निर्माण सिर्फ कागजों में ही हुआ है हकीकत कुछ और है मरवाही के गुम्माटोला गांव में ढाई से तीन वर्ष पहले जिन आवासों का कार्य प्रारंभ हुआ था पर कुछ में तो ठेकेदार अधिकारियों और कर्मचारियों से मिली भगत कर आवासों में दीवारें भी उठा दी गई हैं परंतु परंतु  छत नहीं डाला गया नाही दीवारों की छपाई की गई खिड़की दरवाजे तो दूर की बात है करीब दर्जनभर ऐसे प्रधानमंत्री आवास ऐसे हैं जहां छत नहीं डाली गई तो कुछ मकान में तो अंदर बाहर छपाई भी करा दिया गया पर छत ही नही बनाया गया और हितग्राहियों के खाते से पैसा आहरित कर लिया गया। तो कुछ आवासों में आज भी वर्षों से हितग्राही ठेकेदारों के छत डालने का इंतजार कर रहे हैं परंतु उनका यह इंतजार खत्म होने का नाम ही नही ले रहा है। वही प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के संयोजक अनीश मशीह को पिछले दो माह पहले 3 वर्षों में 6000 प्रधानमंत्री आवास का निर्माण करवाने के लिए प्रदेश के राज्यपाल के हाथों सम्मानित किया जा चुका है परंतु जनपद पंचायत मरवाही के अंतर्गत आने वाले 73 पंचायतों में 6000 प्रधानमंत्री आवास का निर्माण करना एक ऐतिहासिक पहल है परंतु निर्माण पूरे हो और हितग्राहियों के काम आ सके वह बात अलग है सम्मान पाने एवं नाम कमाने की लालसा में अधिकारी एवं कर्मचारी लगे रहते हैं परंतु हितग्राहियों से इनका कोई सरोकार नहीं होता वही मामले में हितग्राहियों की माने तो वे कई बार मामले की शिकायत अधिकारियों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी मामले की शिकायत की पर दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई ना ही उनका आवास बनाया गयाConclusion:cg_bls_01_pmawash_avb_CGC10013


वही मामले में जनपद पंचायत के जवाबदारों ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलेने से इंकार कर दिया तो अतिरिक्त कलेक्टर ने जरूर मामले में जानकारी लेकर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही किये जाने की बात कही है।।।


1 बीसी साहू अपर कलेक्टर पेंड्रारोड

2  हितग्राहियों की बाइट
Last Updated : Jan 5, 2020, 6:03 PM IST
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