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गर्भवती नर्स के मौत के मामले में कर्मचारी संघ ने की कार्रवाई की मांग - Pregnant nurse died in Bemetra

बेमेतरा में गर्भवती नर्स के मौत के मामले में कर्मचारी संघ ने कार्रवाई की मांग की है.संघ ने 5 बिंदुओं पर संभागीय संयुक्त संचालक से जवाब मांगा है.

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गर्भवती नर्स के मौत
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Published : May 1, 2021, 1:16 PM IST

बेमेतरा : नगर पंचायत परपोड़ी में गर्भवती एएनएम की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. वेंटिलेटर नहीं मिलने को मौत का कारण बताया गया. मृतका 8 महीने की गर्भवती थी. मौत के बाद स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने संभागीय संयुक्त संचालक को जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है. संघ ने जिम्मेदारों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने संयुक्त संचालक को लिखा पत्र

स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के संभाग अध्यक्ष सुरेश पटेल ने इसके लिए संभागीय संयुक्त संचालक को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है. पत्र में लिखा कि शासन-प्रशासन के नियमों को दरकिनार करते हुए अधिकारियों ने साजा ब्लॉक के परपोड़ी स्वास्थ्य केंद्र में दुलारी ढीमर की ड्यूटी लगाई थी. कोरोना संक्रमित होने के बाद उचित इलाज की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे उनकी मौत हो गई. संगठन ने 5 बिंदु पर आपत्ति जताई है और जवाबदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. संघ ने 5 दिनों के अंदर उचित कार्रवाई करने की मांग की है. कार्रवाई नहीं होने पर मानव अधिकार हनन और उचित प्रबंधन नहीं किए जाने को लेकर हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी है.

बेमेतरा में 8 महीने की गर्भवती नर्स की कोरोना से मौत, परपोड़ी अस्पताल में थी पदस्थ

स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने 5 बिंदु पर मांगा जवाब

  • दुलारी ढीमर को 8 माह गर्भावस्था में मातृत्व अवकाश लगने के बाद भी अवकाश क्यों नहीं दिया गया?
  • कोविड पॉजिटिव पाये जाने के बाद गर्भवती महिलाओं के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा उचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई?
  • कोविड 19 में शासन प्रशासन के नियमानुसार गर्भवती माता को ड्यूटी में छूट क्यों नहीं दिया गया?
  • निधन के बाद 50 लाख का बीमा राशि हेतु क्या कार्रवाई की गई है?
  • जिला अस्पताल बेमेतरा में परिजनों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था करने क्यों कहां गया?

तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में कराया गया था भर्ती

जिले के परपोड़ी शासकीय अस्पताल में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मचारी दुलारी ढीमर 29 वर्ष की थी. 26 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित होने के बाद उसे एम्स में भर्ती कराया गया था. मृतिका साजा ब्लॉक के परपोड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स के पद पर 2 साल से काम कर रही थी. उसकी 3 साल की एक छोटी बच्ची भी है. 8 महीने की गर्भवती होने के बाद उसे अवकाश नहीं दिया गया. ड्यूटी के दौरान वो कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

महिला ने नहीं ली थी मातृत्व अवकाश: बीएमओ

राज्य शासन में सरकारी महिला कर्मचारी को 6 महीने का मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान है, लेकिन दुलारी बाई ने अवकाश नहीं ली थी. इसकी जानकारी साजा के बीएमओ अश्वनी वर्मा ने दी है. अश्वनी वर्मा ने कहा कि वह 9वें महीने में अवकाश के लिए आवेदन देने वाली थी. उनके निधन की सूचना मिली है, विभाग से सहायता दी जाएगी. बीमा क्लेम के लिए भी प्रयास किया जाएगा.

बेमेतरा : नगर पंचायत परपोड़ी में गर्भवती एएनएम की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. वेंटिलेटर नहीं मिलने को मौत का कारण बताया गया. मृतका 8 महीने की गर्भवती थी. मौत के बाद स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने संभागीय संयुक्त संचालक को जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है. संघ ने जिम्मेदारों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने संयुक्त संचालक को लिखा पत्र

स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के संभाग अध्यक्ष सुरेश पटेल ने इसके लिए संभागीय संयुक्त संचालक को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है. पत्र में लिखा कि शासन-प्रशासन के नियमों को दरकिनार करते हुए अधिकारियों ने साजा ब्लॉक के परपोड़ी स्वास्थ्य केंद्र में दुलारी ढीमर की ड्यूटी लगाई थी. कोरोना संक्रमित होने के बाद उचित इलाज की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे उनकी मौत हो गई. संगठन ने 5 बिंदु पर आपत्ति जताई है और जवाबदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. संघ ने 5 दिनों के अंदर उचित कार्रवाई करने की मांग की है. कार्रवाई नहीं होने पर मानव अधिकार हनन और उचित प्रबंधन नहीं किए जाने को लेकर हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी है.

बेमेतरा में 8 महीने की गर्भवती नर्स की कोरोना से मौत, परपोड़ी अस्पताल में थी पदस्थ

स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने 5 बिंदु पर मांगा जवाब

  • दुलारी ढीमर को 8 माह गर्भावस्था में मातृत्व अवकाश लगने के बाद भी अवकाश क्यों नहीं दिया गया?
  • कोविड पॉजिटिव पाये जाने के बाद गर्भवती महिलाओं के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा उचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई?
  • कोविड 19 में शासन प्रशासन के नियमानुसार गर्भवती माता को ड्यूटी में छूट क्यों नहीं दिया गया?
  • निधन के बाद 50 लाख का बीमा राशि हेतु क्या कार्रवाई की गई है?
  • जिला अस्पताल बेमेतरा में परिजनों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था करने क्यों कहां गया?

तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में कराया गया था भर्ती

जिले के परपोड़ी शासकीय अस्पताल में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मचारी दुलारी ढीमर 29 वर्ष की थी. 26 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित होने के बाद उसे एम्स में भर्ती कराया गया था. मृतिका साजा ब्लॉक के परपोड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स के पद पर 2 साल से काम कर रही थी. उसकी 3 साल की एक छोटी बच्ची भी है. 8 महीने की गर्भवती होने के बाद उसे अवकाश नहीं दिया गया. ड्यूटी के दौरान वो कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

महिला ने नहीं ली थी मातृत्व अवकाश: बीएमओ

राज्य शासन में सरकारी महिला कर्मचारी को 6 महीने का मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान है, लेकिन दुलारी बाई ने अवकाश नहीं ली थी. इसकी जानकारी साजा के बीएमओ अश्वनी वर्मा ने दी है. अश्वनी वर्मा ने कहा कि वह 9वें महीने में अवकाश के लिए आवेदन देने वाली थी. उनके निधन की सूचना मिली है, विभाग से सहायता दी जाएगी. बीमा क्लेम के लिए भी प्रयास किया जाएगा.

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