ETV Bharat / state

बेमेतरा: बाड़ी विकास योजना से महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर, उगा रही फल और सब्जियां

बेमेतरा के बेलाई गांव में महिलाएं खेती के गुर सीख रहीं हैं. कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिक महिलाओं को फल और सब्जियां उगाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इससे महिलाएं आत्मनर्भर बन रहीं हैं, साथ ही अपने परिवार की आजिविका भी चला रहीं हैं.

bemetara badi vikas yojna
बाड़ी विकास योजना से महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
author img

By

Published : Jul 10, 2020, 12:23 PM IST

Updated : Jul 11, 2020, 12:58 PM IST

बेमेतरा: छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अलग-अलग योजनाएं चला रही है. बेमेतरा के कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से बाड़ी विकास योजना के तहत ग्रामीण अंचल की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है, जिससे वे अपनी आजीविका चला सकें.

बेमेतरा के बिलाई गांव में बाड़ी विकास योजना के तहत महिलाओं को बाड़ी विकास के गुर सिखाए जा रहे रहे हैं. स्वसहायता समूह की महिलाओं को रोजगार देने और उन्हें आर्थिक मजबूती देने के उद्देश्य से यह कार्य किया जा रहा है.

बाड़ी विकास योजना से महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

वैज्ञानिकों के निर्देशन में खेती के गुर सीख रही महिलाएं

कृषि विज्ञान केंद्र बेमेतरा के वैज्ञानिकों ने ग्राम बिलाई में सरस्वती महिला सहायता समूह की महिलाओं का चयन किया गया हैं. वहां महिलाओं को उन्नत तरीके से खेती के गुर सीखा रहे हैं. इसके साथ ही सरकारी जमीन में वैज्ञानिकों के निर्देशन में खेती कराकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पहल की जा रही है. ग्राम बिलाई में महिलाओं को फलदार पौधे और सब्जी की खेती कराई जा रही है. वहीं खेती से मिलने वाले सब्जी और फलों को समूह की महिलाएं बाजार में बेच कर आर्थिक रूप से मजबूत बन रहीं हैं.

bemetara badi vikas yojna
कृषि केंद्र के वैज्ञानिक

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना संकट और समर्थन मूल्य से एक बार फिर खेतों की ओर पहुंचने लगे किसान

कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन ने कई क्षेत्रों को प्रभावित किया. कई लोगों की नौकरी छूट गई और लोगों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया. अनलॉक होने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं, लोगों में कोरोना संक्रमण का डर बना हुआ है. ऐसे समय में ये बाड़ी विकास योजना के तहत खेती करना वरदान साबित हो रहा है. सब्जी और फल उगा कर महिलाएं घर चला रही हैं. सकंट की घड़ी में ये पहल उनके लिए मददगार साबित हो रही है.

bemetara badi vikas yojna
खेती के गुर सीख रही महिलाएं

खेती-किसानी का काम शुरू

बता दें कि छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन के लिए खेती-किसानी का काम शुरू हो चुका है. सरकार की ओर से किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से खाद, बीज और लोन की सुविधा दी जाती है. कोरोना संकट के इस दौर में किसान बीते वर्षों की तुलना में दोगुने तेजी के साथ खेती-किसानी के लिए सामने आए हैं. सहकारी समितियों में किसानों के ऋण लेने के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है. बीते सालों के 3 महीने के ऋण का आंकड़ा इस साल जून में ही पूरा हो गया है. ऐसे में आने वाले समय में खेती किसानी में 3 गुना ज्यादा किसानों के शामिल होने का अंदेशा लगाया जा रहा है.

बेमेतरा: छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अलग-अलग योजनाएं चला रही है. बेमेतरा के कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से बाड़ी विकास योजना के तहत ग्रामीण अंचल की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है, जिससे वे अपनी आजीविका चला सकें.

बेमेतरा के बिलाई गांव में बाड़ी विकास योजना के तहत महिलाओं को बाड़ी विकास के गुर सिखाए जा रहे रहे हैं. स्वसहायता समूह की महिलाओं को रोजगार देने और उन्हें आर्थिक मजबूती देने के उद्देश्य से यह कार्य किया जा रहा है.

बाड़ी विकास योजना से महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

वैज्ञानिकों के निर्देशन में खेती के गुर सीख रही महिलाएं

कृषि विज्ञान केंद्र बेमेतरा के वैज्ञानिकों ने ग्राम बिलाई में सरस्वती महिला सहायता समूह की महिलाओं का चयन किया गया हैं. वहां महिलाओं को उन्नत तरीके से खेती के गुर सीखा रहे हैं. इसके साथ ही सरकारी जमीन में वैज्ञानिकों के निर्देशन में खेती कराकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पहल की जा रही है. ग्राम बिलाई में महिलाओं को फलदार पौधे और सब्जी की खेती कराई जा रही है. वहीं खेती से मिलने वाले सब्जी और फलों को समूह की महिलाएं बाजार में बेच कर आर्थिक रूप से मजबूत बन रहीं हैं.

bemetara badi vikas yojna
कृषि केंद्र के वैज्ञानिक

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना संकट और समर्थन मूल्य से एक बार फिर खेतों की ओर पहुंचने लगे किसान

कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन ने कई क्षेत्रों को प्रभावित किया. कई लोगों की नौकरी छूट गई और लोगों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया. अनलॉक होने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं, लोगों में कोरोना संक्रमण का डर बना हुआ है. ऐसे समय में ये बाड़ी विकास योजना के तहत खेती करना वरदान साबित हो रहा है. सब्जी और फल उगा कर महिलाएं घर चला रही हैं. सकंट की घड़ी में ये पहल उनके लिए मददगार साबित हो रही है.

bemetara badi vikas yojna
खेती के गुर सीख रही महिलाएं

खेती-किसानी का काम शुरू

बता दें कि छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन के लिए खेती-किसानी का काम शुरू हो चुका है. सरकार की ओर से किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से खाद, बीज और लोन की सुविधा दी जाती है. कोरोना संकट के इस दौर में किसान बीते वर्षों की तुलना में दोगुने तेजी के साथ खेती-किसानी के लिए सामने आए हैं. सहकारी समितियों में किसानों के ऋण लेने के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है. बीते सालों के 3 महीने के ऋण का आंकड़ा इस साल जून में ही पूरा हो गया है. ऐसे में आने वाले समय में खेती किसानी में 3 गुना ज्यादा किसानों के शामिल होने का अंदेशा लगाया जा रहा है.

Last Updated : Jul 11, 2020, 12:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.