बिलासपुर: दुनिया से अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है, बल्कि बीतते समय के साथ कोरोना ने अपना रूप भी बदला है. कोरोना की तीसरे स्ट्रेन की शुरुआत हो चुकी है.महाराष्ट्र की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ में भी खतरा बढ़ गया है. ऐसे में ETV भारत ने कोरोना को लेकर आमलोगों से चर्चा की और उनके मन की बात टटोलने की कोशिश की है.
कोरोना संकट के एक साल बाद लोगों से बात करने पर कई चौंकाने वाली बात सामने आ रही है. दरअसल, बीतते समय के साथ ज्यादातर लोगों के मन से कोरोना का डर खत्म हो गया है. लोग अब आवश्यक सावधानियां बरतने से कतरा रहे हैं. हैंडवॉश, सैनिटाइजर, मॉस्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसी तमाम चीजों को भुलाते जा रहे हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
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कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत में लोगों में दहशत थी. लोग घर की दहलीज पार करने से भी घबराने लगे थे, लेकिन वर्तमान में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है. हालांकि शहर में रह रहे एक बड़ी आबादी ने ये भी माना है कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. ये आबादी ज्यादातर सावधानियां भी बरत रहे हैं, लेकिन महज इनके सावधानियां बरतने से कोरोना खत्म नहीं होगा. कोरोना का फैलाव रोकने के लिए हर शख्स को स्वास्थ्य विभाग से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा.
जान ले सकती है लापरवाही !
शहर का एक वर्ग खासकर मजदूर तबके के लोग कोरोना के प्रति सावधानियों को लेकर सजग नहीं दिख रहे हैं. उनका कहना है कि वे ऐसे काम से जुड़े हैं, जिसमें हर घंटे हैंडवॉश, हैंडसैनिटाइडजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग संभव नहीं है. कुछ ने यहां तक कह दिया कि वे मेहनतकश हैं, उन्हें कभी भी कोरोना नहीं होगा.
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लापरवाही न पड़ जाए भारी
शहरवासियों से बात करने के बाद जो लब्बोलुआब निकलकर आ रहा है, वो ये है कि वैक्सिनेशन की प्रक्रिया शुरू होते ही कुछ लोग ज्यादा लापरवाह हो चुके हैं. उनके भीतर एक अजब सी निश्चिंतता आ गई है. मन में कोरोना पर फतह पा लेने का मनोविज्ञान हावी हो चुका है. ETV भारत ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहे. प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का कड़ाई से पाल करें. अपकी एक लापरवाही कई जिंदगियों पर भारी पड़ सकती है.