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अवैध महुआ शराब बनाने के विरोध में लामबंद हुए ग्रामीण, थाने में की शिकायत - Demand to stop illegal production of Mahua liquor in Balodabazar

बलौदाबाजार के गधाभाटा के सैकड़ों ग्रामीण गुरुवार को भटगांव थाने पहुंचे थे, जहां उन्होंने थाना प्रभारी से सलौनीकला के सबरियाडेरा में भारी मात्रा में बनाए जा रहे महुआ शराब पर रोक लगाने की मांग की है.

Demand to stop illegal production of Mahua liquor
शराब बनाने के विरोध में ग्रामीण
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Published : Aug 21, 2020, 2:30 PM IST

बलौदाबाजार : अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए शासन-प्रशासन लगातार कोशिश कर रही है. ग्रामीणों को इसके लिए समझाइश भी दी जा रही है, लेकिन असामाजिक तत्व इसे नहीं मान रहे हैं और अवैध शराब बनाने का धंधा जोरों पर है.

मामला बिलाईगढ़ ब्लॉक के भटगांव थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत गधाभाटा का है, जहां सैकड़ों किसानों ने थाने पहुंचकर सलौनीकला में अवैध शराब बनाने का विरोध किया. उन्होंने थाना प्रभारी से सबरिया डेरा में भारी मात्रा में बनाए जा रहे महुआ शराब को बंद करने की मांग की है.

शराब बनाने के विरोध में ग्रामीण

थाना प्रभारी से की शिकायत

गधाभाटा के ग्रामीणों ने थाना प्रभारी को बताया कि सलौनीकला के सबरिया डेरा में रहने वाले लोग उनके खेतों में जाकर भारी मात्रा में महुआ का अवैध शराब बनाते हैं और जो अपशिष्ट पदार्थ बचता है, उसे वहीं छोड़ जाते हैं, जिसे खाने के लिए रोजाना दर्जनों मवेशी खेतों में आते हैं और फसलों को बर्बाद करते हैं. इससे उनका काफी नुकसान हो रहा है.

पढ़ें: कोरबा: महुआ से बनी कच्ची शराब पीने से 2 की मौत, 1 गंभीर

वहीं किसानों ने भटगांव पुलिस पर आरोप लगाया है कि वे जब महुआ शराब को बंद करवाने की शिकायत लेकर थाने पहुंचे, तो केस दर्ज करने के बजाय उन्होंने आरोपियों को बुलाकर उनके साथ राजीनामा करवाने की कोशिश की. इधर भटगांव पुलिस का कहना है गधाभाठा के ग्रामीणों की शिकायत पर जांच के बाद महुआ से अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

लगातार हो रही कार्रवाई

पुलिस लगातार शराब और गांजा तस्करों पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन इसके बाद भी छत्तीसगढ़ में गांजे और शराब की तस्करी के मामले कम होते नजर नहीं आ रहे हैं.

क्राइम का बढ़ा ग्राफ

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेशभर में शराब दुकानें खोलने का आदेश दिया था. इसके साथ ही शराब की होम डिलेवरी की सुविधा भी शुरू की गई थी. इसके बाद से कई लोगों ने इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया, वहीं प्रदेश के कई हिस्सों में इसे लेकर घरेलू हिंसा के आंकड़ों में भी इजाफा हुआ है. लॉकडाउन के कारण अपराध के आंकड़ों में कुछ कमी आई थी, लेकिन बीते कुछ दिनों से शराब की दुकानें खुलने से अपराध का आंकड़ा फिर से बढ़ गया है. शराब दुकानों के शटर खुलते ही सबसे ज्यादा मामले मारपीट के दर्ज किए गए हैं.

बलौदाबाजार : अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए शासन-प्रशासन लगातार कोशिश कर रही है. ग्रामीणों को इसके लिए समझाइश भी दी जा रही है, लेकिन असामाजिक तत्व इसे नहीं मान रहे हैं और अवैध शराब बनाने का धंधा जोरों पर है.

मामला बिलाईगढ़ ब्लॉक के भटगांव थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत गधाभाटा का है, जहां सैकड़ों किसानों ने थाने पहुंचकर सलौनीकला में अवैध शराब बनाने का विरोध किया. उन्होंने थाना प्रभारी से सबरिया डेरा में भारी मात्रा में बनाए जा रहे महुआ शराब को बंद करने की मांग की है.

शराब बनाने के विरोध में ग्रामीण

थाना प्रभारी से की शिकायत

गधाभाटा के ग्रामीणों ने थाना प्रभारी को बताया कि सलौनीकला के सबरिया डेरा में रहने वाले लोग उनके खेतों में जाकर भारी मात्रा में महुआ का अवैध शराब बनाते हैं और जो अपशिष्ट पदार्थ बचता है, उसे वहीं छोड़ जाते हैं, जिसे खाने के लिए रोजाना दर्जनों मवेशी खेतों में आते हैं और फसलों को बर्बाद करते हैं. इससे उनका काफी नुकसान हो रहा है.

पढ़ें: कोरबा: महुआ से बनी कच्ची शराब पीने से 2 की मौत, 1 गंभीर

वहीं किसानों ने भटगांव पुलिस पर आरोप लगाया है कि वे जब महुआ शराब को बंद करवाने की शिकायत लेकर थाने पहुंचे, तो केस दर्ज करने के बजाय उन्होंने आरोपियों को बुलाकर उनके साथ राजीनामा करवाने की कोशिश की. इधर भटगांव पुलिस का कहना है गधाभाठा के ग्रामीणों की शिकायत पर जांच के बाद महुआ से अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

लगातार हो रही कार्रवाई

पुलिस लगातार शराब और गांजा तस्करों पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन इसके बाद भी छत्तीसगढ़ में गांजे और शराब की तस्करी के मामले कम होते नजर नहीं आ रहे हैं.

क्राइम का बढ़ा ग्राफ

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेशभर में शराब दुकानें खोलने का आदेश दिया था. इसके साथ ही शराब की होम डिलेवरी की सुविधा भी शुरू की गई थी. इसके बाद से कई लोगों ने इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया, वहीं प्रदेश के कई हिस्सों में इसे लेकर घरेलू हिंसा के आंकड़ों में भी इजाफा हुआ है. लॉकडाउन के कारण अपराध के आंकड़ों में कुछ कमी आई थी, लेकिन बीते कुछ दिनों से शराब की दुकानें खुलने से अपराध का आंकड़ा फिर से बढ़ गया है. शराब दुकानों के शटर खुलते ही सबसे ज्यादा मामले मारपीट के दर्ज किए गए हैं.

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