बिलासपुर: अपोलो अस्पताल में इलाज करा रही 23 साल की युवती की मौत का मामला तूल पकड़ रहा है. परिवार ने अपोलो हॉस्पिटल मैनेजमेंट पर इलाज में घोर लापरवाही और पैसों के लिए गलत इलाज करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही जिम्मेदार डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है.
परिवार के साथ इस दु:ख की शुरुआत 24 जून को हुई. मॉर्निंग वाकिंग पर निकली निशा सिंह नाम की युवती को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी. हादसे में वो बुरी तरह घायल हो गई. घायल अवस्था में उसे आनन-फानन में अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. परिजन को लगा बड़ा हॉस्पिटल है. अच्छा इलाज होगा और बिटिया घर लौट आएगी. लेकिन यहां तो किस्मत को और ही मंजूर था.
इलाज के दौरान अपोलो प्रवंधन ने युवती के परिजनों पर ऑपरेशन का दवाब बनाया. परिवार ने युवती का हाल देखते हुए ऑपरेशन के लिए हां कर दी. इसी दौरान डॉक्टर्स ने प्लास्टिक सर्जरी की बात कही. प्लास्टिक सर्जरी का नाम सुन परिवार ने पहले इनकार किया फिर तैयार हो गए. अस्पताल ने उन्हें 10 से 12 लाख रुपए का खर्च बताया था. फैमिली का कहना है कि प्लास्टिक सर्जरी के बाद निशा की तबीयत और बिगड़ गई. 2 दिन उसे वेंटिलेटर पर रखा गया और उसकी मौत हो गई.
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'न्याय नहीं मिला तो जाएंगे कोर्ट'
परिवार का आरोप है कि बुरी हालत में भी अस्पताल ने निशा के इलाज पर ध्यान नहीं दिया. परिवार ने कहा कि ये पूरी तरह नेग्लीजेंस का मामला है. साथ ही डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है. ETV भारत से मृतिका के पिता विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने इस मामले में बिलासपुर पुलिस और स्वास्थ्य मंत्री से भी मदद की गुहार लगाई है. अगर उन्हें जल्द न्याय नहीं मिलता है तो वो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं. वहीं इस मामले में सीएमएचओ ने कहा कि परिजनों की शिकायत पर जांच टीम गठित की गई, जो तीन से चार दिन में रिपोर्ट पेश करेगी.
सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज
मामले की शिकायत सरकंडा थाने में भी की गई है, जिस पर विवेचना जारी है. आपको बता दें कि इससे पहले भी अपोलो अस्पताल पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. अब देखना है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होती है या फिर मामला जांच की फाइल में दब कर रह जाता है.