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ओडीएफ गांव में आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर ग्रामीण

बिलाईगढ़ की ग्राम पंचायत जोरा को 2017 में ओडीएफ घोषित हो चुका है. लेकिन आज भी ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. दरअसल, शौचालय निर्माण के दौरान गुणवत्ताहीन तरीके से काम किया गया, कुछ दिनों बाद ही शौचालय भरभरा कर गिर गए, जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने जनपद पंचायत सीईओ से की है.

qualityless work in toilet construction
शौचालय निर्माण कार्य में गड़बड़ी
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Published : Jul 4, 2020, 5:44 PM IST

Updated : Jul 4, 2020, 6:34 PM IST

बलौदाबाजार : बिलाईगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायतों को ओडीएफ तो घोषित कर दिया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. मामला ग्राम पंचायत जोरा का है, जहां शौचालय का निर्माण तो किया गया था, लेकिन वह बिना उपयोग किए ही गिर गया है.

खुले में शौच जाने को मजबूर ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि बिना बुनियाद के ही शौचालय का निर्माण कर दिया गया, जिसकी वजह से वह बिना इस्तेमाल के ही गिर गया. ग्रामीणों ने बताया कि गुणवत्ताहीन निर्माण की शिकायत उन्होंने सरपंच और सचिव से भी की थी, लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी. ग्रामीणों ने कहा कि बनने के कुछ दिनों बाद शौचालय की ईंट और दरवाजा गिर गया.

ग्राम पंचायत जोरा के सरपंच और सचिव ने 26 नवंबर 2017 को ही गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया. लेकिन शौचालय का निर्माण अब भी अधूरा पड़ा है, जोरा में बने लगभग सभी शौचालय सरपंच की देख-रेख में बनाए गए हैं, जो उपयोग के लायक नहीं हैं. ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. जब पूरे मामले को लेकर पंचायत सचिव जयराम पटेल से जनकारी मांगी गई, तो सचिव भी शौचालय निर्माण का सही आंकड़ा नहीं बता पाए.

पढ़ें-बलौदाबाजार: पार्षदों ने सहायक राजस्व निरीक्षक के खिलाफ लगाया मनमानी का आरोप

इस मामले को लेकर जनपद सीईओ कुलेश्वर गायकवाड़ ने कहा कि 'मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. जांच की जाएगी, जांच के बाद कोई दोषी पाया जाता है नियम अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी'.

पहले भी हो चुकी है शिकायत

बता दें कि, इससे पहले भी दूसरे ग्राम पंचायतों के लोगों ने जनपद पंचायत सीईओ से शिकायत की थी लेकिन सीईओ की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हालांकि इस बार जनपद सीईओ ने जांच के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

बलौदाबाजार : बिलाईगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायतों को ओडीएफ तो घोषित कर दिया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. मामला ग्राम पंचायत जोरा का है, जहां शौचालय का निर्माण तो किया गया था, लेकिन वह बिना उपयोग किए ही गिर गया है.

खुले में शौच जाने को मजबूर ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि बिना बुनियाद के ही शौचालय का निर्माण कर दिया गया, जिसकी वजह से वह बिना इस्तेमाल के ही गिर गया. ग्रामीणों ने बताया कि गुणवत्ताहीन निर्माण की शिकायत उन्होंने सरपंच और सचिव से भी की थी, लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी. ग्रामीणों ने कहा कि बनने के कुछ दिनों बाद शौचालय की ईंट और दरवाजा गिर गया.

ग्राम पंचायत जोरा के सरपंच और सचिव ने 26 नवंबर 2017 को ही गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया. लेकिन शौचालय का निर्माण अब भी अधूरा पड़ा है, जोरा में बने लगभग सभी शौचालय सरपंच की देख-रेख में बनाए गए हैं, जो उपयोग के लायक नहीं हैं. ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. जब पूरे मामले को लेकर पंचायत सचिव जयराम पटेल से जनकारी मांगी गई, तो सचिव भी शौचालय निर्माण का सही आंकड़ा नहीं बता पाए.

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इस मामले को लेकर जनपद सीईओ कुलेश्वर गायकवाड़ ने कहा कि 'मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. जांच की जाएगी, जांच के बाद कोई दोषी पाया जाता है नियम अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी'.

पहले भी हो चुकी है शिकायत

बता दें कि, इससे पहले भी दूसरे ग्राम पंचायतों के लोगों ने जनपद पंचायत सीईओ से शिकायत की थी लेकिन सीईओ की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हालांकि इस बार जनपद सीईओ ने जांच के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

Last Updated : Jul 4, 2020, 6:34 PM IST
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