बेमेतरा : जिले में कई दिनों से लगातार रुक-रुककर हो रही बारिश से धान को नुकसान हो रहा है. बारिश के कारण उपार्जन केंद्रों में डंप पड़ा हजारों क्विंटल धान भीग गया है. रबी की फसल को भी नुकसान पहुंच रहा है. इस लापरवाही पर कलेक्टर शिव अनन्त तायल का कहना है कि संग्रहण केंद्र में रखे 40 हजार क्विंटल धान की मिलिंग दुर्ग में की जाएगी. धान का उठाव कराया जा रहा है. धान भीगने के संबंध में संबंधितों को नोटिस भी जारी किया गया है.
जिले में धान की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार लगातार लापरवाही बरत रहे हैं. आने वाले समय में इसका नुकसान शासन को होगा. डीएमओ भी इस अव्यवस्था पर कुछ भी कहने से बचते रहे. धान संग्रहण केंद्र में कार्यरत कर्मचारी ने बताया कि तेज आंधी-तूफान के कारण धान को ढंकने के लिए इस्तेमाल किए गए ताट भी उड़ गए हैं. वहीं दूसरे कैप कवर की व्यवस्था की जा रही है.
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रबी और सब्जी की फसल को भी नुकसान
बेमेतरा जिले में चने की फसल बर्बाद होने से किसान परेशान हैं. करीब 30 फीसदी चने की फसल उखटा रोग की भेंट चढ़ चुकी है. बची हुई फसल पर भी बेमौसम बारिश की मार पड़ी है. मसूर, टमाटर और अन्य सब्जियों को भी नुकसान पहुंचना तय माना जा रहा है. किसानों की मानें तो बारिश से धान और गेहूं की फसल को फायदा होगा.
धान का उठाव नहीं
सरदा में 2019-20 में हुई धान खरीदी का 41 हजार 694 मीट्रिक टन धान आज भी रखा हुआ है.
2020-21 की खरीदी का भी 25 हजार 848 मीट्रिक टन धान रखा हुआ है, जो प्रशासनिक लापरवाही के कारण बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ रहा है.
जिम्मेदारों ने धान को ढंकने की व्यवस्था नहीं की है. इस कारण खुले में पड़ा धान भीग रहा है.