बेमेतरा: लोगों की सुविधा के लिए लगभग 2 करोड़ की लागत से शहर के विभिन्न वार्डों में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया गया था, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही की वजह से सिर्फ 5 शौचालय ही अब तक इस्तेमाल के लिए खोले गए हैं. बाकी सभी शौचालयों में पिछले कई साल से ताला लटका हुआ है. उपयोग नहीं होने के कारण शौचालय भवन भी जर्जर हो चुके हैं.
शहर में मरम्मत के नाम पर साल 2018-19 के दौरान 13 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे, जिसमें से 5 लाख 66 हजार रुपये खर्च किए जा चुके हैं और एक बार फिर स्वच्छता सिंगार के नाम पर 19 लाख रुपए की राशि शासन से स्वीकृत की जानी है.
शौचालयों पर लगा ताला
हाल ही में 15 सार्वजनिक शौचालय में तालाबंदी कर दिया गई है और अब अधिकारी पूछे जाने पर मरम्मत का बहाना बनाकर शौचालय बंद रखने की बात कह रहे हैं.
खुले में शौच जाने को मजबूर लोग
नगर में मौजूद सार्वजनिक शौचालयों का लोगों को लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है. साफ-सफाई के आभाव में शौचालय की हालत बदहाल है. मरम्मत के नाम पर शौचालयों के गेट पर कई साल पहले ताला जड़ दिया गया है. समाज सेविका और पार्षद नीतू कोठारी ने बताया कि सुलभ शौचालय में अव्यवस्था है, जिसकी जानकारी हम CMO और नगर पालिका प्रबंधन को दे चुके हैं, जिसके बाद भी अब तक समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. शौचालय नहीं खुलने की वजह से वार्ड वासी खुले में शौच जाने मजबूर हैं.
'कराया जा रहा मरम्मत का काम'
नगर पालिका के स्वच्छता निरीक्षक श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि शौचालय का इस्तेमाल करने वालों की ओर से लगातार लापरवाही बरती जा रही है, जिसके कारण मरम्मत के कार्य कराए जा रहे हैं. हाल ही में स्वच्छता सिंगार के नाम से योजना लाई गई है, जिसके तहत मरम्मत के कार्य कराए जा रहे हैं.