कांकेर: बस्तरवासियों की लंबे समय की एक मांग जल्द ही पूरी होने वाली है. रेल मंत्रालय ने बस्तर में रेल सुविधाओं में विस्तार करते हुए आजादी के अमृत महोत्सव में छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर के प्रमुख व्यवसायिक केंद्र अंतागढ़ वासियों को 13 अगस्त से रेल यात्री सुविधा की सौगात देने जा रही (Antagarh residents will get gift of passenger train) है.
रायपुर तक पहुंचेगी पैसेंजर ट्रेन: दरअसल, रायपुर से केवटी के बीच चलने वाली डेमु स्पेशल ट्रेन का विस्तार अंतागढ़ तक किया जा रहा है. 13 अगस्त से अब रायपुर से नक्सलगढ़ अंतागढ़ तक पैसेंजर ट्रेन दौड़ेगी. जिसको लेकर अंतागढ़ वासियों के साथ-साथ पूरे बस्तर वासियों में काफी खुशी है. साथ ही उम्मीद भी जगी है कि आने वाले 5 सालों में रायपुर से जगदलपुर तक रेल लाइन का काम पूरा कर लिया जाएगा. उसके बाद बस्तर वासियों को जगदलपुर से रायपुर तक पैसेंजर ट्रेन की सौगात मिल सकेगी.
बस्तरवासियों ने किया था 175 कि.मी का पदयात्रा: जगदलपुर-रावघाट रेल लाइन निर्माण की मांग को लेकर अप्रैल माह में बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स के आह्वान पर सर्व सामाजिक संगठन के बैनर तले 175 कि.मी पदयात्रा की शुरुआत अंतागढ़ से ही की गई थी. यह पदयात्रा करीब 10 दिनों तक चलकर जगदलपुर पहुंची. बस्तर वासियों ने रेल मंत्रालय से 5 सूत्रीय मांग की थी. जिसमें से एक प्रमुख मांग रायपुर के केवटी डेमू स्पेशल ट्रेन का नक्सलगढ़ अंतागढ़ तक विस्तार भी था. आखिरकार पदयात्रा के 4 महीने बाद रेल मंत्रालय ने बस्तर वासियों को रायपुर से अंतागढ़ तक पैसेंजर ट्रेन की सौगात दे दी है. 13 अगस्त को अंतागढ़ में पहली बार यात्री ट्रेन पहुंचने वाली है. आजादी के अमृत महोत्सव में 13 अगस्त से ही हर घर तिरंगा अभियान भी शुरू हो रहा है. ऐसे में बताया जा रहा है कि यात्री ट्रेन के विस्तार को लेकर खुशी का माहौल है. लोग अभी से यात्री ट्रेन में तिरंगा लहराने की तैयारी में लग गए हैं.
यह भी पढ़ें: रावघाट रेल परियोजना में हुए घोटाले पर कलेक्टर की बड़ी कार्रवाई, 100 करोड़ की होगी वसूली
बस्तर से रायपुर तक मिल सकती है रेल लाइन की सौगात: जगदलपुर से अंतागढ़ की दूरी 175 किलोमीटर है. बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर से रेल लाइन पर स्थित दुर्ग जंक्शन के बीच 322 किलोमीटर में से 147 किलोमीटर तक रेल लाइन का काम पूरा हो चुका है. बस्तरवासी अगर घोटाले में फंसी रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन के विवादस्पद क्षेत्र पर कानूनी व प्रशासनिक कार्रवाई पूरी होने तक छोड़कर 140 किलोमीटर में काम शुरू करने का दबाव बनाने में सफल होते तो अगले 5 सालों में जगदलपुर से राजधानी रायपुर तक रेल लाइन का सपना साकार हो सकता है और बस्तरवासी सीधे रायपुर तक जुड़ सकते हैं.