जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में हेल्थ सिस्टम का बुरा हाल है. खासकर बस्तर संभाग की बात करें तो यहां पर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति काफी खराब है. बस्तर के बस्तानार इलाके से एक तस्वीर सामने आई है. इस वीडियो में एक गर्भवती महिला को खाट पर कुछ लोग कंधे पर लादकर अस्पताल पहुंचाने जा रहे हैं. इस तरह यह लोग करीब दो किलोमीटर तक पैदल चले और गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचाया. बाद में यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.
बस्तर के बास्तानार का मामला: पूरा मामला बस्तर के बास्तानार के बुरगुम ब्लॉक का है. वायरल हो रहा यह वीडियो 2 मिनट 20 सेकेंड का है. जिसमें गांव के सरपंच की आवाज है और वह पूरी कहानी बयां कर रहे हैं. सरपंच ने कहा कि मैं बुरगुम सरपंच आज पहली बार हमें यहां से एक मरीज को कांधे पर लादकर अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है. हमारे गांव में सड़क नहीं है. इस वजह से हमें यह कदम उठाना पड़ा है.
सरपंच ने लोगों से की सहयोग की अपील: सरपंच ने लोगों से सहोयग की अपील की है. उन्होंने इस वायरल वीडियो और मैसेज को लोगों तक पहुंचाने की बात कही है. ताकि हमारी समस्याओं का हल निकल सके. बस्तर जिले का अंतिम छोर बारसूर पड़ता है. जो जंगली क्षेत्र है और सड़क की सुविधा नहीं है. इस क्षेत्र के विधायक और सांसद ध्यान नहीं दे रहे हैं. हम मांग करते हैं कि आप सभी सहयोग करें. किलेपाल से लेकर बस्तानार तक सड़क बना है. लेकिन इस क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में सड़क की सुविधा नहीं है. यहां के विधायक होते हुए भी कोई कामकाज का नहीं हो रहा है. तब ऐसी स्थिति में आप सभी सहयोग करें और मदद करें. गर्भवती महिलाओं को खाट में उठाकर ले जाया जा रहा है."
महिला और बच्चा स्वस्थ: बुरगुम गांव की गर्भवती महिला प्रमिला को परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से 2 किलोमीटर तक खाट में उठाकर ले जाया गया. जिसके बाद अन्य वाहन की मदद से किलेपाल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. जहां गर्भवती महिला ने एक शिशु को जन्म दिया.
बस्तर से लगातार ऐसी तस्वीरें आ रही: इधर 6 महीने पहले मानसून के दौरान एक ऐसे ही तस्वीर बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा क्षेत्र से निकल कर सामने आई थी. जिसमें ग्रामीणों द्वारा गर्भवती महिला खाट में उठाकर अस्पताल पहुंचाया गया. जिसके बाद महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था. लगातार ऐसी तस्वीरें बस्तर से निकलकर आ रही है. इसके बावजूद भी जिम्मेदारों के द्वारा अंदरूनी इलाकों में विकास कार्य नहीं किया जा रहा है. सड़कों की सुविधा ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही है. आजादी के 70 सालों के बाद भी यह तस्वीरें बदल नहीं रही है.