बेमेतरा: चिटफंड कंपनी निर्मल इंफ्राहोम कार्पोरेशन लिमिटेड (NICL) ने बेमेतरा जिले में निवेशकों से लाखों रुपए का निवेश कराकर कंपनी बंद कर दी थी. इतना ही नहीं कंपनी डारेक्टर, अधिकारी, कर्मचारी वर्ष 2017 से फरार चल रहे थे. निवेशकों ने मामले की शिकायत थाने में कराई थी, जिसके बाद जिला पुलिस ने 4 आरोपियों को ओडिशा के भुवनेश्वर से गिरफ्तार कर बेमेतरा ले आई है. आरोपियों के खिलाफ प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, कांकेर, सूरजपुर समेत बलौदा बाजार में भी अनेक प्रकरण दर्ज हैं.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2013 से 2017 के बीच बेमेतरा में संचालित NICL चिटफंड कंपनी ने निवेशकों से लाखों रुपए निवेश कराया था. वहीं चिटफंड कंपनी का कार्यालय रायपुर में स्थित था, जिसकी शिकायत सविता तिवारी ने दर्ज कराई थी. चिटफंड कंपनी ने निवेशकों से रकम 6 साल में रकम दोगुना करने का प्रलोभन देकर निवेश कराया था, लेकिन वर्ष 2017 में चिटफंड कंपनी ने निवेशित रकम का दोगुना भुगतान करने के बजाय निवेशकों के करोड़ों रुपए लेकर रफूचक्कर हो गए थे.
एमपी से 5 लोग गिरफ्तार
बता दें कि मामले से संबंधित 5 सितंबर 2018 को कंपनी के 2 अन्य डायरेक्टर हरीश कुमार शर्मा और लखन सोनी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा चुका है. अब बेमेतरा पुलिस ने इस मामले में NICL चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर मध्यप्रदेश के शाजापुर के रहने वाले अभिषेक सिंह चौहान, भोपाल निवासी आशीष चौहान, निरंजन सक्सेना और ग्वालियर निवासी प्रबल प्रताप सिंह यादव को गिरफ्तार किया है. जिसे पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.