जगदलपुर: बस्तर में वैसे ही ट्रेनों की कमी है. बस्तरवासियों की मांग और आंदोलन के बाद कुछ यात्री ट्रेनों को तो संचालित किया जाता है, लेकिन इन ट्रेनों पर भी यात्री भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. नक्सलियों के दहशत से कई बार आनन-फानन में ट्रेनों को रद्द कर दिया जाता है और इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है. फिर से यात्री ट्रेनों को आनन फानन में 12 जून तक रद्द किया गया है. जिसकी मुख्य वजह नक्सलियों का जनपितुरी सप्ताह है.
यह भी पढ़ें: दुर्ग में उड़ता छत्तीसगढ़: कैसे ड्रग्स का अड्डा बन रहा दुर्ग ?
5 जून से जनपितुरी सप्ताह: दरअसल, नक्सली 5 जून से जनपितुरी सप्ताह मनाते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए ECO रेलवे प्रबंधन ने 12 जून तक जगदलपुर से किरंदुल के बीच यात्री ट्रेन नहीं चलाने का निर्णय लिया है. 5 जून को विशाखापट्टनम से जगदलपुर पहुंची, पैसेंजर किरंदुल के लिए रवाना हो चुकी थी, जिसे रास्ते से वापस बुलवाया गया.
यात्री ट्रेनों की नहीं मिलेगी सहूलियत: रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक, विशाखापट्टनम से चलकर किरंदुल तक आने वाली नाइट एक्सप्रेस और विशाखापट्टनम से चलकर किरंदुल जाने वाली पैसेंजर ट्रेन का संचालन 12 जून तक स्थगित रहेगा. किरंदुल और दंतेवाड़ा सेक्शन के अंतर्गत आने वाले सभी स्टेशनों में इस दौरान यात्री ट्रेन की सहूलियत नहीं मिल पाएगी.
वैकल्पिक इंतजाम: ECO रेलवे प्रबंधन के सीपीटीएम ने शनिवार की देर शाम आदेश जारी किया. जिसके बाद तय समय पर यहां से किरंदुल के लिए रवाना हो चुकी पैसेंजर को दंतेवाड़ा से वापस लौटने के आदेश दिए गए. एकाएक ट्रेन को रद्द किए जाने से उसमें सवार 30 से अधिक यात्री स्टेशन से बाहर निकलकर पैदल किसी तरह मुख्य सड़क तक पहुंचे. फिर गंतव्य के लिए रवाना हुए.