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बलौदाबाजार : हर साल बलिदान दिवस के रूप में मनाई जाती है शहीद धनंजय की बरसी - HINDI KHABAR

घटना 19 जून 2009 की है. बीजापुर सशस्त्र पुलिस बल में तैनात जवान धनंजय वर्मा नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए थे.

शहीद धनंजय वर्मा.
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Published : Jun 20, 2019, 10:34 AM IST

Updated : Jun 20, 2019, 11:12 AM IST

बलौदाबाजार: जिले का एक ऐसा गांव टोटनार जहां लोग यहां के शहीद जवान की याद में हर साल उसकी बरसी के दिन को बलिदान दिवस के रुप में मनाते हैं. इस कार्यक्रम में शहीद के सम्मान में रायपुर से पहुंचे पुलिस बैंड ने राष्ट्रगान की धुन बजाई, तो स्थानियों ने भी देशभक्ति से अभिभूत प्रस्तुतियां दी. कार्यक्रम में कलेक्टर कार्तिकेय गोयल और एसपी नीथू कमल ने भी हिस्सा लिया.

बलिदान दिवस कार्यक्रम

घटना 19 जून 2009 की है. बीजापुर सशस्त्र पुलिस बल में तैनात जवान धनंजय वर्मा नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद से ही गांव के लोगों ने इस दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया, जो आज तक जारी है. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने टोटनार पहुंचे कलेक्टर और एसपी ने इस पहल की जमकर तारीफ की. शहीद के माता-पिता को भी सम्मानित किया.

शहीद जवान घनंजय के पिता दशरथ वर्मा बताते हैं कि उनका भी चयन सेना में हुआ था. उन्हें जबलपुर जाना था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो जा नहीं सके तब उन्होंने फैसला किया की अपने बेटे को सेना में भेजेंगे. आज अपने बेटे की शहादत पर उन्हें जरा भी अफसोस नहीं है. उन्होंने अपने नाती को भी सेना में भेजा है. हालांकि उसकी अभी ट्रेनिंग जारी है. दशरथ कहते हैं कि अपने बेटे की याद में उसकी मां की आंखें आज भी नम हो जाती हैं.

जवान धनंजय को शहीद हुए आज दस साल हो गए हैं, लेकिन वो आज भी ग्रामीणों के दिलों में जिंदा है. इसका उदाहरण इसी से मिलता है कि गांव के उपस्वास्थ्य केन्द्र, हाईस्कूल और धर्मशाला का नाम शहीद धनंजय पर ही रखा गया है.

बलौदाबाजार: जिले का एक ऐसा गांव टोटनार जहां लोग यहां के शहीद जवान की याद में हर साल उसकी बरसी के दिन को बलिदान दिवस के रुप में मनाते हैं. इस कार्यक्रम में शहीद के सम्मान में रायपुर से पहुंचे पुलिस बैंड ने राष्ट्रगान की धुन बजाई, तो स्थानियों ने भी देशभक्ति से अभिभूत प्रस्तुतियां दी. कार्यक्रम में कलेक्टर कार्तिकेय गोयल और एसपी नीथू कमल ने भी हिस्सा लिया.

बलिदान दिवस कार्यक्रम

घटना 19 जून 2009 की है. बीजापुर सशस्त्र पुलिस बल में तैनात जवान धनंजय वर्मा नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद से ही गांव के लोगों ने इस दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया, जो आज तक जारी है. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने टोटनार पहुंचे कलेक्टर और एसपी ने इस पहल की जमकर तारीफ की. शहीद के माता-पिता को भी सम्मानित किया.

शहीद जवान घनंजय के पिता दशरथ वर्मा बताते हैं कि उनका भी चयन सेना में हुआ था. उन्हें जबलपुर जाना था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो जा नहीं सके तब उन्होंने फैसला किया की अपने बेटे को सेना में भेजेंगे. आज अपने बेटे की शहादत पर उन्हें जरा भी अफसोस नहीं है. उन्होंने अपने नाती को भी सेना में भेजा है. हालांकि उसकी अभी ट्रेनिंग जारी है. दशरथ कहते हैं कि अपने बेटे की याद में उसकी मां की आंखें आज भी नम हो जाती हैं.

जवान धनंजय को शहीद हुए आज दस साल हो गए हैं, लेकिन वो आज भी ग्रामीणों के दिलों में जिंदा है. इसका उदाहरण इसी से मिलता है कि गांव के उपस्वास्थ्य केन्द्र, हाईस्कूल और धर्मशाला का नाम शहीद धनंजय पर ही रखा गया है.

Intro:शहीद धनजंय वर्मा गांव की पहचान है इस गांव का हर बच्चा हर बूढ़ा और जवान इस नाम को हर दिन जीता है धनंजय वर्मा ने न सिर्फ देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी बल्कि उसने हजारों युवाओं के सामने एक मिसाल पेश की कि किस तरह से 1 गांव का लड़का बीजापुर में जाकर नक्सलियों से लोहा लेता है और शहीद हो जाता है। धनंजय वर्मा के पिता दशरथ वर्मा बताते हैं कि उनका सपना था कि उनका चयन सेना में जबलपुर के हुआ था लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह नहीं जा पाए थे इसलिए उन्होंने सोच रखा था कि अपने बारिस को जरूर सेना में या भर्ती करेंगे उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना बेटा देश के लिए कुर्बान कर दिया लेकिन उन्हें इस बात का कोई मलाल नहीं है शहीद धनंजय वर्मा की यादें कहीं ना कहीं दशरथ वर्मा की आंखों में नमी तो ले आई थी लेकिन उनका सीना गर्व से चौड़ा था इस गांव का हर बच्चा हर बूढ़ा और हर जवान आज एक ही छत के नीचे खड़ा था मौका था शहीद धनंजय वर्मा के बलिदान दिवस का इस गांव के लोगों ने जाति धर्म संप्रदाय से हटकर सामाजिक सद्भाव की एक मिसाल पेश की है जहां हर साल आज के दिन पूरा गांव इकट्ठा होता है और धनंजय वर्मा को याद करता है ।
इस गांव के युवाओं के लिए धनंजय वर्मा किसी हीरो से कम नहीं है ,दशरथ वर्मा ने बताते हैं कि उनके बेटे के शहीद होने के बाद भी उन्हें इस बात का कोई मलाल नहीं है और उन्होंने अपनी नातिन को भी देश की सेवा के लिए भेज दिया है उनकी नातिन धनंजय वर्मा से प्रभावित होकर आज कबीरधाम में ट्रेनिंग प्राप्त कर रही है और जल्द ही वह कश्मीर में देश की सेवा करेंगे।।


Body:वही शहीद धनंजय के बलिदान दिवस पर कलेक्टर कार्तिकेय गोयल और एसपी नीतू कमल गांव टोनाटार पहुंचे
कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने कहा कि यहां आकर वह खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं क्योंकि इसी पावन भूमि पर शहीद धनंजय ने जन्म लिया और पले बढ़े।
उन्होंने कहा कि टोनाटार गांव आज शहीद धनंजय के नाम से जाना जाता है यहां के युवाओं के लिए किसी हीरो से कम नहीं है उन्होंने कहा कि गांव के बुजुगो की यह पहल देश और समाज के लिए एक मिसाल है जहां जाति धर्म और समुदाय से ऊपर उठकर पूरा गांव हर साल उनकी शहादत दिवस पर इकट्ठा होता है।।
इस तरह के आयोजन देश और समाज में सद्भावना को बढ़ाते हैं उन्होंने कहा कि धरंजय जैसे वीर सिपाहियों के कारण ही आज हम सुरक्षित हैं जो खुद की जान की परवाह किए बगैर देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाने से भी नहीं चूकते।
इस मौके पर उन्होंने धनंजय की माता श्रीमती कैमरा भाई और दशरथ लाल को शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किया और शहीद की माता के चरण स्पर्श कर उनका नमन किया।

वहीं एसपी नीतू कमल ने कहा कि उनके लिए यह पल बहुत भावुक और गौरव से भरा है जहां एक तरफ शहीद धनंजय ने देश के लिए जान देकर इस गांव के हर व्यक्ति का सीना गर्व से चौड़ा किया है वहीं दूसरी तरफ उनको खोने का दर्द भी उनके परिवार के लिए कम नहीं है।।
लेकिन इस दर्द के बावजूद उनके परिवार का जज्बा देखते ही बनता है।।

शहीद धनजंय के शाहदत दिवस के मौके पर जिले भर के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और उनकी याद में सब ने 2 मिनट का मौन रखा ।रायपुर से आए पुलिस बैंड के द्वारा शहीदों के सम्मान में राष्ट्रगान की धुन भी बजाई गई।।
वही धनंजय के शहादत को याद करते हुए देशभक्ति पूर्ण सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई।।






Conclusion:बता दे कि शहीद धनंजय वर्मा बीजापुर में 19 जून 2009 को नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए थे वह बीजापुर सशस्त्र पुलिस बल में एसटीएफ बटालियन में कार्यरत थे।।
वही शहीद धनंजय के नाम पर गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र हाईस्कूल और धर्मशाला का निर्माण किया गया है।।
हर साल गाव के लोग अपने शहीद बेटे की शहादत दिवस पर श्रदांजलि दी।।

1.बाईट -

कार्तिकेया गोयल

2. बाईट

नीथू कमल

एसपी 1

3 बाईट .

दशरथ वर्मा

शहीद धनजंय के पिता।।



4 . बाईट

सरपंच
Last Updated : Jun 20, 2019, 11:12 AM IST
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