बीजापुर : 16 जनवरी से वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो रही है. बीजापुर के लिए 2200 वैक्सीन पहुंच चुकी है. नक्सल प्रभावित इलाका होने के नाते इस क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टी से तैयारियां तेज कर दी गई है. वैक्सीन के सेंटर तक पहुंचने से लेकर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तक जवान तैनात रहेंगे. भैरमगढ़ बीजापुर और मद्देड में वैक्सीनेशन की तैयारी पूरी कर ली गई है.
वैक्सीनेशन को लेकर अधिकारियों का कहना है कि टीकाकरण को लेकर सारी तैयारी कर ली गई है. बीजापुर में 29 केंद्र बनाए गए है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उन्हें भी शक है कि कोरोना के खतरे के बीच नक्सली, कोरोना वैक्सीन की लूट जैसी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. ऐसे में अब इन्हें सुरक्षित रूप से केंद्रों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एक बार फिर पुलिस के कंधों पर होगी. प्रदेश के 14 जिले नक्सल प्रभावित हैं. बस्तर, सुकमा, बीजापुर, कोंडागांव, कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बालोद, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, कवर्धा, राजनांदगांव और बलरामपुर जिला नक्सलवाद झेल रहा है. 60 हजार से अधिक जवान यहां सुरक्षा में लगे हैं.
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नक्सल प्रभावित हैं सातों जिले
पुलिस का भी मानना है कि बस्तर में कई इलाके नक्सल प्रभावित हैं लेकिन यहां लोगों को कोरोना के खतरे से बचाने के लिए वैक्सीन पहुंचाना भी जरूरी है. वैक्सीन को सुरक्षित कोल्ड चेन प्वाइंट और केंद्रों तक पहुंचाने के लिए जो भी हो सकेगा वह पुलिस करेगी. इसके अलावा संभाग के बीजापुर ,दंतेवाड़ा ,सुकमा और नारायणपुर जिले में विशेष सतर्कता बरती जाएगी.
16 जनवरी से वैक्सीनेशन
वैक्सीनेशन की प्रक्रिया के तहत पहले सेंटर में पहुंचे हितग्राहियों का आईडी रजिस्ट्रेशन चेक किया जाएगा. इसके बाद वे वैक्सीनेशन रूम पहुंचेंगे. जहां हितग्राहियों को वैक्सीन लगाई जाएगी. इसके बाद लगभग 30 मिनट तक हितग्राहियों को निगरानी कक्ष में रखा जाएगा. जहां वैक्सीन का साइड इफेक्ट या किसी तरह की परेशानी होने पर उसका इलाज किया जाएगा. बताया जा रहा है कि पहले ये वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मी, डॉक्टर्स, स्टॉफ और महिला बाल विकास विभाग के कर्मियों को लगाया जाएगा.